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गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले डा. केएन सिन्हा का निधन Jamshedpur News

Doctor KN Sinha of Gamahriya Passed Away. गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले डा. केएन सिन्हा (70) की मौत मंगलवार को टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में हो गई। डा. केएन सिन्हा न सिर्फ डाक्टर के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल थे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 08:50 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 08:56 AM (IST)
गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले डा. केएन सिन्हा का निधन Jamshedpur News
जानेमाने चिकित्‍सक डॉक्‍टर केएन सिन्‍हा का निधन हो गया।

जमशेदपुर, जासं।  गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले डा. केएन सिन्हा (70) की मौत मंगलवार को टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में हो गई। उनकी मौत की सूचना मिलने के बाद पूरे कोल्हान से लोग उनके निवास स्थल पहुंचकर दुख प्रकट कर रहे हैं। डा. केएन सिन्हा न सिर्फ डाक्टर के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल थे। उनके पास पूरे कोल्हान से मरीज दिखाने के लिए आते थे। उनका फीस मात्र 50 रुपये था। जिन मरीजों के पास पैसा नहीं होता उसे फीस नहीं लेने के साथ-साथ दवा भी देते थे।

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 वह गम्हरिया स्थित वेनगार्ड नर्सिंग होम में सेवा देते थे। डॉ केएन सिन्हा कहा कहते थे कि सेवाभाव की जरूरत गरीबों को ही अधिक है। वे फीस के रूप में 50 रुपए लेते थे, जो पहले 30 रुपए थी। वे 24 घंटे मरीजों के लिए तैयार रहते थे। उनकी मौत के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने भी दुख प्रकट किया है। सचिव डा. मृत्युंजय सिंह ने कहा कि कोरोना काल के दौरान चिकित्सकों की लगातार हो रही मौत चिंता का विषय है। कोल्हान ने एक अच्छा व गरीबों के लिए समर्पित डाक्टर को खो दिया।

एक सप्‍ताह से था बुखार

 डा. केएन सिन्हा को लगभग एक सप्ताह से बुखार था। वे दवा खा रहे थे लेकिन तबीयत ज्यादा खराब हुई तो 25 सितंबर को उन्हें टीएमएच में भर्ती किया गया। जांच के दौरान पता चला कि उनको निमोनिया हो गया है। एक माह पूर्व भी उनकी तबीयत खराब हुई थी। तब भी वे टीएमएच में भर्ती हुए थे, उसके बाद ठीक होने के बाद उनकी छुट्टी हो गई थी। उनके परिवार में उनकी पत्नी के अलावे एक पुत्र व एक पुत्री है। दोनों बाहर में हरकर नौकरी करते हैं। पुत्री बंगलुरु में इंजीनियर है। सूचना मिलने ही दोनों जमशेदपुर के लिए प्रस्थान कर गए हैं।

 कोरोना काल में छठे डॉक्‍टर की मौत

 कोरोना काल के दौरान शहर में यह छठे डाक्टर की मौत हुई है। इससे पूर्व डा. वीरेंद्र सेठ, डा. जेपी लाल, डा. एमएम अग्रवाल, डा. बीपी चौधरी, डा. एचके गार्डियन की मौत हो चुकी है। सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधा का लाभ अभी तक किसी को भी नहीं मिला है। आइएमए ने इस संदर्भ में जिला प्रशासन को सरकार को पत्र भेजा है।


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