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11 वर्ष से बजट में हो रहा पास, दो बार हो चुका शिलान्यास

झारखंड सरकार के बजट में इस बार भी जमशेदपुर में डेयरी प्लांट का प्रविधान रखा गया है। ऐसा लगातार 11 वर्ष से हो रहा है। दरअसल झारखंड मिल्क फेडरेशन का यह प्लांट डिमना चौक से सटे बालीगुमा में बनना है जिसका दो बार शिलान्यास भी हो चुका है।

By Edited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 07:00 AM (IST)
11 वर्ष से बजट में हो रहा पास, दो बार हो चुका शिलान्यास
यह प्लांट कब बनेगा, यह अहम सवाल है।

वीरेंद्र ओझा, जमशेदपुर : झारखंड सरकार के बजट में इस बार भी जमशेदपुर में डेयरी प्लांट का प्रविधान रखा गया है। ऐसा लगातार 11 वर्ष से हो रहा है। दरअसल, झारखंड मिल्क फेडरेशन का यह प्लांट डिमना चौक से सटे बालीगुमा में बनना है, जिसका दो बार शिलान्यास भी हो चुका है। पहली बार 2010 में तत्कालीन कृषि मंत्री मथुरा महतो और दूसरी बार पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शिलान्यास किया था। वर्ष 2016 में ही इसकी चारदीवारी भी बनी थी, जो सुरक्षित भी है। मथुरा महतो ने जब शिलान्यास किया था, तो इसकी क्षमता 25 हजार लीटर प्रतिदिन थी, जबकि रघुवर दास के समय इसकी क्षमता 50 हजार लीटर प्रतिदिन कर दी गई। इसके बाद 2019 में मेधा डेयरी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एसपी सिन्हा ने कहा कि यहां प्रतिदिन 30 हजार लीटर दूध का उत्पादन होगा। यह सब कुछ हवा में ही रह गया, क्योंकि आठ एकड़ जमीन पर अब भी बेतरतीब घास ही जमी है। रघुवर दास ने जो शिलान्यास किया था, उसका शिलापट भर बच गया है, उसमें जो भी लिखा था, मिट चुका है। बस हर बार इसे बजट में पास किया जाता है। कुछ दिन तक इसे लेकर चर्चा भी होती है, फिर अगले बजट तक इसे अधर में छोड़ दिया जाता है। हाल के वर्षो में जो बदलाव हुआ है, उसमें दो वर्ष पूर्व जंग लगकर मेन गेट का एक पल्ला झूल गया था, उसे ठीक कर दिया गया है। प्लांट स्थल पर घास व झाड़ियों को साफ कर दिया गया है और गेट में ताला लगाकर रखा गया है। इसकी निगरानी डेयरी का एक कर्मचारी करता है, जो इस जमीन के पास दुग्ध भंडार गृह की देखभाल भी करता है। यह प्लांट कब बनेगा, यह अहम सवाल है। ----------------------- जमशेदपुर में करीब 4.5 लाख लीटर दूध की खपत जमशेदपुर व आसपास की आबादी लगभग 22 लाख है, लिहाजा यहां करीब 4.5 लाख लीटर दूध की खपत है। इसमें से सुधा डेयरी करीब 1.5 लीटर दूध की आपूर्ति करती है, जबकि अमूल, ओसम व मेधा मिलकर लगभग 50 हजार लीटर दूध प्रतिदिन की आपूर्ति करती हैं। बमुश्किल 25 हजार लीटर दूध की आपूर्ति खटालों और पश्चिम बंगाल की डेयरी से होती है। ऐसे में जमशेदपुर में अब भी लगभग दो लाख लीटर दूध उत्पादन के प्लांट की गुंजाइश है। ------------------------- तीन करोड़ रुपये से शुरू होना था प्लांट मेधा डेयरी के पूर्व प्रबंध निदेशक एसपी सिन्हा ने दो वर्ष पूर्व कहा था कि तीन करोड़ रुपये से बालीगुमा का प्लांट शुरू होगा, जिससे 30 हजार लीटर प्रतिदिन दूध का उत्पादन होगा। इसके बन जाने से लगभग पांच हजार गो-पालक किसान समेत करीब सात हजार लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

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