जमशेदपुर के इंडस्ट्रियल टाउनशिप का बना प्रारूप, टाटा स्टील ने दी सशर्त सहमति
Industrial Township जमशेदपुर को औद्योगिक नगर बनाने का मामला एक बार फिर ताजा हो गया है। एक जुलाई को नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव द्वारा रांची में हुई बैठक में इसका प्रारूप रखा गया। ये रही पूरी जानकारी।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। जमशेदपुर को औद्योगिक नगर बनाने का मामला एक बार फिर ताजा हो गया है। एक जुलाई को नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव द्वारा रांची में हुई बैठक में इसका प्रारूप रखा गया। इसमें सचिव ने बताया कि जमशेदपुर में आैद्योगिक टाऊनशिप के गठन का निर्णय राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में ही लिया गया था। इसमें मुख्य रूप से तीन शर्त रखी गई है, जिसके मुताबिक टाटा स्टील लिमिटेड ने वर्ष 2008 में सुप्रीम कोर्ट में जो विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर किया है, उसे वापस लेना चाहिए।
टाटा स्टील लिमिटेड को उन आवासीय क्षेत्र को फिर से सबलीज में शामिल करने के लिए सहमत होना चाहिए, जो टाटा लीज का हिस्सा बन रहे थे आैर उन्हें सभी बुनियादी नगरपालिका सेवाएं प्रदान कर रहे थे। तीसरी शर्त में आैद्योगिक टाउनशिप समिति में राज्य का उचित प्रतिनिधित्व होना चाहिए। सचिव ने यह भी बताया कि टाटा स्टील लिमिटेड द्वारा पूर्व में ही उपरोक्त शर्तों पर अपना जवाब समर्पित कर दिया है। उसे जिन शर्तों पर 2005 में भूमि लीज किया गया था एवं दो नवंबर 2020 को इसी विषय पर हुई बैठक के आधार पर वे भूमि वापस लेने के लिए सहमत हैं, जिसे वर्ष 2005 में पट्टे के नवीनीकरण के दौरान बाहर रखा गया था तथा यह भी उल्लेख किया गया कि टाटा स्टील उपरोक्त क्षेत्राें में सेवाएं प्रदान करने के लिए सहमत है। विकास आयुक्त ने उपरोक्त प्रस्ताव पर राजस्व विभाग की सहमति प्राप्त करने का निर्देश दिया था। हालांकि टाटा स्टील ने जमशेदपुर इंडस्ट्रियल टाउनशिप कमेटी में कंपनी के प्रतिनिधित्व को अधिक स्पष्ट करने के लिए सरकार से आग्रह किया है।
जमशेदपुर इंडस्ट्रियल टाउनशिप कमेटी के चेयरमैन होंगे उपायुक्त
इस बैठक में पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त ने जमशेदपुर इंडस्ट्रियल टाउनशिप कमेटी की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि कमेटी के अंतर्गत दो अंग होंगे, जिसमें एक स्टेटरी सेल (एससी) व दूसरा इंडस्ट्रियल स्टैबलिसमेंट (आईई) कार्य करेंगे। विकास आयुक्त ने बताया कि कमेटी के प्रशासक, जो स्टेटरी सेल का प्रभारी भी होगा के पद पर अनुमंडल पदाधिकारी अथवा उससे उच्च स्तर के पदाधिकारी की नियुक्ति का प्रस्ताव दिया गया है। स्टेटरी सेल मुख्य रूप से स्टेटरी फंक्शन जैसे लाइसेंसिंग एक्टिविटी, सर्टिफिकेशन, मेंटेनेंस ऑफ रिकार्ड्स आदि तथा केंद्र व राज्य सरकार के अलावा सांसद-विधायक समेत सभी सरकारी अनुदान प्राप्त करेगा आैर जेआइटीसी के निर्णयानुसार राशि का व्यय करेगा। वहीं इंडस्ट्रियल स्टैबलिसमेंट मुख्य रूप से म्युनिसिपल सर्विसेज उपलब्ध कराना एवं सर्विसेज से संबंधित सिविल कार्य सम्पादित करना तथा सर्विसेज के विरूद्ध देय नागरिक सुविधा शुल्क, होल्डिंग टैक्स आदि की वसूली का कार्य करेंगे। इसमें जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के संपूर्ण भाग शामिल होंगे, जिसमें लगभग 15,725 एकड़ भूमि शामिल होगा।
टाटा स्टील ने उठाए से सवाल
टाटा स्टील के प्रतिनिधि ने कहा कि स्टेटरी सेल तथा इंडस्ट्रियल स्टैबलिस्मेंट दोनाें के कार्यक्षेत्राें की भूमिकाआें एवं जिम्मेदारियाें को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए, ताकि बाद में किसी भी तरह के क्रास फंक्शनल मुद्दाें से बचा जा सके। विकास आयुक्त ने कहा कि जब उपायुक्त कमेटी के अध्यक्ष हैं, तो इस तरह के आंतरिक मसलाें का समाधान स्वाभाविक रूप से हो जाएगा। जेआइटीसी शीर्ष नीति बनाने वाली संस्था होगी, जिसके अधीन स्टेटरी सेल आैर इंडस्ट्रियल स्टैबलिस्मेंट रहेंगे। यह भी स्पष्ट किया गया कि इस संदर्भ में अंतिम निर्णय सरकार के स्तर से होगा, जो उभयपक्षाें को मान्य होगा। विकास आयुक्त ने उपायुक्त व टाटा स्टील को बैठक में उठे बिंदुआें पर यथाशीघ्र पुन: एक परिष्कृत प्रस्ताव, नगर विकास एवं आवास विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया, जिसपर अग्रेत्तर कार्रवाई नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा की जाएगी।