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क्या आपको पता है पासपोर्ट का इतिहास, किसने किया था इसे शुरू, भारत में हैं कितने तरह के पासपोर्ट

Passport History यदि आपको विदेश जाना है तो आपके पास पासपोर्ट होना अनिवार्य है। इसके बिना आप विदेश नहीं जा सकते हैं। भारत ही नहीं बल्कि सभी देशों में पासपोर्ट से संबधित व्यक्ति की पहचान स्थापित होती है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 05:45 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 05:45 PM (IST)
क्या आपको पता है पासपोर्ट का इतिहास, किसने किया था इसे शुरू, भारत में हैं कितने तरह के पासपोर्ट
आपको पता है कि पासपोर्ट की शुरुआत किसने की।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। यदि आपको विदेश जाना है तो आपके पास पासपोर्ट होना अनिवार्य है। इसके बिना आप विदेश नहीं जा सकते हैं। भारत ही नहीं बल्कि सभी देशों में पासपोर्ट से संबधित व्यक्ति की पहचान स्थापित होती है। क्या आपको पता है कि पासपोर्ट की शुरुआत किसने की, नहीं तो आइए हम बताते हैं इसके बारे में।

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ईसा से 450 साल पहले हुई थी इसकी शुरुआत

हिब्रू साहित्य के अनुसार ईसा से 450 वर्ष पहले पासपोर्ट की शुरुआत हुई थी। जब फारस के राजा नेहेमियाह ने अपने एक अधिकारी को जूडिया भेजा था। तब हवाई जहाज तो होते नहीं थे। लोगों को विभिन्न देशों से होकर गुजरना पड़ता था। हर देश की सीमा पर पहरेदार होते थे। ऐसे में फारस के राजा ने अपने अधिकारी को एक रसीद दी थी जिसमें उनका संदेश लिखा था कि उनका अधिकारी उक्त काम से जूडिया जा रहा है कृपया यात्रा पूरी करने में उसकी मदद की जाए। इसे ही पासपोर्ट की शुरूआती प्रारुप माना गया है। जबकि मध्य युग में इस्लामी खिलाफत के दौरान केवल उन्हें ही यात्रा की अनुमति दी जाती थी जिनके पास जका या जिज्वा की रसीद होती थी। उस समय इसे ही पासपोर्ट माना गया था।

इन्हें आधुनिक युग में पासपोर्ट शुरू करने करने का है श्रेय

आधुनिक युग में पासपोर्ट की आधिकारिक शुरुआत करने का श्रेय इंग्लैंड के हेनरी जार्ज पंचम को है। 1414 के संसदीय अधिनियम में भी पासपोर्ट का जिक्र है। 19वीं सदी में भी जब यूरोप में रेलमार्ग का विस्तार हुआ तो यात्राएं बढ़ी। ऐसे में एक देश के यात्री को दूसरे देश में सफर करने के दौरान अपनी पहचान बताने के लिए कोई दस्तावेज नहीं थे। तब पासपोर्ट को ही आधिकारिक रूप से यात्रियों का पहचान बताने वाला दस्तावेज माना गया। वर्ष 1914 में जब पहला विश्वयुद्ध हुआ तो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी पासपोर्ट को जरूरी माना गया।

भारत में है तीन तरह के पासपोर्ट

अक्सर हमारे पास नीले रंग का पासपोर्ट होता है लेकिन शायद यह सभी को पता नहीं है तो भारत में दो और रंगों के पासपोर्ट हैं। नीले रंग का पासपोर्ट आम जनता के लिए सफेद रंग का भी पासपोर्ट होता है जो आधिकारिक या सरकारी कामकाज के लिए दूसरे देश जाने वाले अधिकारियों को मिलता है। इसके अलावा मरून रंग का पासपोर्ट भारतीय डिप्लोमेट्स या वरीय सरकारी अधिकारियों को दिया जाता है।

छह रैकिंग गिरा भारत का पासपोर्ट

हर देश के पासपोर्ट की अपनी रैकिंग है। इस रैकिंग में जापान पहले और सिंगापुर दूसरे और जर्मनी व दक्षिण कोरिया संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर है। रैकिंग का मतलब है कि आपके देशवासियों को कितने देश आसानी से अपने यहां आने देते हैं। वर्ष 2020 में भारत की रैकिंग 84 था लेकिन वर्तमान में रैकिंग छह अंक गिरकर 90 पर पहुंच गया है। इसके अलावा दुनिया के 58 देश भारतीय नागरिकों को बिना वीजा के ही अपने यहां आने देते हैं।

घर बैठे बनवा सकते हैं अपना पासपोर्ट

यदि आपके पास पासपोर्ट नहीं है तो आप घर बैठे ही ऑनलाइन पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको बस एक बार पासपोर्ट सेवा केंद्र जाना होगा। जहां आपको अपने तय अप्वाइंटमेंट में जाकर फोटो खिचवाने और संबधित दस्तावेज दिखाना होगा।


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