Irregularity in NIT: एनआइटी की लाइब्रेरियन बुरी फंसी, वजह है हैरान करने वाली
Irregularity in NIT. यह मामला सितंबर में ही सामने आया था। इसके बाद संस्थान ने मामले की जांच बीएचयू (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी) के रजिस्ट्रार से कराई थी। एनआइटी जमशेदपुर देश के लगभग 20 संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना 1960 में हुई थी।
आदित्यपुर,जासं। आदित्यपुर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जमशेदपुर (एनआइटी) के पुस्तकालय में छात्रों के विलंब शुल्क की राशि जमा करने के मामले में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। इसमें तत्कालीन पुस्तकालध्यक्ष नीता भारती पर करीब आठ लाख रुपये की गड़बड़ी का आरोप है। लिहाजा उन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
यह मामला सितंबर में ही सामने आया था। इसके बाद संस्थान ने मामले की जांच बीएचयू (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी) के रजिस्ट्रार से कराई थी। इस मामले में आरोपित नीता भारती का पक्ष लेने के बाद अब संस्थान ने उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
17 दिसंबर को सजा होगी तय
बताया जाता है कि इस संबंध में 17 दिसंबर को प्रशासकीय समिति की बैठक होने वाली है, जिसमें पुस्तकालय अध्यक्ष नीता भारती की सजा तय कर दी जाएगी। वहीं इस मामले में संस्थान के रजिस्ट्रार सेवानिवृत्त कर्नल एनके राय ने कहा कि मामले की जांच की गई है। इसमें आरोपित शिक्षिका का पक्ष भी आ चुका है। अब इस मामले में संस्थान बोर्ड की बैठक में निर्णय लेगा। इस मामले में पुस्तकालयाध्यक्ष पर पदावनति या बर्खास्तगी के अलावा आर्थिक दंड लग सकता है।
एनआइटी जमशेदपुर 1960 से चल रहा
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) जमशेदपुर देश के लगभग 20 संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना 1960 में हुई थी। पहले यह संस्थान क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) के नाम से जाना जाता था। 27 दिसंबर 2002 को यह आरआइटी से एनआइटी में परिवर्तित कर दिया गया। भौगोलिक रूप से एनआइटी जमशेदपुर अब पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर की बजाय सरायकेला-खरसावां जिला स्थित आदित्यपुर में पड़ता है।