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जमशेदपुर के प्रसिद्ध पारडीह काली मंदिर में लगी भीषण आग, लाखों का नुकसान Jamshedpur News

Fire in Pardih Kali temple of Jamshedpur. पारडीह स्थित कालीमंदिर के पिछले हिस्से में आग लग जाने के कारण लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है। सूचना मिलते ही मौके पर तीन दमकल दो टैंकर व मंदिर में लगी बोरिंग से लगातार आग पर काबू पाने की कोशिश की गई।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 01 Apr 2021 05:24 PM (IST)Updated: Thu, 01 Apr 2021 05:24 PM (IST)
जमशेदपुर के प्रसिद्ध पारडीह काली मंदिर में लगी भीषण आग, लाखों का नुकसान Jamshedpur News
मशक्कत के बाद संध्या 5 बजे आग पर काबू पाया गया।

जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर शहर ही नहीं बल्कि देश भर के श्रद्धालुओं के श्रद्धा का केंद्र पारडीह स्थित कालीमंदिर के पिछले हिस्से में आग लग जाने के कारण लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है। सूचना मिलते ही मौके पर तीन दमकल, दो टैंकर व मंदिर में लगी बोरिंग से लगातार आग पर काबू पाने की कोशिश की गई। बड़ी  मशक्कत के बाद संध्या 5 बजे आग पर काबू पाया गया।

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आग लगने से बाल-बाल बच गए चार कुत्ते

कालीमंदिर के पीछे जहां आग लगी है वहां चार विदेशी नस्ल के खूंखार कुत्ते पाले गए हैं, जो रात में मंदिर की रखवाली करते हैं। आग कुत्ते की घर में लग गई। चारों ओर से आग के बीच कुत्ते एक जगह खड़े हो गए, इसके बाद मंदिर की देखरेख करने वाले पिंटू सिंह ने पानी के बौछार के बीच कुत्ते काे गोद में करके बाहर निकाला। इसी बीच मंदिर के साधू व कर्मचारियों के बैग व अटैची भी जलकर राख हो गए, जिसमें कपड़े व रुपये थे। मंदिर में दर्जन भर मवेशियों के लिए साल भर खाने के लिए करीब 10 ट्रक पुआल व लकड़ी रखा हुआ था। पुआल पूरी तरह जल गया। जबकि आग में स्कूटी, कूलर, फ्रीज समेत लाखों का सामान जलकर खाक हो गया।

12.30 बजे मंदिर के पीछे भाग में धुआं निकलते देख, श्रद्धालुओं ने दी खबर

काली मंदिर में सब सामान्य थ। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे मंदिर में पुजारी को आकर किसी ने सूचना दी कि पीछे धुआं निकल रहा है। इस पर पुजारी ने मंदिर को देखरेख करने वाले पिंटू सिंह को सूचना दी। पिंटू तत्काल मंदिर से सटे पीछे गए तो देखा कि आग लगी हुई है। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना फायर ब्रिगेड समेत हरेलाल महतो, प्रबोध उरांव आदि को दी। सूचना मिलते ही देखते फदलोगोड़ा से महिला पुरूष हाथ में जो भी बर्तन मिला, आग को बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक आग ने काफी विकराल रूप धारण कर लिया था। मौके पर तीन फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची, जबकि हरेलाल महतो ने भी दो टैंकर, प्रबोध उरांव भी एक टैंकर के अलावा मंदिर में लगे बोरिंग के तीन कनेक्शन से लगातार पानी की बौछार किया गया। लगभग साढ़े चार घंटे की मसक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। बाद में जेसीबी से दीवार तोड़कर पुआल को सड़क की ओर गिराया गया। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। मौके पर किसी भी अनहोनी से बचने के लिए पुलिस को तैनात कर दिया गया है। मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती हरिद्वार में हैं, जबकि वह अपने शिष्य इंदरानंद सरस्वती को तत्काल हरिद्वार से जमशेदपुर के लिए रवाना कर दिया।


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