केयू के कर्मचारियों को मिलेगा ग्रेड पे और वेतनमान का अग्रिम भत्ता Jamshedpur News
Kolhan University Syndicate Meeting. कोल्हान विश्वविद्यालय सिडिकेट की बैठक में कर्मचारियों के ग्रेड पे और सातवें वेतनमान के निर्धारण की प्रत्याशा में अग्रिम भत्ता देने के प्रस्ताव को पारित किया गया। ये रही िलिए गए निर्णयों की पूरी जानकारी।
जमशेदपुर, जासं। कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा में सिंडिकेट की बैठक कुलपति प्रोफेसर गंगाधर पंडा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इसमें विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के ग्रेड पे और सातवें वेतनमान के निर्धारण की प्रत्याशा में अग्रिम भत्ता देने के प्रस्ताव को पारित किया गया।
मैट्रिक पास चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों को 1800 ग्रेड पे और नन मैट्रिक को 1600 ग्रेड पे का निर्धारण किया गया। इसी तरह सातवें वेतनमान निर्धारण की प्रत्याशा में अग्रिम के रूप में तृतीय वर्ग के कर्मचारी को 75 हजार व चतुर्थ वर्ग को 50 हजार रुपए प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय में कार्यरत तृतीय वर्ग के कर्मचारियों अब 4000 तथा चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों को 3500 रुपया प्रतिनियुक्त भत्ता के रूप में प्रदान किया जाएगा। कर्मचारियों की लंबित मांगों में कृतकारी भत्ता एवं एसीपी, एमएसीपी का लाभ देने पर कोई विचार नहीं हुआ। इस बैठक में संबद्धता कमेटी द्वारा कालेजों को संबद्धता देने के प्रस्तावों का अनुमोदन कर दिया। नए कालेजों के खोलने का प्रस्ताव अब राज्य स्रतीय कमेटी के पास जाएगा।
विश्वविद्यालय के 129.48 करोड़ के बजट का प्रस्ताव
वित्त पदाधिकारी डा. सुधांशु कुमार ने विश्वविद्यालय के 129.48 करोड़ के बजट को सदस्यों के सामने रखा। इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इस बैठक में पूर्व के सारे प्रस्तावों को विचार-विमर्श के बाद अनुमोदन कर दिया गया। बैठक में प्रति कुलपति डा. अरुण कुमार सिन्हा, कुलसचिव डा. जयंत शेखर, राजेश शुक्ला, मनोज सिंह, अमिताभ सेनापति सहित कई सदस्य उपस्थित थे।
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कालेजों को आवंटित राशि का ब्योरा विवि अपने पास रखें : मनोज सिंह
जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य मनोज सिंह ने कुलपति से यह मांग की कालेजों को सीधे जो भी आवंटन प्राप्त होता है, उसका ब्योरा विश्वविद्यालय के पास क्यों नहीं रहता। इस कारण वर्ष 2008 से 2012 तक आवंटित राशि का ब्योरा विश्वविद्यालय के पास नहीं है। वैसे कालेज उपयोगिता प्रमाण पत्र भी जमा नहीं करते है। विश्वविद्यालय को इसका हिसाब किताब रखना चाहिए। उन्होंने संबद्धता को जा रहे टीम पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब शर्तो को कालेज पूरा नहीं करते हैं तो उनकी संबद्धता क्यों नहीं रद कर दी जाती। उन्हें फिर से मौका क्यों दिया जाता है। प्रत्येक तीन माह में इन कालेजों का निरीक्षण होना चाहिए। उन्होंने संविदा कर्मियों का वेतन समय पर करने की मांग की है। इन सभी विषयों पर कुलपति ने सकारात्मक रुख दिखाया है। अब से आवंटित राशि का पूरा ब्योरा विश्विवद्यालय भी रखेगा।