Job ALERT : टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो ने दी 51000 नौकरियां, फिर भी टैलेंट की कमी
IT Recruitment जहां सभी सेक्टर में नौकरियों का अकाल है वहीं आईटी सेक्टर में नौकरियों की भरमार है। हालत यह है कि टीसीएस विप्रो और इंफोसिस जैसी कंपनियों को प्रतिभावान युवा नहीं मिल रहे हैं। तीनों कंपनियों ने पिछले तीन महीने में 51000 नौकरियां दी हैं....
जमशेदपुर, जासं। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रमुख टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो हायरिंग की होड़ में हैं, जिन्होंने अकेले तीसरी तिमाही में 51,000 युवाओं को नौकरी दी है। इसके बावजूद कंपनियां प्रतिभावान युवाओं की कमी से जूझ रही है। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) के कारण प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और यही चुनौती कंपनियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
जीसीसी से घरेलू आईटी कंपनियों को मिल रही चुनौती
मल्टीनेशनल कंपनियां उत्पादकता बढ़ाने के लिए कई प्रयास कर रही है। वैश्विक स्तर पर जीसीसी भी उच्च वेतन पर प्रोफेशनल को काम पर रख रहे हैं। नतीजा, घरेलू आईटी कंपनियों को प्रतिभा की कमी का सामना करना पड़ रहा है। स्टाफिंग कंपनी एक्सफेनो के सह-संस्थापक कमल कारंथ ने कहा कि आईटी सेवा कंपनियां अपने जीसीसी ( Global Capability Centres) समकक्षों के साथ समान प्रतिभा के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं जो उच्च वेतन पर काम पर रख रहे हैं। हालांकि आईटी सेवा कंपनियों ने भी पेशेवर युवाओं पर खर्च करना शुरू कर दिया है।
स्टार्टअप ने 1 लाख 70 हजार को दिया रोजगार
आईटी सेवा कंपनियों एक और चुनौती से जूझ रही है। इसे हाइपर ग्रोथ सेंटर कहा जाता है। विदेशी कंपनिया या फिर जीसीसी भारतीय स्टार्टअप कंपनियों को फंडिंग करना शुरू कर दिया है। हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने फिनटेक स्टार्टअप कंपनी Groww में निवेश किया है।
वित्त पोषित टेक स्टार्टअप जैसे हाइपर-ग्रोथ क्षेत्रों से और चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि 500 जीसीसी के 2025 तक पांव पसारने की उम्मीद है, जिसमें मौजूदा 1.38 मिलियन से लगभग तीन मिलियन कर्मचारी की आवश्यकता होगी।
आईटी सेक्टर में नौकरियों की बहार
एक्सफेनो की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टेक स्टार्टअप्स में भी कर्मचारियों की संख्या में तीन गुना वृद्धि होने की उम्मीद है। स्टार्टअप इकोसिस्टम का आगमन, जिसने 1,70,000 युवाओं रोजगार दिया है, और भारत में जीसीसी ग्राहक आधार के विस्तार ने निश्चित रूप से भारत में सॉफ्टवेयर पेशेवरों के लिए अधिक अवसर खोले हैं। एक स्टाफिंग फर्म टीमलीज डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड के हेड, स्पेशलाइज्ड स्टाफिंग सुनील सी ने कहा कि कुल मिलाकर, आईटी सेक्टर में सभी स्तरों पर हायरिंग बढ़ने के कारण निकट भविष्य में आईटी में नौकरियां लगभग पांच मिलियन तक बढ़ेगी।
2025 तक 30 लाख कर्मचारियों की आवश्यकता
टीमलीज डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड के हेड, स्पेशलाइज्ड स्टाफिंग सुनील सी ने कहा कि अमेरिका में अभी भी भारत के जीसीसी का 65% हिस्सा है, लेकिन हम देखते हैं कि ईएमईए (यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका) में यह आंकड़ा पिछले दो वर्षों में 7% बढ़ गया है। भारत में 350-400 ईएमईए जीसीसी काम कर रहे हैं, जो स्थापित जीसीसी आधार का लगभग 30% है।
2025 तक 30 लाख कर्मचारियों की होगी जरूरत
ईएमईए क्षेत्र खुदरा, परिवहन, निर्माण, भारी इंजीनियरिंग, रसायन और खनिजों से जीसीसी के साथ अधिक उद्योग विविधता लाता है। हम भारत में उत्कृष्टता के तकनीकी और साझा सेवा केंद्र स्थापित करने के लिए यूरोप से आने वाले अधिक जीसीसी सेटअप देखना जारी रखते हैं। 2025 में 30 लाख कर्मचारियों की आवश्यकता होगी, जो आईटी सेक्टर को चुनौती देंगे।
उन्होंने कहा कि एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि भारतीय आईटी प्रतिभा अब निचले क्रम की नौकरियों को पूरा नहीं करती है। अगर आप प्रतिभावान हैं तो काम जरूर मिलेगा। आईटी सेवाएं एक समान स्थिर मॉडल की पेशकश नहीं कर सकती हैं क्योंकि वे ग्राहक परियोजनाओं पर निर्भर हैं। भारत में आईटी प्रतिभाओं के लिए यह रोमांचक समय है और हमें यकीन है कि मांग-आपूर्ति के अंतर को भरने के लिए विभिन्न चैनल मिलेंगे।
इन सेक्टर में होगी टैलेंट की डिमांड
8-10 वर्षों में, सॉफ्टवेयर रोजगार निश्चित रूप से 10 मिलियन तक पहुंच जाएगा। आईटी सेक्टर में यूजर्स एक्सपीरिएंस, डाटा इंजीनियरिंग, डाटा विजुअलाइजेशान, डाडा साइंस, फुलस्टैक, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन, साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशिलय इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, क्लाउट व मोबाइल ऐप डेवलपमेंट में काफी अवसर होंगे।