Health Tips: हेमंत ऋतु में शरीर को बना सकते बलवर्द्धक, प्राकृतिक व स्वदेशी चिकित्सा पद्धति से खुद को बना सकते चुस्त-दुरुस्त, जानिए कैसे
Natural Remedies शीत ऋतु में जठराग्नि अत्यधिक प्रबल रहती है अतः इस समय लिया गया पौष्टिक और बलवर्धक आहार वर्ष भर शरीर को तेज बल और पुष्टता प्रदान करता है। इस ऋतु में एक स्वस्थ व्यक्ति को अपनी सेहत के लिए किस प्रकार का आहार लेना चाहिए।
जमशेदपुर, जासं। फिलहाल जो मौसम है, वह वर्षा ऋतु और शीत ऋतु के बीच का संक्रमण काल भी कहा जा सकता है। इसे हेमंत ऋतु भी कहा जाता है। इस अवधि में आप खानपान से शरीर को बलवर्द्धक बना सकते हैं, बस आपको जानना चाहिए कि इस ऋतु में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
जमशेदपुर की प्राकृतिक व स्वदेशी चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय ने बताया कि यह ऋतु विसर्गकाल अर्थात् दक्षिणायन का अंतकाल कहलाती है। इस काल में चंद्रमा की शक्ति सूर्य की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली होती है, इसलिए इस ऋतु में औषधि, वृक्ष, पृथ्वी व जीव-जंतुओं की पौष्टिकता में भरपूर वृद्धि होती है। शीत ऋतु में शरीर में कफ का संचार होता है तथा पित्तदोष का नाश होता है। शीत ऋतु में जठराग्नि अत्यधिक प्रबल रहती है अतः इस समय लिया गया पौष्टिक और बलवर्धक आहार वर्ष भर शरीर को तेज, बल और पुष्टता प्रदान करता है। इस ऋतु में एक स्वस्थ व्यक्ति को अपनी सेहत के लिए किस प्रकार का आहार लेना चाहिए। शरीररक्षण कैसे हो। आइए, हम जानते हैं...
- शीत ऋतु के इस काल में खट्टा, खारा तथा मधुर रसप्रधान आहार लेना चाहिए।
- पचने में भारी, पौष्टिकता से भरपूर, गरिष्ठ एवं घी से बने पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए।
- इस ऋतु में सेवन किए हुए खाद्य पदार्थों से ही वर्ष भर शरीर की स्वस्थता की रक्षा का भंडार एकत्रित होता है। अतः उड़दपाक, सोंठपाक जैसे बाजीकारक पदार्थों अथवा च्यवनप्राश आदि का उपयोग करना चाहिए।
- जो पदार्थ पचने में भारी होने के साथ-साथ गरम व स्निग्ध प्रकृति के होते हैं, ऐसे पदार्थ लेने चाहिए।
- दूध, घी, मक्खन, गुड़, खजूर, तिल, खोपरा, सूखा मेवा तथा चरबी बढ़ानेवाले अन्य पौष्टिक पदार्थ इस ऋतु में सेवन करने योग्य माने जाते हैं।
- इन दिनों ठंडा भोजन नहीं करना चाहिए, बल्कि थोड़ा गर्म एवं घी-तेल की प्रधानता वाला भोजन करना चाहिए।