ओडिशा से रेललाइन किनारे-किनारे जमशेदपुर के करनडीह पहुंच गए 21 मजदूर Jamshedpur News
यहां पहुंचने के लिए उन्होंने रेलमार्ग को चुना। रेल में चढ़कर नहीं बल्कि रेल लाइन के किनारे-किनारे चलते गए। इस उम्मीद में कि यह रेल लाइन उन्हें उनकी मंजिल तक तो पहुंचा देगी।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। दूसरे प्रदेशों में जहां-तहां फंसे लोगों खासकर मजदूरों का अपने घर पहुंचने को बेताबी बढ़ गई है। धैर्य जवाब देते ही वे किसी न किसी तरह अपने घर, बस अपने घर पहुंच जाना चाहते हैं। रविवार को भी ओडिशा से चलकर 21 मजदूर जमशेदपुर पहुंच गए।
यहां पहुंचने के लिए उन्होंने रेलमार्ग को चुना। रेल में चढ़कर नहीं बल्कि रेल लाइन के किनारे-किनारे चलते गए। इस उम्मीद में कि यह रेल लाइन उन्हें उनकी मंजिल तक तो पहुंचा देगी। फिर चाहे समय व श्रम जितना लगे।
प्रशासन ने एंबुलेंस भेज मजदूरों को मंगवाया
ओडिशा से रेललाइन के रास्ते पैदल करीब 21 मजदूर रविवार शाम को करनडीह लाईन टोला पहुंचे। इसकी सूचना स्थानीय लोगों ने परसुडीह पुलिस को दी। प्रशासन ने जांच के लिए तत्काल तीन एंबुलेंस मंगाकर सभी मजदूरों को साथ ले गयी।
बंगबंधु संस्था ने सभी मजदूरों को कराया भोजन
इससे पूर्व बंगबंधु संस्था ने सभी मजदूरों का हालचाल जाना और नाश्ता कराया। संस्था के मनोज नाहा ने बताया कि सभी मजदूर 29 अप्रैल को ओडिशा के उदयपुर से रेल लाइन पकड़कर पैदल चल दिए। रोजाना रात में विश्राम कर सभी सुबह से चलाना आरंभ कर देते थे। चौथे दिन सभी मजदूर करनडीह के लाइन टोला पहुंचे तो ग्रामीणों की नजर उनपर पड़ी।
बोकारो के लिए निकले, पहुंच गए जमशेदपुर
मजदूरों ने बताया कि उन्हें बोकारो जाना है। लॉकडाउन के कारण वे सभी बेकार थे और उनके समक्ष खाने की समस्या उत्पन्न हो गयी थी। बंगबंधु संस्था ने प्रशासन से मजदूरों की जांच के बाद उन्हें बोकारो पहुंचाने की अपील की है। इधर मजदूरों ने कहां कि अगर प्रशासन उन्हें बोकारो तक छोड़ देता है को ठीक है नही तो वे पैदल ही रेल लाइन पकड़ बोकारों पहुंच जाएंगे।