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घाटशिला के बाद अब दलमा में बाघिन की सूचना से हड़कंप Jamshedpur News

झुंझका व आसपास के ग्रामीणों को हिदायत दी गई है कि अंधेरा होने पर दूर जंगल में न जाएं सतर्क रहें लकड़ी चुनने के लिए घने जंगल में नहीं जाने की दी गई सलाह।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 09:49 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 09:31 AM (IST)
घाटशिला के बाद अब दलमा में बाघिन की सूचना से हड़कंप Jamshedpur News
घाटशिला के बाद अब दलमा में बाघिन की सूचना से हड़कंप Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। बीते सात जनवरी से ही वन विभाग को नाको चने चबाने को मजबूर करने वाली बाघिन ने अब संभवत: दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी के झुंझका जंगल में दस्तक दे दी है। अबतक माना जा रहा था कि पश्चिम बंगाल से आई बाघिन घाटशिला के जंगलों में है। कई पशुओं को उसने अपना शिकार बनाया। अब बाघिन के दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी क्षेत्र में होने की जानकारी मिलने से दलमा के वन संरक्षण पदाधिकारी (डीएफओ) व रेंजर के माथे पर पसीना ला दिया है।

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बकरी को खींच ले जाने की सूचना पर हरकत में आए वन्‍यकर्मी

बुधवार को दलमा के झुंझका में बाघिन को देखने की जानकारी मिली थी। इसके साथ ही चित्रगोड़ा निवासी धीरेंद्र टुडू की बकरी को बाघिन द्वारा खींचकर जंगल में ले जाने की जानकारी मिली। इसकी जानकारी मिलते ही मौके पर वन विभाग के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन किसी ने बाघिन को बकरी ले जाते नहीं देखा।

हालांकि बाघिन को दलमा के झुंझका में देखा गया है। इसकी पुष्टि वन विभाग के कर्मचारी ने की। कर्मचारी ने बताया कि वह अपनी आंखों से जंगल में बाघिन को देखा है। डर के मारे वह वहां से भागा और अपने उच्चाधिकारी को सूचना दी। दलमा के रेंजर आरपी सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गुरुवार को दो टीम को दलमा भेजा गया।

संभावित इलाकों में की गई खोजबीन, नहीं मिली सफलता

टीम के सदस्य अपने साथ प्लास्टर ऑफ पेरिस लेकर गया था, संभावित इलाके में बाघिन का पदचिन्ह की खोजबीन की गयी लेकिन कहीं पता नहीं चल पाया। रेंजर आरपी सिंह ने बताया कि जिस बकरी को बाघिन द्वारा ले जाने की बात कही जा रही है, जंगल में कहीं भी किसी प्रकार का कोई अवशेष नहीं मिला ना कोई चिन्ह। जानकारी हो कि बीते सप्ताह बाघिन द्वारा बासाडेरा निवासी सुमित्रा सिंह की बैल को मार दिया गया था। जिसका दूसरे दिन उसके मांस को भी खाया था।

इसके बाद बाघिन को बुधवार को दलमा क्षेत्र में देखा गया। दलमा के झुंझका गंाव में बाधिन को देखा गया जो कुख्यात नक्सली सचिन का गांव है। रेंजर ने बताया कि उन्होंने झुंझका व आसपास के ग्रामवासी से आग्रह किया है कि अंधेरा होने पर दूर जंगल में न जाएं, सतर्क रहें, यदि बाघिन होगी तो वह कुछ दिनों बाद खुद अपने गंतव्य की ओर रवाना हो जाएगी। 


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