हत्यारोपित दारोगा को घुटने में दर्द, उठने-बैठने में परेशानी Jamshedpur News
हत्याकांड के आरोपित दारोगा मनोज गुप्ता का इलाज कोर्ट के आदेश पर एमजीएम अस्पताल के चिकित्सक करेंगे। रिपोर्ट में प्रशासन ने कहा कि जेल में आर्थोपेडिक्स चिकित्सक नहीं है।
जमशेदपुर, जासं। हत्या, आर्म्स एक्ट और जान से मारने की नीयत से फायरिंग के आरोपित घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद निलंबित दारोगा मनोज गुप्ता को घुटने में दर्द की शिकायत है। उठने-बैठने में उसे परेशानी हो रही है। जेल अस्पताल में चिकित्सक ने इलाज किया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। मनोज गुप्ता को बेहतर इलाज कराने के लिए उसके अधिवक्ता गौरव पाठक ने अदालत में अर्जी दाखिल की जिस पर अदालत ने जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी।
प्रशासन ने अदालत को बताया कि जेल में आर्थोपेडिक्स चिकित्स्क नहीं है। एमजीएम अस्पताल में दारोगा का इलाज कराया जाए। अदालत ने मनोज गुप्ता को एमजीएम अस्पताल के चिकित्सकों से इलाज कराने का आदेश जेल प्रशासन को दिया है। आदेश प्रशासन तक पहुंच चुका है। सुरक्षा गार्ड उपलब्ध होने पर दारोगा को जेल से एमजीएम अस्पताल भेजा जाएगा। संभवत 27 जनवरी को इलाज के लिए उसे अस्पताल लाया जाएगा। गौरतलब है कि मनोज गुप्ता बीते जुलाई से जेल के अस्पताल में दाखिल है।
पूनम गुप्ता और चंदन कुमार को गोली मरने के मामले में चिकित्सकों की गवाही
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चार राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में दारोगा मनोज गुप्ता के विरुद्ध दर्ज हत्या, जान से मारने की नीयत से फायङ्क्षरग और आम्र्स एक्ट के मामले में टाटा मुख्य अस्पताल के चिकित्सक अभिजीत गुआ ओर अमित कुमार सिन्हा की गवाही हुई। दोनों ने बताया कि दारोगा की पत्नी पूनम गुप्ता और उसके मुंहबोले भाई चंदन कुमार का इलाज अमित कुमार सिन्हा ने किया था। चिकित्सकों ने कहा कि दोनों को गोली लगी थी। दोनों होश में थे। मनोज गुप्ता के अधिवक्ता गौरव पाठक ने चिकित्सक अमित सिन्हा से पूछा कि चंदन कुमार का नाम-पता किसने लिखवाया। चिकित्सक ने कहा कि चंदन कुमार ने। चंदन कुमार ने चिकित्सक को अपना पता मनोज गुप्ता के सोनारी नवलखा अपार्टमेंट आवास बताया था जबकि वह पटना का रहने वाला है। मामले के अनुसंधान अधिकारी ने केस डायरी में लिखा था कि चंदन कुमार और पूनम गुप्ता गंभीर रुप से घायल थे। बोलने की स्थिति में नहीं थे।
सीमा देवी की हो गई थी मौत
गौरतलब है कि पारिवारिक विवाद में 26 जुलाई 2019 को नवलखा अपार्टमेंट ने गोली चलाई थी। इसमें सीमा देवी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि दारोगा की पत्नी पूनम गुप्ता और चंदन कुमार घायल हो गए थे। घटना के बाद दारोगा सर्विस रिवाल्वर लहराते हुए भाग निकले थे। बाद में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। पुलिस ने उसे घाघीडीह सेंट्रल जेल भेज दिया था। पूनम गुप्ता की शिकायत पर मनोज गुप्ता के खिलाफ हत्या और हत्या की नीयत से फायङ्क्षरग कर जख्मी करने का आरोप लगाते हुए सोनारी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।