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सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर के घर मिले इतने नोट कि गिनने में लग गए घंटों Jamshedpur News

Raid. एसीबी की टीम ने जमशेदपुर के मानगो में सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर के घर छापा मारा। टीम को तीन करोड़ रुपये मिले।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 03:22 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 08:33 AM (IST)
सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर के घर मिले इतने नोट कि गिनने में लग गए घंटों Jamshedpur News
सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर के घर मिले इतने नोट कि गिनने में लग गए घंटों Jamshedpur News

जमशेदपुर, जेएनएन। एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो (एसीबी) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। एसीबी की टीम ने  जमशेदपुर के मानगो में इंजीनियर के घर छापा मारा। टीम को तीन करोड़ रुपये मिले। यह पैसे भ्रष्‍टाचार कर कमाए गए थे। गुप्‍त सूचना के आधार पर छापेमारी डीएसपी अरविंद कुमार सिंह के नेतृत्व में हुई। ग्रामीण विकास विभाग के कनीय अभियंता सुरेश प्रसाद सरायकेला-खरसावां जिले के ग्रामीण विकास विभाग में पदस्‍थापित हैं।

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उन्‍हें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, जमशेदपुर की टीम ने विकास शर्मा से 10 हजार घूस लेते गुरुवार को गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को ब्यूरो की टीम ने घर की तलाशी ली। अभियंता के घर से 64 हजार और उसके किरायेदार आलोक रंजन के घर से कुल 2 करोड़ 44 लाख 16 हजार रुपये यानि कुल 2 करोड़ 44 लाख 80 हजार रुपये समेत अभियंता की घर से निवेश के कागजात, फ्लैट के कागजात और करीब 100 ग्राम आभूषण बरामद किया। यह कार्रवाई बकायदा मजिस्टे्रट की उपस्थिति में वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के साथ जब्त की की गई। गौरतलब है कि झारखंड और पूर्ववर्ती निगरानी ब्यूरो, झारखंड के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी नकद बरामदगी है। कार्रवाई को प्रदेश के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक के आदेश पर निगरानी ब्यूरो, जमशेदपुर के पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने विभाग के डीएसपी अरविंद कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम को लगाया गया था।

कनीय अभियंता के घर गिरफ्तारी के बाद गुरुवार रात को ही घर पर छापेमारी ब्यूरो की टीम ने की। आरोपित के घर की दो कमरों में ताले लगे पाए गए, जिसकी चाभी मांगने पर आरोपित द्वारा बताया गया कि उक्त कमरे किरायेदार के है और चाभी उनके पास नही है। इसके बाद दोनों कमरों को दंडाधिकारियों के हस्ताक्षरों के साथ इनके सामने सील कर दिया गया।

इस बीच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक को सूचना मिली कि कमरों में ढाई करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। तत्पश्चात एसपी चंदन सिन्हा ने दंडाधिकारियों के सामने वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराते हुए कमरों को खोलकर तलाशी लेने डीएसपी को आदेश दिया गया। बड़ी रकम और कागजी दस्तावेज बरामद किए गए। डीएसपी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि टीम की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

टीम ने किरायेदार से की पूछताछ

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, जमशेदपुर के डीएसपी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि अभियंता के किरायेदार आलोक रंजन की घर से रुपये मिलने पर उससे पूछताछ की। वह बिहार के अरवल जिले का मूल रुप से रहने वाला है। उसने बताया कि रुपये अभियंता के है। किरायेदार आलोक रंजन ने बताय कि वह अधिवक्ता है। चार वर्ष से अभियंता के घर पर रहता है। घर की दो चाभी है। एक उसके और दूसरी चाभी अभियंता के पास रहती थी। उसके घर से बरामद रुपये अभियंता के ही है जो उसके घर में नहीं रहने पर अलमारी में छुपाकर रख दिए गए।

अभियंता ने छापामारी टीम को दिया था प्रलोभन

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, जमशेदपुर की जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आरोपित अभियंता ने टीम में शामिल सदस्यों को छापामारी के दौरान प्रलोभन दिए जाने और दबाव दिलवाया गया था। बावजूद टीम ने निष्ठा और इमानदारी से काम करते हुए विधि सम्मत कार्रवाई की। विभाग के महानिदेशक ने छापामारी में शामिल टीम को और गुप्त सूचना देने वालों को भी पुरस्कृत किए जाने का आदेश भ्रष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो, जमशेदपुर के एसपी को दिया है।

हत्‍थे चढ़ते रहे हैं घूसखोर

एसीबी रेड में रुपये इतने ज्‍यादा रुपये बरामद होने का यह पहला मामला है। हालांकि,घूसखोरी के मामले में एसीबी लगातार गिरफ्तारी करती रही है। चालू वर्ष में ही  कोल्हान के 11 रिश्वतखोर अधिकारी दबोचकर जेल भेजे जा चुके हैं।  एसीबी ने इस साल अपना पहला शिकार 27 जनवरी को सरायकेला के राजनगर प्रखंड के डुमरडीहा के प्रधानाध्यापक अमीर कुमार राउत को बनाया। अमीर ने अपने एक शिक्षक से तीन महीने का वेतन देने के एवज में 3000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचे जाने के बाद जेल भेजे गए थे। पोटका थाना के सहायक अवर निरीक्षक देवेंद्र पोटका के शंभूनाथ से एक मुकदमे से उसका नाम निकालने के लिए 9000 रुपये की रिश्वत लेते 12 फरवरी को दबोचे गए। सात मार्च को पश्चिम सिंहभूम के मझगांव प्रखंड के एई और जेई को एक योजना में एमबी बनाने के लिए 4000 रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया। एक अप्रैल को मानगो नगर निगम के सहायक अभियंता राकेश रौशन को नक्शा पास करने के एवज में 5000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद जेल भेजा गया। 12 जून को सरायकेला के चांडिल अंचल के राजस्व निरीक्षक अमलेंदु कुमार को चौका के काशीडीह गांव के मृत्युंजय से उनकी जमीन का दाखिल खारिज करने के लिए 9000 रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया।

आख‍िरी श‍िकार आरईओ के कनीय अभियंता

जून को डुमरिया के राजस्व निरीक्षक काजल को अनुदान योजना का लाभ देने के एवज में 5000 रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया। 19 जुलाई को चाईबासा के लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार वादी की पत्‍नी रंजू सिंह से 80 लाख की पीसीसी सड़क का काम शुरू कराने के एवज में 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। 21 सितंबर को एसीबी ने इस साल का अपना आखिरी शिकार साकची थाने के पुलिस अवर निरीक्षक योगेंद्र राय को बनाया। योगेंद्र को टेल्को के राजेंद्र से दुकान का जीर्णोद्धार कराने के एवज में 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ। 23 सितंबर को चाईबासा के मनोहरपुर के बिजली विभाग का एसडीओ आलोक रंजन गोइलकेरा के जूलियन दास से बिजली का लोड बढ़ाने के लिए 20 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया। 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते ग्रामीण कार्य विभाग (आरईओ) सरायकेला के कनीय अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा को 14 14 नवंबर को गिरफ़तार किया गया।


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