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Fire in Forest Depot Ghatshila:नरसिंहगढ़ के वन विभाग के डिपो में लगी आग, लाखों की लकड़ी जली

Fire in Ghatshila.वन विभाग के लघु वन पदार्थ निगम के नरसिंहगढ़ स्थित डिपो में आग लग जाने से लाखों की कीमती लकड़ियां जलकर राख हो गई। सात दमकल गाडि़यों को लगभग घंटे के प्रयास के बाद भी आग पर पूरी तरह से काबू पाने में सफलता नहीं मिल सकी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 02:59 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 07:09 PM (IST)
Fire in Forest Depot Ghatshila:नरसिंहगढ़ के वन विभाग के डिपो में लगी आग, लाखों की लकड़ी जली
धालभूमगढ़ में वन विभाग कार्यालय के समीप आग लगने से जलती लकडि़यां।

धालभूमगढ़ ( पूर्वी सिंहभूम), जासं।  वन विभाग के लघु वन पदार्थ निगम के नरसिंहगढ़ स्थित डिपो में आग लग जाने से लाखों की कीमती लकड़ियां जलकर राख हो गई। सात दमकल गाडि़यों को  लगभग घंटे के प्रयास के बाद भी आग पर पूरी तरह से काबू पाने में सफलता नहीं मिल सकी। 

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घटना की सूचना मिलते ही अनुमंडल अधिकारी सत्यवीर रजक, एसडीपीओ राज कुमार मेहता, निगम के जीएम मौन प्रकाश, थाना प्रभारी संतन तिवारी, बीडीओ शालिनी खलखो एवं सीओ सदानंद महतो डिपो पहुंचे। आग विकराल रूप ले लिया और पूरे डिपो में लकड़ियों की जगह-जगह रखे गए ढेर में आग धधक उठी। आग इतनी तेज थी कि इस पर काबू पाना कठिन प्रतीत हो रहा था । तब थाना प्रभारी सन्तन तिवारी को वन कर्मियों ने सूचना दी। थाना प्रभारी ने तत्काल दो एंबुलेंस को बुलवाया। धीरे-धीरे यह खबर उच्चाधिकारियों तक पहुंची। इसके बाद बहरागोड़ा घाटशिला एचसीएल एवं जमशेदपुर से दमकल मंगवाया गया। आग को बढ़ने से रोकने के लिए जेसीबी द्वारा बीचो-बीच ट्रेंच कटवाया गया ताकि आग आगे की ओर ना बढ़ पाए ।

 रखी गई है साल की लकड़ी

विदित हो कि नरसिंहगढ़ डिपो में एनएच फोरलेन निर्माण के दौरान काटे गए साल के पेड़ रखे गए थे । हर महीने नीलामी होती थी। अधिकतर साल से कटे हुए पेड़ सड़ चुके हैं। डिपो में अत्यधिक झाड़ियों के उग आने के कारण आग को बढ़ने में मदद मिली। सूखी झाड़ियों के कारण आग तत्काल लकड़ी के एक ढेर से दूसरे ढेर तक पहुंच गई। सूखी लकड़ियां होने का कारण तुरंत ही पूरा गट्ठर धधकने लगता था । एसडीओ सत्यवीर रजक, एसडीपीओ राज कुमार मेहता ने जेसीबी से ट्रेंच कटवाया जिसके कारण आग को आगे बढ़ने से रोका जा सका ।

क्षति का सही आंकलन नहीं

 इस बारे में रेंजर संजय सिंह ने बताया कि यहां कितनी लकड़ियां थी और कितना नुकसान हुआ इस बारे में वे कुछ भी नहीं बता पाएंगे, क्योंकि उनका काम सिर्फ हर महीने नीलामी में लकड़ियां बेचकर राजस्व जमा करने का है। मौके पर पहुंचे निगम के जीएम मौन प्रकाश ने कहा कि यह एक दुर्घटना है। हालांकि आग से हुई क्षति का आकलन तत्काल नहीं किया जा सकता । वे कार्यालय में सारे कागजात देखने के बाद ही बता पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस घटना से विभाग को किसी भी प्रकार के राजस्व का नुकसान नहीं होगा क्योंकि पूरा डिपो इंश्योरेंस किया हुआ है। ऐसी घटनाओं को ध्यान में रखकर ही इंश्योरेंस किया जाता है । उन्होंने कहा कि डिपो की साफ सफाई एवं झाड़ियां काटने के लिए सरकार की ओर से कोई फंड नहीं दिया गया है जबकि नियमित रूप से इनकी साफ सफाई होनी चाहिए। झाड़ियां नहीं रहने से आग इतना विकराल रूप नहीं ले सकती थी।


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