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Job Alert : भारत सरकार के इस कदम से 7.5 लाख नौकरी की उम्मीद, जानिए क्या है योजना

Tata Motors केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव के तहत वह कंपनियों को 26 हजार करोड़ की सहायता देने जा रही है। इससे न सिर्फ एक झटके में 7.5 लाख लोगों को नौकरी मिलेगी बल्कि इलेक्ट्रिक व्हीकल उद्योग में क्रांति भी आएगी।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 09:39 AM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 09:39 AM (IST)
Job Alert : भारत सरकार के इस कदम से 7.5 लाख नौकरी की उम्मीद, जानिए क्या है योजना
Job Alert : भारत सरकार के इस कदम से 7.5 लाख नौकरी की उम्मीद, जानिए क्या है योजना

जमशेदपुर, जासं। भारत सरकार ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में स्थानीय उत्पादन काे प्रोत्साहित करने के लिए 26,058 करोड़ रुपये की पीएलआइ (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना शुरू की गई है, जिससे लगभग 7.5 लाख नौकरी के अवसर खुलने की उम्मीद है। यह योजना मौजूदा ऑटोमोटिव कंपनियों के साथ-साथ नई कंपनियों के लिए भी है जो ऑटोमोटिव निर्माण में शामिल नहीं हैं।

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इलेक्ट्रिक व हाइड्रोजन व्हीकल में आएगी क्रांति

भारत सरकार द्वारा इस पीएलआइ योजना के लिए कुल 1.97 लाख करोड़ रुपये अलग से रखे गए हैं, जिससे कुल 13 विभिन्न क्षेत्रों को सहायता मिलेगी। ऑटोमोटिव उद्योग के लिए 26,058 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी मिलने से भारत में इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों को अपनाना काफी आसान हो जाएगा। भारत सरकार के अनुसार, प्रोत्साहन संरचना को दो खंडों में विभाजित किया गया है, जहां एक ईवी और हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों के उत्पादन में सहायता करेगा, जबकि दूसरा आधा निर्माण घटकों की सहायता के लिए है। ऑटो उद्योग के लिए अलग रखी गई योजना बजट उन्नत प्रौद्योगिकियों से जुड़ी लागत संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करेगा।

इलेक्ट्रिक वाहन या वैकल्पिक ईंधन वाले वाहन को प्रोत्साहन

भारत सरकार को उम्मीद है कि पीएलआइ अगले पांच वर्षों में 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के वृद्धिशील उत्पादन के साथ 42,500 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करेगी। इसके साथ ही यह वैकल्पिक ईंधन, इलेक्ट्रिक वाहनों और उन्नत तकनीकी नवाचार या इनोवेशन के उपयोग पर पीएलआई योजना का संशोधित फोकस, उद्योग को भविष्य की प्रौद्योगिकियों की ओर तेजी से बढ़ने में मदद करेगा। भारत में इन प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में जल्दबाजी की भावना है और उद्योग को उस दिशा में तेजी से आगे बढ़ने के लिए यह योजना सही प्रोत्साहन देती है। कोई भी देश जो किसी विशेष क्षेत्र में नेतृत्व करने की इच्छा रखता है, उसे सरकारी सहायता की आवश्यकता होती है और इस योजना का उद्देश्य भविष्य में गतिशीलता के क्षेत्र में बस यही करना है।

कोविड महामारी ने सिखाया आत्मनिर्भर बनना

टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन ने कहा कि कोविड महामारी ने हमें हरसंभव आत्मनिर्भर बनना सिखाया है, इसलिए यह सरकार द्वारा अपने कार्यबल, संगठनों (ओईएम) और उपभोक्ताओं के लिए प्रतिस्पर्धी, विविध और जलवायु के प्रति जागरूक गतिशीलता समाधान और एक प्रगतिशील भारत की तलाश करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन योजना है।

टाटा मोटर्स में पीएलआइ से खुशी

टाटा मोटर्स के अध्यक्ष (पैसेंजर व्हीकल बिजनेस यूनिट) शैलेश चंद्रा ने इस घोषणा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत में एक घरेलू अग्रणी ऑटोमोटिव ब्रांड के रूप में टाटा मोटर्स में हम नई प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) योजना की घोषणा से खुश हैं। सरकार ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया है, विशेष रूप से प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में, जो भविष्य में प्रासंगिक और महत्वपूर्ण होगा। यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण, निर्यात और हाइड्रोजन ईंधन कोशिकाओं पर चलने वाले उनके सहायक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगी है। इसके साथ ही नई तकनीक ऑटो पार्ट्स के लिए उन्नत उत्पादन तकनीकों की आवश्यकता होती है।

ड्रोन उद्योग तेजी से पनपेगा

भारत सरकार ने ड्रोन उद्योग के लिए भी पीएलआइ को मंजूरी दी है। यह अगले तीन वर्षों के लिए 120 करोड़ रुपये आवंटित करेगा और भारत सरकार को इस क्षेत्र में 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। मोटर वाहन उद्योग के लिए 26,058 करोड़ रुपये की पीएलआइ न केवल देश में ईवी और एफसीईवी के निर्माण को बढ़ावा देगी, बल्कि अगले पांच वर्षों के दौरान उद्योग में 7.5 लाख नौकरियां भी पैदा करेगी। ऑटो उद्योग को बढ़ावा देने के अलावा यह जीडीपी में भी मदद करेगी, क्योंकि यह स्थानीय उत्पादन को काफी हद तक बढ़ाने वाला साबित होगा।


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