New Year 2021: नए साल में खुशहाली के लिए पारडीह काली मंदिर में शतचंडी पाठ शुरू
Shatchandi Path in Pardih Kali temple. नए साल की खुशहाली के लिए दशनामी नागा सन्यासी आश्रम श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की शाखा पारडीह काली मंदिर 31 दिसंबर गुरुवार की सुबह से श्री श्री नवचंडीपाठ महायज्ञ और रुद्राथिषेक के मंत्रों से गुंजायमान है।
जमशेदपुर, जासं। दशनामी नागा सन्यासी आश्रम श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की शाखा पारडीह काली मंदिर में आज 31 दिसंबर गुरुवार की सुबह से श्री श्री नवचंडीपाठ, महायज्ञ और रुद्राथिषेक के मंत्रों से गुंजायमान हो गया। कोरोना महामारी को देखते हुए पहली बार मंदिर के अंदर प्रवेश करने पर मास्क व शारीरिक दूरी का पालन करने का सख्त निर्देश दिया गया है।
मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती ने बताया कि बिना मास्क पहने कोई भी श्रद्धालु मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं करें। यह आपकी स्वयं व देश की भला के लिए है। उन्होंने बताया कि चूंकि यह आयोजन लगातार हो रहा है, इसलिए श्रदालुओं के दबाव के कारण इसे करना पड़ रहा है। नववर्ष की खुशहाली के लिए महंत विद्यानंद सरस्वती ने माता से कामना कीl पूजा-पाठ संपन्न कराने के लिए पुरोहितों के दल पंडित मधुसूदन जोशी च्चारित मंत्रों से वातावरण को पवित्र कर रहे हैं। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष यह लगातार 31 वां कार्यक्रम हो रहा है, जिसमें दूरदराज से साधु व महात्मा पहुंच रहे हैं।
ब्रह्मलीन महंत नागा बाबा दिगंबर शंकरानंद सरस्वती की स्मृति में आयोजन
यह कार्यक्रम ब्रह्मलीन महंत नागा बाबा दिगंबर शंकरानंद सरस्वती की स्मृति में आयोजित किया जाता है। श्री श्री नवचंडी महायज्ञ एवं रुद्राभिषेक का शुभारंभ हो गया है जो कल एक जनवरी तक चलेगा। जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय उपाधयक्ष सह यज्ञ संरक्षक पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती ने बताया कि इस अनुष्ठान के पहले दिन आज गुरुवार की सुबह 9 बजे भगवान का अलौकिक त्रंृगार किया गया, 11 बजे से चंडीपाठ शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि संध्या सात बजे से भजन कीर्तन का आयोजन किया गया है। महांत विद्यानंद सरस्वती ने बताया कि एक जनवरी 2021 शुक्रवार की सुबह आठ बजे से पूजन, चंडीपाठ, हवन, महाआरती होगी। इसके बाद दोपहर में एक बजे से आयोजित भंडारा में श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे।
उन्होंने बताया कि इस आयोजन में शामिल होने के लिए बच्चानंद सरस्वती, सहजानंद सरस्वती हरिद्वार, प्रेमानंद गिरी अजगैवीनाथ सुलतानगंज, आत्मानंद सरस्वती जबलपुर आदि से साधु संत पधार चुके हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यानंद सरस्वती, इंदरानंर सरस्वती, पिंटू, कुणाल, प्रबोध उरांव, हरेलाल महतो आदि लगे हुए हैं। वहीं पूजा पाठ करने वाले पुरोहितों के दल में मधुसूदन जोशी की टीम शामिल हैं।