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Mata Rajim Birth Anniversary: छत्तीसगढ़ी समाज को पूर्व मुख्यमंत्री ने दिया ये संदेश, जाने क्या कहा उन्होंने

Mata Rajim Birth Anniversary. मुख्यमंत्री रहते हुए भी रघुवर दास कई बार राजिम मेला में शामिल हो चुके हैं। वहीं महिला समाज की अध्यक्ष जया साहू ने महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए सबसे पहले उनकी शिक्षा पर विशेष जोर देने की बात कहीं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 05:23 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 05:23 PM (IST)
Mata Rajim Birth Anniversary: छत्तीसगढ़ी समाज को पूर्व मुख्यमंत्री ने दिया ये संदेश, जाने क्या कहा उन्होंने
साहू तेली समाज द्वारा 47वां राजिम मेला का आयोजन किया गया।

जमशेदपुर, जासं। छत्तीसगढ़ से दूर झारखंड में लगभग एक लाख की आबादी छत्तीसगढ़ के लोगों की है जो वर्षों पहले यहां रोजगार की तलाश में आए और यहीं अपने परिवार के साथ बस गए। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास खुद छत्तीसगढ़ के हैं। छत्तीसगढ़ समाज के साहू तेली समाज द्वारा 47वां राजिम मेला का आयोजन किया गया। जिसमें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी पहुंचे।

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इस दौरान उन्होंने भगवान विष्णु की भक्त माता राजिम की तस्वीर पर फूल चढ़ाकर उनकी आरती उतारी। इस दौरान समाज के गणमान्य सदस्यों को संबोधित करते हुए रघुवर दास ने कहा कि छत्तीसगढ़ समाज को एकजुट होकर संगठित होकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि समाज को बीच-बीच में कई तरह के सामाजिक आयोजन करना चाहिए ताकि समाज के युवाओं को अपनी संस्कृति के विषय पर जानकारी प्राप्त हो सके। इसके अलावे उन्होंने समाज की महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी जाेर देने की बात कही। मुख्यमंत्री रहते हुए भी रघुवर दास कई बार राजिम मेला में शामिल हो चुके हैं। वहीं, महिला समाज की अध्यक्ष जया साहू ने महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए सबसे पहले उनकी शिक्षा पर विशेष जोर देने की बात कहीं।

संस्कृति की रक्षा के लिए समय-समय पर सांस्कृतिक आयोजन करने की जरूरत

उन्होंने कहा कि महिलाएं जब स्वाबलंबी बनेंगी तभी समाज और परिवार के बच्चे भी बेहतर शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे। वहीं, समाज के अध्यक्ष लखन लाल साहू ने कहा कि समाज के सदस्यों को समाज की बेहतरी के लिए बनाए गए नियमों का पालन करना चाहिए। सभी अपने बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए उन्हें पाश्चत्य संस्कृति से बचाने की जरूरत है। साथ ही अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए समय-समय पर सांस्कृतिक आयोजन करने की जरूरत है।


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