Move to Jagran APP

405 घंटे के कोर्स से दक्ष बनेंगे झारखंड के 51 हजार छात्र

झारखंड के कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र 405 घंटे के कोर्स में ही दक्ष हो जायेंगे। इसके लिए झारखंड सरकार ने खास इंतजाम किए है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jun 2018 12:01 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jun 2018 12:02 PM (IST)
405 घंटे के कोर्स से दक्ष बनेंगे झारखंड के 51 हजार छात्र
405 घंटे के कोर्स से दक्ष बनेंगे झारखंड के 51 हजार छात्र

वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर : महज 17 दिन यानि 405 घंटे के कोर्स से झारखंड के 51 हजार छात्र तकनीकी रूप से दक्ष हो जायेंगे। सिर्फ यहीं नहीं इस कोर्स की समाप्ति के साथ ही इन छात्रों को झारखंड सरकार रोजगार भी उपलब्ध करायेगी। यह कार्य टाटा स्टील ऑफ सोशल साइंस (टिस) के द्वारा किया जायेगा। इस संबंध में झारखंड सरकार के उच्च शिक्षा, तकनीकी एवं कौशल विभाग के साथ टिस व कॉलेजों का एमओयू भी हो चुका है। इस योजना की शुरुआत कोल्हान विश्वविद्यालय से प्रारंभ की गई। कोल्हान विश्वविद्यालय के टाटा कॉलेज चाईबासा व महिला कॉलेज चाईबासा में इस कोर्स से पढ़ाई प्रारंभ हो गई है। झारखंड के अन्य कॉलेजों में जून के अंतिम सप्ताह से पढ़ाई प्रारंभ हो जायेगा। इस संबंध में टिस की ओर से सभी कॉलेजों को पत्र भी भेजा जा चुका है। झारखंड के कुल 400 कॉलेजों में इस एक्सल योजना को लागू किया जाना है। इस योजना के तहत सर्टिफिकेट इन सॉफ्टवेयर स्किल एंड मैनेजमेंट का कोर्स कराया जायेगा। इसके लिए टिस की टीम झारखंड के मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा विभाग से प्राप्त निर्देश के अनुसार काम कर रही है। एक बैच में मात्र 30 छात्र-छात्राएं इस कोर्स का लाभ ले पायेगी। दूसरा बैच प्रारंभ होगा की नहीं यह कॉलेज में छात्र-छात्राओं की रुचि पर निर्भर करेगा।

loksabha election banner

------------------

कोर्स के तहत क्या सीखेंगे छात्र

इंग्लिश कम्यूनिकेशन, डिजिटल लिटरेसी, व्यवहारिक विज्ञान, फाइनांसियल लिटरेसी, हेल्थ एंड हाइजिन, करियर स्किल्स, एनालेटिकल स्किल्स।

---------------

कोट

-हम इस योजना को लेकर काफी आशान्वित है। झारखंड के छात्र-छात्राओं की रुचि के अनुसार इस कोर्स को अमलीजामा पहनाया गया है। 51 हजार छात्रों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने का लक्ष्य है। यह कार्य पूर्ण रूप से जून के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ हो जायेगा। यह झारखंड सरकार की महत्वपूर्ण योजना है।

-डॉ. रमण वल्लभ, झारखंड स्टेट लीड, एक्सेल प्रोजेक्ट, टिस।

-----------------

इनसेट

कम पैसे में अन्य राज्यों में नहीं करना चाहते कार्य

-चिंता की बात

-कोल्हान विश्वविद्यालय के 3000 छात्रों में से मात्र 300 कर रहे काम

-रोजगार मेले से रोजगार प्राप्त करने वाले मात्र 5 प्रतिशत छात्र कर रहे है कार्य

जासं, जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों के प्लेसमेंट सेल व जनवरी माह में आयोजित झारखंड सरकार के रोजगार मेले में प्राप्त रोजगार में छात्र-छात्राएं दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। यह कोल्हान विश्वविद्यालय के लिए चिंता की बात दिख रही है। विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट सेल से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले डेढ़ साल में कॉलेजों द्वारा कराए गए कैंपस में 1500 छात्र-छात्राओं का चयन विभिन्न कंपनियों ने किया था। इसके अलावा जनवरी 2018 में आयोजित झारखंड सरकार के रोजगार मेला में 1500 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ था। कुल मिलाकर 3000 छात्र-छात्राएं चयनित हुए थे। लेकिन हैरत की बात है कि इसमें से दस प्रतिशत छात्र-छात्राएं ही कार्य कर रही है। रोजगार मेला में चयनित मात्र 5 प्रतिशत छात्र ही कार्य कर रहे हैं, बाकी नौकरी छोड़कर आ चुके हैं। इस संबंध में विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट सेल के प्रभारी डॉ. आरके कर्ण का कहना है कि छात्र दूसरे प्रदेशों में जाना ही नहीं चाहते हैं। यह चिंतनीय विषय है। इसके लिए छात्र-छात्राओं की काउंसिलिंग की आवश्यकता है। एक बार फिर से प्लेसमेंट विभाग को इस बारे में सक्रिय होना होगा। तीन लाख का पैकेज पाने वाले छात्र भी मुंबई, इंदौर, दिल्ली, गुड़गांव में कार्य नहीं करना चाहते। इस पर जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.