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PM Modi के सपनों की हकीकत: नौ साल बाद भी यहां नहीं खुल सका जन औषधि केंद्र, 200 की दवा 1400 रुपए में खरीद रहे लोग

Jan Aushadhi Kendra. एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब तक कई बार जन औषधि केंद्र खोलने की घोषणाएं हो चुकी हैं। पहली बार वर्ष 2012 में हुई थी। तब जगह भी चयनित हो गई। बोर्ड भी जन औषधि केंद्र का लग गई। लेकिन शुरू नहीं हो सका।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 05:34 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 07:43 PM (IST)
PM Modi के सपनों की हकीकत: नौ साल बाद भी यहां नहीं खुल सका जन औषधि केंद्र, 200 की दवा 1400 रुपए में खरीद रहे लोग
जमशेदपुर के सदर अस्पताल परिसर में खोला गया जन औषधि केंद्र।

जमशेदपुर, अमित तिवारी। प्रधानमंत्री जन औषधि योजना नरेंद्र मोदी ने एक जुलाई 2015 को शुरू की थी। मकसद था ब्रांडेड महंगी दवाओं के विकल्प में समान गुणवत्ता वाली जेनरिक दवाइयों को कम कीमत पर जनता को उपलब्ध कराना। इसके लिए केंद्र सरकार ने देश भर में 'जन औषधि स्टोर' खुलवाए।

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इसके तहत परसुडीह स्थित सदर अस्पताल में भी वर्ष 2017 में जन औषधि केंद्र खुला लेकिन वहां दवाओं की भारी किल्लत है। 600 से अधिक दवाएं रखी जानी थी लेकिन चार साल बाद भी महज 51 दवाओं तक की सिमटा है। इसके दो कारण हैं। पहला डॉक्टर मरीजों को पूरी दवा नहीं लिखते और दूसरा सभी तरह की दवाओं की सप्लाई नहीं होना। जमशेदपुर के लिए सिर्फ एक डिस्ट्रीब्यूटर है, जो रांची में रहता है। 100 दवाओं की आर्डर करने पर मात्र 20 से 25 ही पहुंच पाता है। वह भी समय पर नहीं। ऐसे में मरीजों को सस्ते दर पर दवाएं कैसे उपलब्ध करायी जा सकती है।

एमजीएम में सिर्फ घोषणाएं हुई, केंद्र नहीं खुला

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब तक कई बार जन औषधि केंद्र खोलने की घोषणाएं हो चुकी हैं। पहली बार वर्ष 2012 में हुई थी। तब जगह भी चयनित हो गई, बोर्ड भी जन औषधि केंद्र का लग गया। अब सिर्फ उद्घाटन होना था लेकिन नहीं हो सका। उसके बाद से अभी तक एक दर्जन से अधिक बार निर्देश मिल चुका है लेकिन यह फाइल में दबी हुई है। हाल ही में, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव केके सोन निरीक्षण करने आए थे तो उन्होंने भी दो जन औषधि केंद्र खोलने का निर्देश दिया था लेकिन, अभी तक उस दिशा में कोई भी पहल नहीं हुई है।

जिले में 250 से अधिक खुलना था जन औषधि केंद्र

स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव डॉ. निधि खरे एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण करने आई थी तो उन्होंने कहा था कि पूर्वी सिंहभूम जिले में 250 से अधिक जन औषधि केंद्र खोला जाएगा। ताकि मरीजों को सस्ते दर पर दवाएं मिल सके लेकिन अभी तक सिर्फ एक ही केंद्र सदर अस्पताल में खुल सका है।

दवाओं की रेट में आएगी भारी कमी

जन औषधि केंद्र खुलने से दवाओं की कमी में भारी कमी आएगी। हृदय रोगियों को तीन हजार रुपए में मिलने वाली दवा जन औषधि केंद्रों पर महज 214 रुपए में मिल सकेगी। इसी तरह, चोट लगने पर 100 रुपए में मिलने वाली दवा सिर्फ 37 रुपये में मिलेगी। कैल्शियम की ब्रांडेड दवा 70-80 रुपए में मिलती है जबकि जेनरिक दवा की राशि मात्र 12 रुपए है। इसी तरह, मधुमेह की 90 से 110 रुपए में मिलने वाली दवा मात्र सात रुपए में मिल जाएगी। गैस्ट्रो रोग से संबंधित ब्रांडेड दवा 135 रुपये में मिलती है जबकि जेनरिक दवा की राशि 47 रुपए है।


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