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Air India से हाथ मिला सकता Tata Group, पहले भी टाटा की ही थी यह एयरलाइंस

टाटा घराना ने भारत में पहली बार किसी एयरलाइंस की स्थापना की थी जिसका नाम टाटा एयरलाइंस था। बाद में सरकार ने इसे अधिग्रहण कर लिया और नाम पड़ा एयर इंडिया। अब यही एयर इंडिया एक बार फिर टाटा ग्रुप के पास आ सकता है।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 06:14 PM (IST)
Air India से हाथ मिला सकता Tata Group, पहले भी टाटा की ही थी यह एयरलाइंस
Air India से हाथ मिला सकता Tata Group

जमशेदपुर, जासं। आज शायद ही कोई उत्पाद है, जिसमें टाटा की धमक नहीं हो। नमक, मसाले, दाल से लेकर रेडीमेड कपड़े और दवा तक में टाटा है। अब कहा जा रहा है कि टाटा समूह एयर इंडिया को वापस ले सकता है। वैसे भी आजादी के कई वर्ष बाद तक एयर इंडिया टाटा के पास ही थी।

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बताया जा रहा है कि टाटा समूह की सहायक कंपनी एयर एशिया इंडिया को भी इसके अधीन लाना चाहती है। खबर यह भी है कि इस योजना से जुड़े करीबी अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया था। टाटा संस की होल्डिंग कंपनी जल्द ही एयर इंडिया के लिए बोली जमा कर सकती है। यह बात इसलिए भी सच के करीब लग रही है, क्योंकि भारत सरकार एयर इंडिया आंशिक रूप से बेचने को इच्छुक है। यह भी कहा जा रहा है कि सितंबर के अंत तक इसकी नीलामी की घोषणा कर दी जाएगी।

विस्तारा एयरलाइंस को लगेंगे पंख

फिलहाल टाटा समूह सिंगापुर एयरलाइंस के सहयोग से विस्तारा एयरलाइंस का संचालन कर रहा है। योजना के मुताबिक यदि टाटा ने एयर इंडिया का अधिग्रहण कर लिया तो निश्चित रूप से विस्तारा में नए पंख लग जाएंगे। ज्ञात हाे कि विस्तारा देश की अकेली एयरलाइंस है, जिसका मुख्यालय बेंगलुरू में है। बाकी सभी विमानन कंपनियों के मुख्यालय मुंबई, दिल्ली, कोलकाता या चेन्नई में हैं। टाटा समूह के मौजूदा एयरलाइन व्यवसाय में विस्तारा (टाटा एसआइए एयरलाइंस) और एयर एशिया इंडिया शामिल है।

भारत में जेआरडी ने शुरू की थी टाटा एयरलाइंस

बहुत कम लोगों को पता होगा कि भारत में सबसे पहले विमानन सेवा टाटा ने ही शुरू की थी। टाटा एयरलाइंस के सर्वेसर्वा जेआरडी टाटा ही थी। आजादी के काफी वर्षों बाद तक भारत सरकार के पास विमान नहीं था। भारतीय डाक सेवा भी टाटा एयरलाइंस के माध्यम से चलता था। बाद में हवाई सेवा का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया, लेकिन इसका पूरा काम जेआरडी टाटा ही देखते थे। भारत सरकार ने बहुत बाद में हवाई जहाज खरीदा। 


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