तनुश्री दत्ता के पक्ष में क्यों खड़ा है जमशेदपुर, जानिए क्या है कनेक्शन
अभिनेत्री तनुश्री दत्ता के समर्थन में झारखंड के जमशेदपुर में भी आवाज उठ रही है। उसे न्याय दिलाने के लिए लोग पक्ष में खड़े हो रहे हैं।
जमशेदपुर (जेएनएन)। फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली अभिनेत्री तनुश्री दत्ता के समर्थन में झारखंड के जमशेदपुर में भी आवाज उठ रही है। उसे न्याय दिलाने के लिए लोग पक्ष में खड़े हो रहे हैं। आखिर तनुश्री से जमशेदपुर के लोगों के लगाव की वजह क्या है? क्यों लोग उसे चाहते हैं? आपको पता है जमशेदपुर से तनुश्री का कनेक्शन क्या है?
दरअसल, तनुश्री से हमदर्दी की खास वजह है। तनुश्री का जन्म जमशेदपुर में ही हुआ। वह यही पली-बढ़ी और फिर उच्च शिक्षा के लिए पुणे चली गई। पुणे से मॉडलिंग में कदम बढ़ाया और फिर सफलता के कीर्तिमान गढ़े। बाद में तनुश्री की बहन इशिता ने भी बॉलीवुड का रुख कर लिया। उसके बाद पिता तपन दत्ता और मां शिखा दत्ता भी अपने बच्चों के साथ मुंबई में ही रहने लगे। तनुश्री के चाचा संजय नंदी और चाची अपर्णा नंदी जमशेदपुर के सीतारामडेरा के ईस्ट बंगाल कॉलोनी में रहते हैं।
19 मार्च 1984 को हुआ था जन्म
तनुश्री का जन्म जमशेदपुर के कदमा में 19 मार्च, 1984 को हुआ था। उसने स्कूली शिक्षा कदमा के ही अंग्रेजी माध्यम स्कूल डीबीएमएस से की। इस स्कूल में फिल्म अभिनेता आर माधवन भी इसी स्कूल में पढ़े। माधवन भी जमशेदपुर में जन्मे और पले-बढ़े। तनुश्री जब 2003 में मिस इंडिया चुनी गई तो जमशेदपुर में जमकर खुशियां मनाई गई थी।
नाना पाटेकर का पुतला फूंका
तनुश्री के पक्ष में नया विवाद आने के बाद जमशेदपुर में आवाज बुलंद हुई और नाना पाटेकर का विरोध किया गया। टिनप्लेट गोलचक्कर पर अभिनेता नाना पाटेकर का पुतला फूंका राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के बैनर तले फूंका गया। आंदोलन का नेतृत्व संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री राजकुमार वर्मा और जिला संयोजक रूबी सिंह ने किया। प्रदेश संयोजक डीडी त्रिपाठी भी मौजूद थे।
आवाज दबाने की कोशिश का आरोप
इस दौरान रूबी सिंह ने कहा कि एक तरफ महिलाओं के सशक्तिकारण की बातें की जा रही हैं और दूसरी ओर तनुश्री दत्ता की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। जमशेदपुर की ही एक बेटी और प्रसिद्ध सीरियल बालिका वधु की अभिनेत्री प्रत्युषा बनर्जी ने भी फिल्मी सिटी में महिलाओं और खासकर महाराष्ट्र से बाहर से काम करने आने वाली महिला कलाकारों की आवाज उठाई तो उसकी हत्या कर दी गई थी। आज वही दास्तान फिर दोहराने की कोशिश की जा रही है। लेकिन जमशेदपुर की जनता अब चुप नहीं बैठेगी। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के साथ महिला सशक्तिकरण के अपने नारे की सार्थकता सिद्ध करें।
आंदोलन में ये रहे शामिल
आंदोलन में सुरेंद्र नाथ मिश्रा, सोनी देवी, दिलजीत वर्मा, रंजना देवी, राधिका देवी, सुनीता देवी, शुक्ला घोष, रुक्मिणी भारती, पंडित रास विहारी दुबे, मंजीत सिंह, सतनाम सिंह गिल, दर्शन सिंह बेदी, कुलवंत सिंह, मंजीत मिश्रा, प्रभाकर मिश्रा आदि शामिल थे।