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तार कंपनी के यूनियन महामंत्री कर्मचारियों को स्थानांतरण कराने की दे रहे धमकी

Threatening to transfer . आइएसडब्ल्यूपी (तार कंपनी) की मान्यता प्राप्त वायर प्रोडक्ट लेबर यूनियन में चुनाव से पूर्व घमासान मचा हुआ है। यूनियन का सत्ता-विपक्ष आपस में जोर-अजमाइश शुरू कर दी है। नियन अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय से शिकायत कर समय पर चुनाव कराने की मांग

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 05:54 PM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 05:54 PM (IST)
तार कंपनी के यूनियन महामंत्री कर्मचारियों को स्थानांतरण कराने की दे रहे धमकी
नियन अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय से शिकायत कर समय पर चुनाव कराने की मांग

यूनियन महामंत्री कर्मचारियों को स्थानांतरण कराने की दे रहे धमकी

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तार कर्मियों ने लगाया आरोप, कहा विपक्षी को धमकाने का शुरू है सिलसिला

यूनियन अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय से शिकायत कर समय पर चुनाव कराने की मांग

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जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : आइएसडब्ल्यूपी (तार कंपनी) की मान्यता प्राप्त वायर प्रोडक्ट लेबर यूनियन में चुनाव से पूर्व घमासान मचा हुआ है। यूनियन का सत्ता-विपक्ष आपस में जोर-अजमाइश शुरू कर दी है। इसी क्रम में रविवार को यूनियन के विपक्षी खेमा का एक प्रतिनिधिमंडल यूनियन के पूर्व महामंत्री आशीष अधिकारी के नेतृत्व में राकेश्वर पांडेय के बिष्टुपुर स्थत आवासीय कार्यालय पर जाकर उसने मिला। यूनियन के महामंत्री व उपाध्यक्ष के कार्यों पर अंगुली उठाते हुए कहा कि वे अपने पक्ष में करने के लिए कर्मचारियों को स्थानांतरण कराने की धमकी दे रहे है। प्रतिनिधिमंडल ने यूनियन चुनाव को देखते हुए इस तरह के अनैतिक कार्यों पर रोक लगवाने की मांग यूनियन अध्यक्ष से की। अध्यक्ष को सौंपे ज्ञापन मेंं बताया है कि यूनियन महामंत्री व उनके समर्थक पांच साल में चुनाव कराने की बात कर रहे हैं। कहते हैं कि फिलहाल उनकी सरकार है, वे जो चाहेंगे वह होगा। ऐसे में यूनियन संविधान के तहत तीन साल में आगामी सितंबर महीने में चुनाव कराने की मांग की गई। यूनियन अध्यक्ष से मिलने वालों में

पूर्व महामंत्री आशिष अधिकारी, विमल कुमार, विश्वजीत तिवारी, अर्जुन दास, राम सिंह, श्याम थापा, बलबीर सिंह, जितेंद्र तिवारी, रंजीत साह, हरविंदर सिंह समेत कई शामिल थे। उधर, यूनियन महामंत्री पंकज कुमार सिंह का कहना है कि उन पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद है। आज के समय में किसी को न तो डराया जा सकता है और न कोई मजदूर डरने वाला है। जहां तक स्थानांतरण की बात है यह कंपनी की अपनी पॉलिसी है। वह अपनी आवश्यकता व कार्य को देखते हुए ऐसा करती है। ऐसा पहले भी हुआ है। इन सब के बावजूद अगर किसी मजदूर को परेशानी है, उस पर स्थानांतरण का दबाव बनाया जाता है, वे उन्हें सूचित करें उसका निराकरण होगा।


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