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कोल्हान की 25 कंपनियों में लटक गए ताले, 30 हजार लोगों की रोजी गई Jamshedpur News

बिजली शुल्क में अप्रत्याशित इजाफे की वजह से कोल्हान की 25 इंडक्शन फर्नेस से संचालित कंपनियों में ताले लटक गए हैं। इससे करीब 30 हजार लोगों का रोजगार छिन गया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 11:22 AM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 09:16 PM (IST)
कोल्हान की 25 कंपनियों में लटक गए ताले, 30 हजार लोगों की रोजी गई Jamshedpur News
कोल्हान की 25 कंपनियों में लटक गए ताले, 30 हजार लोगों की रोजी गई Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं।  झारखंड राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) में बिजली की दरों में 38 प्रतिशत बढ़ोतरी के खिलाफ कोल्हान की 25 इंडक्शन फर्नेस से संचालित कंपनियों में पहली अगस्त से ताले लटक गए। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 30 हजार स्थायी व अस्थायी कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। कंपनी मालिक राज्य सरकार की दोहरी नीति से नाराज है। उनका कहना है कि एक ही राज्य में आखिर बिजली दर की अलग-अलग व्यवस्था क्यों?

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बिजली की दर में हुई बढ़ोतरी के कारण इंडक्शन फर्नेस चलाने वाले सभी उद्यमियों को प्रतिमाह 25 से 30 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। ऐसे में अधिकतर कंपनी मालिकों ने अपने गेट पर नोटिस चिपका कर पहली अगस्त से कंपनी बंद करने की घोषणा कर दी है। ऐसे में वे मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे जिनकी रोजी-रोटी इन कंपनियों से चलती है।

एक राज्य में दो बिजली की दर क्यों

कंपनी मालिकों ने सवाल उठाया कि आखिर एक राज्य में बिजली की दो अलग-अलग दरें क्यों है? दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) में बिजली दर प्रति यूनिट 2.95 रुपये है जबकि झारखंड राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) में बिजली की दर 5.50 रुपये प्रति यूनिट है जो कि डीवीसी से 2.55 रुपये ज्यादा है। इससे अधिकतर कंपनियों को प्रतिमाह लगभग 30 लाख रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। 

मुख्यमंत्री से मिला सिर्फ आश्वासन

कंपनी मालिकों का कहना है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास कोल्हान से ही आते हैं। हमें उम्मीद थी कि वे हमारी व्यथा सुनेंगे। लेकिन पिछले चार माह से मुख्यमंत्री से हमें सिर्फ आश्वासन मिला। आखिर हम कितने महीने घाटा सह कर कंपनी चलाएं। इसलिए मजबूरी वश हमें अपनी कंपनी बंद करना पड़ रहा है। 

दोहरी मार झेलने को मजबूर

कंपनी मालिकों का कहना है कि वर्तमान में हम दोहरी मार झेलने को मजबूर है। एक तो बाजार में डिमांड नहीं है, कंपनियों के पास माल बनकर तैयार हैं लेकिन उन्हें खरीदार नहीं मिल रहे हैं। ऊपर से टाटा मोटर्स में भी मंदी व ब्लॉक क्लोजर के कारण दूसरी कंपनियां हमसे माल नहीं ले रही है। वहीं, बिजली की दर ने उनकी मुसीबत को और बढ़ा रही है। 

कोल्हान की बंद होने वाली कंपनियां

आदित्यपुर-गम्हरिया

1. कामसा स्टील

2. नरेड़ी स्टील

3. स्टाइल कमोडिटी

4. श्यामलाल आयरन

5. एसजी मल्टीकास्ट

6. मेटल कास्टिंग

7. जगदंबा इंगोटेक

8. संथाल एलाय

9. पूर्वी आयरन

चौका-चांडिल

1. वनांचल स्टील

2. लॉर्ड बालाजी

3. पसारी कास्टिंग

4. डिवाइन एलाय

5. गैलेक्सी एक्सपोर्ट

6. सिद्धि विनायक

7. गुलमोहर स्टील

8. जूही इंडस्ट्रीज

9. सनफ्लावर

10. मेटल एंड एलाय

धालभूमगढ़

1. हरिओम स्मेल्टर

2. गजानन फेरो

3. शंकर फेरो

4. हिमाद्री स्टील

5. बाबूभाई मेटालिक

6. सुखसागर

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