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World Artheritis day : युवाओं पर हावी हो रही बुजुर्गों की बीमारी, देर न करें ; आज ही कराएं इलाज

World Artheritis day. आर्थराइटिस लोगों को अपंग बना रहा है। झारखंड के जमशेदपुर में हर साल 500 घुटने बदले जा रहे हैं। युवाओं की तादात ज्‍यादा है।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 10:07 AM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 10:07 AM (IST)
World Artheritis day : युवाओं पर हावी हो रही बुजुर्गों की बीमारी, देर न करें ; आज ही कराएं इलाज
World Artheritis day : युवाओं पर हावी हो रही बुजुर्गों की बीमारी, देर न करें ; आज ही कराएं इलाज

जमशेदपुर, अमित त‍िवारी। आज के दौर का बदला लाइफ स्टाइल लोगों को कम उम्र में ही अपंग बना रहा है। युवा अवस्था में ही लोग बुजुर्गों वाली बीमारी से परेशान हो रहे हैं। युवाओं की हड्डियां कमजोर हो रही हैं। वे आर्थराइटिस की समस्या से जूझ रहे हैं।

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वैसे तो आर्थराइटिस सौ तरह के होते हैं, लेकिन जमशेदपुर में तीन तरह की आर्थराइटिस की समस्या सबसे अधिक लोगों को हो रही है। इसमें रूमैटॉयड, ऑस्टियो व सोरायटिक आर्थराइटिस शामिल हैं। रूमैटॉयड आर्थराइटिस किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। यह एक ऑटोइम्यूनिटी (शरीर अपने ही खिलाफ काम करने लगता है) वाली बीमारी है। फैमिली हिस्ट्री है तो इसके होने की आशंका ज्यादा होती है। यह बीमारी शरीर के जोड़ों को टेढ़ा-मेड़ा कर देती है। इस तरह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं ऑस्टियो आर्थराइटिस बढ़ती उम्र के साथ आमतौर पर 45 साल के बाद परेशान करता है। लेकिन, खराब लाइफ स्टाइल से अब यह जल्दी लोगों को पकड़ रहा है। उम्र 30 व उससे कम उम्र के लोगों को भी यह बीमारी जकड़ रही है। सबसे अधिक असर घुटनों पर होता है।

इस बार का थीम है : देर न करें, आज ही इलाज कराएं

विश्व आर्थराइटिस दिवस में इसबार का थीम 'देर न करें, आज ही इलाज कराएंÓ रखा गया है। इसका मकसद यह है कि आर्थराइटिस की जांच व इलाज जितना जल्दी शुरू होगा, मरीज के लिए उतना ही बेहतर होगा। जमशेदपुर में हर सार लगभग 500 से 600 लोगों के जोड़ प्रत्यारोपण किया जाता है। इसमें सबसे अधिक लगभग 500 घुटने का प्रत्यारोपण शामिल होता है। शहर में टीएमएच, टेल्को, टिनप्लेट, मेडिका, ब्रह्मïानंद, एपेक्स सहित अन्य अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध है।

बारीडीह की माधुरी दर्द से रहती परेशान

बारीडीह की माधुरी चौधरी को घुटने का आर्थराइटिस था। वह दर्द से काफी परेशान रहती थी। इलाज के लिए वह कटक भी गई लेकिन ठीक नहीं हुई। दवा खाने से कुछ देर राहत मिलती थी, उसके बाद फिर से दर्द शुरू हो जाता। अब एक डॉक्टर की सलाह पर नियमित व्यायाम व फिजियोथेरेपी करा रही है। प्रत्येक छह महीने पर दो से तीन सप्ताह वह फिजियो कराती है। इससे आराम है।

कोलकाता के डॉक्टर ने कहा बदलना पड़ेगा घुटना

गोलमुरी निवासी मो. फकरुद्दीन अंसारी को घुटने का आर्थराइटिस है। वह इसके इलाज के लिए कई अस्पतालों का चक्कर लगाए लेकिन ठीक नहीं हुआ। कोलकाता के एक डॉक्टर ने घुटना बदलने की सलाह दिया या फिर फिजियोथेरेपी कराने को कहा। अब फिजियोथेरेपी ले रहा हूं। इससे दर्द कम है। लगता है कि घुटना बदलने की नौबत नहीं आएगी।

एलोपैथी चिकित्सा

आर्थराइटिस के प्रति लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। इसमें सबसे पहले सही डॉक्टर चुनना चाहिए। अक्सर लोग दूसरे रोग के डॉक्टर या फिर झोला छाप व जड़ी बूटी के चक्कर में फंस जाते है। सही समय पर इलाज शुरू होने से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।

- डॉ. सौरव चौधरी, हड्डी रोग विशेषज्ञ।

होम्योपैथी चिकित्सा

होम्योपैथी में आर्थराइटिस का इलाज संभव है। सामान्य दर्द होने पर रस टॉक, ब्रायोनिया, कॉस्टिकम एवं आर्निका अच्छी दवाएं हैं। इससे काफी लाभ मिलता है। रूमैटॉयड आर्थराइटिस होने पर बेलाडोना, अब्रॉटेनम, अनिका, सिंफिटम, एसिड फॉमिक आदि दवा दी जाती है। आर्थराइटिस सामान्यता जोड़ों में दर्द को कहा जाता है।

- डॉ. कुलवंत सिंह, होम्योपैथी चिकित्सक।

आयुर्वेदिक चिकित्सा

आर्थराइटिस में नियमित व्यायाम जरूरी होता है। इसमें साइकिल चलाना, पैदल चलना, तैराकी, बगीचे का कार्य आदि शामिल है। फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए। शरीर पर प्रतिदिन 20 से 25 मिनट धूप लगना भी आवश्यक है। खराब जीवनशैली की वजह से यह बीमारी बढ़ रही है।

- डॉ. मनीष डूडीया, आयुर्वेद रोग विशेषज्ञ।

फिजियोथेरेपी चिकित्सा

आर्थराइटिस में फिजियोथेरेपी काफी कारगार इलाज है। कई वैसे मरीज आए जो चलने फिरने में पूरी तरह से असमर्थ थे लेकिन उन्हें फिजियो देकर ठीक किया गया है। अब वह चलने फिरने में असमर्थ थे। हालांकि, लोगों में जागरूकता की कमी होने की वजह से काफी देर से पहुंचते है। सिर्फ 10 से 15 फीसद लोग ही फिजियोथेरेपिस्ट के पास पहुंच पाते है।

- डॉ. गौतम भारती, फिजियोथेरेपिस्ट।


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