टीएमएच में बोन मैरो के बाद अब किडनी ट्रांसप्लांट की भी सुविधा Jamshedpur News
कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शहरवासियों को टीएमएच से नई सुविधा मिलने लगेगी। अब शहरवासियों को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए महानगरों का रूख नहीं करना होगा।
By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 06:40 PM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 06:40 PM (IST)
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। टाटा स्टील द्वारा संचालित टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में बोनमेरो के बाद किडनी ट्रांसप्लांट शुरू हो चुका है। ज्वाइंट वर्क्स काउंसिल (मेडिकल) की अस्पताल परिसर स्थित सभागार में हुई स्पेशल मीटिंग में टीएमएच प्रबंधन ने यह जानकारी दी है।
टीएमएच प्रबंधन ने बताया है कि किडनी ट्रांसप्लांट के सभी जरूरी मशीन अस्पताल में लगाए जा चुके हैं। डॉक्टरों का प्रशिक्षण हो चुका है। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मरीज आते ही वे कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शहरवासियों को टीएमएच से नई सुविधा मिलने लगेगी। अब शहरवासियों को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए महानगरों का रूख नहीं करना होगा।
टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व के साथ हुई इस बैठक में अस्पताल प्रबंधन ने पिछली बैठक में काउंसिल द्वारा उठाए गए मुद्दों पर किस तरह से सुधार किया, इसकी जानकारी दी। प्रबंधन ने बताया कि चिल्ड्रेन वार्ड के वेटिंग रूम में पंखा लगाया गया है। न्यू केबिन में लिफ्ट लगेगा। अब घुटना प्रत्यारोपण के लिए कंपनी कर्मचारियों को सब्सिडी दर पर ही इलाज से पहले पैसे जमा करने होंगे जबकि पहले कर्मचारियों को इलाज के बाद सब्सिडी का पैसा बाद में मिलता था। बैठक में काउंसिल के सदस्यों ने वार्ड की स्थिति, सुविधा, डॉक्टरों की कार्यशैली पर प्रसन्नता जाहिर की। बैठक में यूनियन महासचिव सतीश कुमार सिंह, डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय, टीएमएच महाप्रबंधक डॉ. राजन चौधरी, इंडोर सर्विसेज के चीफ डॉ. केपी दुबे, डॉ. एस प्रधान सहित सभी विभागों के एचओडी व काउंसिल के सदस्य उपस्थित थे।
सीसीयू के सभी बेड में लगेंगे लाइफ सेविंग उपकरण
बैठक में अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि टीएमएच के क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) के सभी 32 बेड पर अब लाइफ सेविंग उपकरण लगाए गए हैं। वहीं, सीसीयू की बेहतर सुविधा के कारण उसे ईस्टर्न इंडिया में सबसे बेहतर सीसीयू घोषित किया गया है।
इन बिंदुओं पर बनी सहमति
इमरजेंसी में बढ़ते दबाव के कारण डॉक्टरों की संख्या को बढ़ाकर 19 होगी।
नई व्यवस्था के तहत अब पांच दिन की वेटिंग के बजाए आठ घंटे में होगा मरीजों का अल्ट्रा साउंड।
किसी भी मरीज को 15 दिन बाद के लिए चेकअप की तारीख डॉक्टर खुद करेंगे बुक। फिर से अप्वाइंटमेंट लेने की नहीं होगी झंझट।
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