टाटा स्टील में हुई दुर्घटना में मरे अनिल उपाध्याय का अंतिम संस्कार
टाटा स्टील के लाइम प्लांट में हुई दुर्घटना में मृत कंपनी कर्मचारी अनिल कुमार उपाध्याय का गुरुवार दोपहर साकची स्वर्णरेखा घाट पर अंतिम संस्कार हुआ।
जासं, जमशेदपुर : टाटा स्टील के लाइम प्लांट में हुई दुर्घटना में मृत कंपनी कर्मचारी अनिल कुमार उपाध्याय का गुरुवार दोपहर साकची स्वर्णरेखा घाट पर अंतिम संस्कार हुआ। अनिल को उनके बड़े बेटे ने मुखाग्नि दी। उनकी अंतिम यात्रा ट्यूब बारीडीह से निकली। इसमें टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव उर्फ टुन्नू चौधरी, कमेटी मेंबर केके गोप, पूर्व कमेटी मेंबर विनय पांडेय, एचआर अधिकारी आशीष कुमार सहित अन्य शामिल हुए। जबकि टाटा वर्कर्स यूनियन के एक भी पदाधिकारी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ, जो चर्चा का विषय बना रहा। कंपनी से परिवार को मिलेंगे दो ऑप्शन
अनिल उपाध्याय की मौत मामले में जांच पूरी होने के बाद कंपनी से उनके परिजनों को दो ऑप्शन मिलेंगे। पहला, अनिल का बेसिक और डीए उनकी पत्नी को अपने 60 वर्ष की उम्र तक मिलता रहेगा। इसमें प्रतिवर्ष कुल राशि में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। अगर बच्चे छोटे हैं तो उन्हें प्रबंधन की ओर से स्नातक तक पढ़ाई का कॉलेज फीस मिलेगी। सात वर्षो तक जिस क्वार्टर या फ्लैट में रह रहे हैं, वहां रहने को मिलेगा। क्वार्टर छोड़ने पर प्रतिमाह तीन हजार रुपये हाउस रेंट एलाउंस (एचआरए) मिलेगा। इससे पहले, शुरूआती छह माह तक अनिल के कुल वेतन, भत्ते का ग्रास वेतन उनकी पत्नी को मिलता रहेगा।
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दूसरा ऑप्शन : दो में से एक बेटे को कंपनी की ओर से उनकी योग्यता के आधार पर नौकरी मिलेगी। अनिल का बड़ा बेटा एनटीटीएफ से डिप्लोमा कर चुका है। ऐसे में उन्हें एनएस-7 के पद पर नौकरी मिल सकती है। अगर बेटे को 15 हजार रुपये मासिक वेतन पर कंपनी ज्वाइन करता है और अनिल का वेतन 25 हजार रुपये था, तो शेष दस हजार रुपये मृतक की पत्नी को मिलता रहेगा। इसके अलावे बेटे की नौकरी के साथ ही पिता को आवंटित क्वार्टर या फ्लैट भी उन्हें मिलेगा। अगर परिवार चाहे तो बेटे की पढ़ाई तक पहला ऑप्शन ले सकते हैं। पढ़ाई पूरी होने के बाद भी वे दूसरे ऑप्शन को ले सकते हैं। अगर बेटा उच्च शिक्षा के बाद कंपनी ज्वाइंन करता है और उसका वेतन पिता के वेतन से ज्यादा होता है तो भी अनिल की पत्नी को मासिक 5000 रुपये मिलेंगे। अनिल के सेवानिवृत्त अवधि पूरी होने के बाद पेंशन का लाभ भी मिलेगा।
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अंतिम संस्कार के लिए भी मिलेगी सहयोग राशि : कंपनी प्रबंधन की ओर से तत्काल अंतिम संस्कार के लिए तय राशि मिलेगी। इसके अलावे कंपनी में कार्यरत प्रत्येक कर्मचारी 30 रुपये के अंशदान के रूप में लगभग पांच लाख रुपये अनिल की पत्नी को मिलेंगे।