आनंद सेन को 6.15 जबकि सुरेश दत्त त्रिपाठी को मिलता था 4.74 करोड़ वेतन
जागरण संवाददाता जमशेदपुर देश में स्टील उत्पादन कंपनियों में से एक टाटा स्टील मैन्यूफैक्चि
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : देश में स्टील उत्पादन कंपनियों में से एक टाटा स्टील मैन्यूफैक्चरिग सेक्टर में वेतन देने के मामले में भी नंबर वन है। टाटा स्टील ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में जो वित्तीय रिपोर्ट बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज सहित कंपनी के शेयरधारकों को दी है, उसमें कंपनी के शीर्ष 78 अधिकारियों के वेतन दिए जाने की जानकारी दी है। इसके तहत बीते वित्तीय वर्ष में कंपनी के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीइओ) सह प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन को 9.74 करोड़ जबकि एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सह चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर कौशिक चटर्जी को 9.57 करोड़ रुपये सालाना वेतन मिलता था। इनके बाद टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट (टीक्यूएम) एंड स्टील बिजनेस के प्रेसिडेंट आनंद सेन को सबसे ज्यादा 6.15 करोड़ रुपये और उसके बाद वाइस प्रेसिडेंट (एचआरएच) सुरेश दत्त त्रिपाठी को 4.74 करोड़ रुपये मिलते हैं।
इसके अलावा कंपनी के सभी वाइस प्रेसिडेंट और चीफ स्तर के अधिकारियों को कितने वेतन मिलते हैं? इसकी सूची वित्तीय रिपोर्ट में दी गई है। कंपनी प्रबंधन द्वारा दिए गए इस वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों के वेतन में उनके ग्रॉस पारिश्रमिक, भत्ते, कमीशन भी साथ में ही जोड़े गए हैं। इन वेतन के आधार पर ही अधिकारियों को परक्यूजिट टैक्स भी सरकार को देना पड़ता है।
परफॉरमेंस पर तय होता है इंक्रीमेंट : टाटा स्टील में आइएल-1 से लेकर आइएल-6 स्तर के अधिकारियों का वेतन उनके सालाना प्रदर्शन पर निर्भर करता है। इसके लिए सभी अधिकारियों को प्रतिवर्ष अपनी रिपोर्ट प्रबंधन को देनी होती है। इस रिपोर्ट पर उन्हें यह बताना पड़ता है कि पिछले वर्ष उन्होंने अपने लिए जो लक्ष्य तय किया था, उसमें कितने सफल रहे। किसी नए क्षेत्र में बेहतर पहल की है क्या? उनके कार्यक्षेत्र में कोई जानलेवा दुर्घटना हुई है क्या? अपने कार्यक्षेत्र में उन्होंने क्या ऐसी पहल की जिसके कारण उत्पादन लागत कम हुआ? ऐसे सभी विषयों के आधार पर ही सभी अधिकारियों को सालाना इंक्रीमेंट मिलता है।