अमिताभ ने लगाई हितों के टकराव की हैट्रिक
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : क्रिकेट में हैट्रिक लगाने वाला का अलग ही महत्व होता है। जेएससीए सुप
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : क्रिकेट में हैट्रिक लगाने वाला का अलग ही महत्व होता है। जेएससीए सुप्रीमो अमिताभ चौधरी ने भी हैट्रिक लगाई है, वह भी हितों के टकराव के मामले में। लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार एक व्यक्ति किसी एक ही पद को सुशोभित कर सकता है। लेकिन अमिताभ चौधरी तीन-तीन पद सुशोभित कर रहे हैं। वर्तमान में वे खूंटी जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष है, साथ ही पिछले सात कार्यकाल से जेएससीए के अध्यक्ष भी हैं। इसी साल वे भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआइ) के संयुक्त सचिव का जिम्मा भी संभाल रहे हैं। रविवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कुछ समय के लिए उन्हें बीसीसीआइ का सचिव भी बनाया गया है। सबसे मजेदार बात यह है कि अध्यक्ष पद को छोड़कर इस रांची जिला में वर्ष 2009 से न तो चुनाव हुआ और न ही नई कमेटी का गठन हुआ है।
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ऑफिस बियरर्स नहीं बन पाएंगे ये अधिकारी
जेएससीए ने कई सरकारी अधिकारियों को सदस्य बनाया, लेकिन लोढ़ा कमेटी का हंटर ऐसा लगा कि अब अधिकारी अध्यक्ष, सचिव व उपाध्यक्ष बनने का सपना भी नहीं देख पाएंगे। इनमें आइजी आरके मल्लिक, आइपीएस रिचर्ड लकड़ा, अखिलेश झा, मनोज सिंह, हेमंत टोप्पो, डीएसपी अवधेश कुमार सिंह, श्रवण कुमार, सरोजिनी लकड़ा, इंस्पेक्टर चंद्रकिशोर, फूलेश्वर साहू आदि शामिल हैं।
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खेल पदाधिकारी भी घेरे में
लोढ़ा समिति की रिपोर्ट के अनुसार दूसरे खेल संघों के पदाधिकारी क्रिकेट संघ का चुनाव नहीं लड़ सकते। जेएससीए के कई सदस्य इसके दायरे में आते हैं, जिसमें झारखंड एथलेटिक्स संघ के मधुकांत पाठक का नाम सबसे ऊपर है। वह आधे दर्जन से अधिक खेल संघों में पदाधिकारी है। इसके अलावा नुरूल होदा, जय कुमार सिन्हा, शिव कुमार पांडेय, ज्ञानेंद्र नारायण, कुलदीप सिंह, हरभजन सिंह, शिवेंदु दुबे, अनिल जायसवाल, उय साहू, कुणाल, मानस सिन्हा, एमके भद्रा, उदय जायसवाल ऐसे नाम हैं, जो क्रिकेट के अलावा किसी न किसी अन्य खेल संघ में पदाधिकारी के पद पर विराजमान हैं।