बिहार के कृषि मंत्री बोले- कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन किसानों नहीं, बिचौलियों का
बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कृषि कानून के खिलाफ जारी आंदोलन को लेकर बड़ी बात कही है। कहा कि आंदोलन किसानों का नहीं बिचौलियों का है जो कानून से डरे हुए हैं। ये किसानों को खेती के अलावा निजी कार्यों के लिए भी कर्ज देते हैं।
जमशेदपुर, जासं। बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह जमशेदपुर आए थे। इस दौरान उनका कई स्थानों पर अभिनंदन हुआ। इसी बीच उन्होंने परिसदन में मीडिया से बात की। किसान आंदोलन की बात पर कृषि मंत्री ने कहा कि आंदोलन कौन कर रहा है, आप भी जानते हैं। वे किसान नहीं बिचौलिया हैं, जो किसानों का शोषण करते हैं। ये किसानों को खेती के अलावा निजी कार्यों के लिए भी कर्ज देते हैं।
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि सोचिए कि इसमें हरियाणा-पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों के किसान क्यों नहीं हैं। सबसे बड़ी बात कि इसमें केरल की वामपंथी सरकार के लोग भी शामिल हैं, जो खुद अपने राज्य में कृषि मंडी बंद कर चुके हैं। यहां मंडी के लिए आंदोलन कर रहे हैं। इसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों के किसान नहीं हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि यह बिल किसानों के हित में है।
बिचौलियों को नागवार गुजर रही ये बात
बिल में किसान को कीमत तय करने से लेकर कहीं भी अनाज बेचने की छूट दी गई है। यही बात हरियाणा-पंजाब के बिचौलिए को नागवार लग रही है, क्योंकि इससे तो किसान उनके हाथ से निकल सकता है। किसान अपने अनाज की खुद कीमत लगाएगा, इससे भी उनका एकाधिकार छिन जाएगा। इस बिल में कहीं नहीं लिखा है कि फसल कांट्रैक्ट करने से जमीन चली जाएगी। जमीन की तो बात ही नहीं है, लेकिन ये उसी को हौवा बना रहे हैं, क्योंकि बिचौलियों को पता है कि यही किसान की कमजोर नस है। किसान जो कांट्रैक्ट करेंगे, उसमें सारे शर्त तय करने का अधिकार किसानों को दिया गया है, जो बिचौलियों को पसंद नहीं है।