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टाटा हिताची के खड़गपुर जाने से 600 करोड़ का कारोबार होगा ठप

वर्ष 2000 में टाटा हिताची (जमशेदपुर, खडग़पुर व धारवाड़) का टर्नओवर 3600 करोड़, जिसमें जमशेदपुर की हिस्सेदारी 1500 करोड़ थी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 08 Nov 2018 10:41 AM (IST)Updated: Thu, 08 Nov 2018 12:05 PM (IST)
टाटा हिताची के खड़गपुर जाने से 600 करोड़ का कारोबार होगा ठप
टाटा हिताची के खड़गपुर जाने से 600 करोड़ का कारोबार होगा ठप

जमशेदपुर (अरविंद श्रीवास्तव)। टाटा मोटर्स व जापानी कंपनी हिताची की संयुक्त उपक्रम टाटा हिताची कंस्ट्रक्शन मशीनरी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड की जमशेदपुर यूनिट (मदर प्लांट) जमशेदपुर से खडग़पुर जा रही है। भारी वाहनों के लिए एक्सकेवेटर बनाने वाली यह कंपनी नवंबर-19 तक खडग़पुर में पूरी तरह शिफ्ट हो जाएगी। ऐसे में यहां करीब 600 करोड़ का कारोबार ठप हो जाएगा। इसका असर स्थानीय सप्लायर से लेकर वेंडर व कंपनी के निकटवर्ती दुकानों व ठेलों-खोमचे वालों पर भी पड़ेगा। 

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जानकारी के मुताबिक वर्ष 2000 में टाटा हिताची (जमशेदपुर, खडग़पुर व धारवाड़) का टर्नओवर 3600 करोड़, जिसमें जमशेदपुर की हिस्सेदारी करीब 1500 करोड़ रुपये थी। हाल के दिनों में इसका कुल कारोबार घटकर 1000 करोड़ हो गया। ऐसे में कंपनी के खडग़पुर चले जाने के बाद 600 करोड़ से अधिक का कारोबार ठप हो जाएगा। 

सड़क पर आ जाएंगे ठेका मजदूर

कंपनी के स्थानांतरित होने का असर स्थायी कर्मियों पर नहीं पड़ेगा, लेकिन वैसे 400 से अधिक ठेका मजदूर बेकार हो जाएंगे, जो कंपनी पर आश्रित हैं। कंपनी में आदित्यपुर, गोलपहाड़ी, गोविंदपुर, टेल्को स्थित लगभग दर्जन भर स्मॉल इंडस्ट्रीज से माल सप्लाई किया जाता है। ऐसी स्थिति में इन छोटी कंपनियों का बंद या प्रभावित होना तय माना जा रहा है। इन कंपनियों में सैकड़ों कर्मचारी कार्यरत हैं।  हालांकि मध्यम दर्जे की कंपनियां आज भी खडग़पुर स्थित हिताची कंपनी में माल सप्लाई कर रही हैं।

कई कर्मचारियों ने लिया इएसएस

कंपनी के स्थानांतरित होने के बाद से अभी तक कई कर्मचारी इएसएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले चुके हैं।  जानकारी हो कि कंपनी की मशीनों की शिफ्टिंग के बाद अब कर्मचारियों को खडग़पुर भेजा जा रहा है। धीरे-धीरे यहां की सभी भारी मशीनों को वहां भेजा जाएगा। 

क्यों हो रही है कंपनी की शिफ्टिंग

टाटा हिताची 31 मार्च 1999 में टाटा मोटर्स (टेल्को) से अलग होकर एक स्वतंत्र कंपनी बनी थी। टाटा मोटर्स के एक्सकेवेटर डिपार्टमेंट में कार्यरत करीब 600 कर्मचारियों का स्थानांतरण यहां किया गया था, जो आज घटकर 250 रह गए हैं। उस समय ठेका मजदूरों की संख्या भी स्थायी कर्मियों के बराबर थी। हिताची को टाटा मोटर्स की ओर से 33 एकड़ जमीन दी गई  है। वहीं खडग़पुर में 250 एकड़ जमीन पर प्लांट बनाया जा रहा है। यहां हिताची को पर्याप्त जमीन नहीं है जिससे कंपनी का विस्तारीकरण हो सके। जानकारी के मुताबिक एक निश्चित समयसीमा के लिए टाटा हिताची को जमीन मुहैया कराया गया था, जिसकी अवधि समाप्त होने वाली है। वर्ष 2000 में टाटा मोटर्स का शेयर 80 व हिताची का 20 फीसद था, जबकि आज हिताची का 60 तो टाटा का 40 फीसद रह गया है।

पूरी तरह ले जाने की योजना

जमशेदपुर प्लांट में फिलहाल पाट्र्स बनाए जा रहे हैं। इसकी एसेंबलिंग  खडग़पुर में हो रही है। नवंबर 2019 तक कंपनी को पूरी तरह शिफ्टिंग करने की योजना है। इससे स्थायी कर्मी तो नहीं, ठेका मजदूर, स्थानीय वेंडर-सप्लायर अवश्य प्रभावित होंगे।

-सी. माझी, अध्यक्ष टेल्कॉन यूनियन

जमीन की कमी वजह

जमीन की वजह से टाटा हिताची की शिफ्टिंग खडग़पुर हो रही है। यहां जगह की कमी है। आदित्यपुर के बड़े वेंडरों व सप्लायरों का माल आज भी वहां जा रहा है लेकिन छोटे कारोबारियों पर इसका असर पड़ेगा।

-इंदर अग्रवाल, पदाधिकारी एसिया 

टाटा हिताची के बड़े वेंडर-सप्लायर

जेएमटी, आरएसबी, यूनाइटेड इंडिया, श्याम एजेंसी, जेजे कंपनी, एपेक्स कंपनी, एक्रोपोली आदि।


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