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मालखाना में सबसे अधिक नुकसान हो रहा जब्त वाहनों को, खुले आकाश में सड़ रहे Jamshedpur News

Crime News. थानों के मालखाना में सबसे अधिक नुकसान जब्त वाहनों को हो रहा है जो खुले आकाश में रखे जाने के के कारण जंग खा रहे हैं और इनका अस्तित्व समाप्त हो रहा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 02:15 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 02:15 PM (IST)
मालखाना में सबसे अधिक नुकसान हो रहा जब्त वाहनों को, खुले आकाश में सड़ रहे Jamshedpur News
मालखाना में सबसे अधिक नुकसान हो रहा जब्त वाहनों को, खुले आकाश में सड़ रहे Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। पूर्वी सिंहभूम जिले के थानों के मालखाना में सबसे अधिक नुकसान जब्त वाहनों को हो रहा है जो खुले आकाश में रखे जाने के के कारण जंग खा रहे हैं और इनका अस्तित्व समाप्त होते जा रहा है। कीमत किलो के भाव हो गई है। हर थाना परिसर में जंग लगे वाहनों को खड़े देखा जा सकता है।

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वहीं अवैध महुवा शराब, अंग्रेजी शराब, जब्त चोरी के सामान और दूसरे सामान हैं जो सड़-गल चुके हैं या देखभाल के अभाव में स्वरूप बदल चुका है। इस कारण मालखाना का प्रभार लेने व देने में पेंच फंसता हैं। यहीं कारण है कि थाना का कोई अधिकारी मालखाना का प्रभार लेने से भी कतराता है। मालखाना प्रभारी की नौकरी पर हमेशा तलवार लटकी रहती है। एक भी सामान इधर से उधर हुआ तो नौकरी पर आफत आ जाती है।

ये होती परेशनी

डीआइजी, एसएसपी और सिटी एसपी जिन थानों का निरीक्षण विभागीय रूप से करते हैं तो इसमें सबसे महत्वपूर्ण मालखाना में रखे जब्त सामान और इसकी सूची पर ही विशेष रूप से थानेदार और मालखाना के प्रभारी से पूछताछ की जाती है। थाना के मालखाना के कमरे में रखे जाने के कारण पिस्तौल, कारतूस, जब्त प्रदर्श, मोबाइल, मोबाइल सिम, रुपए सुरक्षित रह जाते हैं। अधिक रुपए जब्त होने पर उसे सरकारी ट्रेजरी में जमा करवा दिए जाते हैं। जिले के जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में भी केस से संबंधित जिन्हें न्यायालय में प्रस्तुत करना है इसे रखने की व्यवस्था है। विगत सप्ताह वरीय पुलिस अधीक्षक ने न्यायालय के मालखाना का निरीक्षण किया था। बागबेड़ा थाना के निरीक्षण में सिटी एसपी ने थाना के मालखाना की सूची को अपडेट पाया था।

मालखाना के नियम : थाना में दर्ज किसी भी केस में पुलिस जो सामान जब्त करती है, चाहे सुई हो या हथियार, जब्ती सूची पर गवाह और जब्त करने वाले अधिकारी के नाम और हस्ताक्षर होने चाहिए। बकायदा उसकी सूची बनानी होती है। जब्त सामान पर थाना के अंकित केस नंबर, सामान की सूची थाना के एक रजिस्टर में अंकित करना होता है। साथ ही जब्त सामान में भी वहीं सीरियल नंबर लिखा होना चाहिए जो रजिस्टर में है। जब्त सामान को रिलीज करने का आदेश होने पर जिस न्यायालय का रिलीज आदेश है, उसे रजिस्टर में केस नंबर और आदेश पत्र के साथ चस्पा करना अनिवार्य है। सामान को तब तक सुरक्षित रखने हैं जब तक मामलों का निष्पादन अदालत से नहीं हो जाता। मालखाना से संबंधित जो भी कार्य होंगे, अदालत के आदेश पर।

नीलामी के भी हैं नियम : नियमानुसार अगर कोई लावारिस जब्त सामान  का कोई दावेदार सामने नहीं आया तो थाना प्रभारी वरीय पुलिस अधिकारी से सलाह लेकर न्यायालय के आदेश पर जब्त सामान की नीलामी करा सकते है। इसी तरह केस के प्रदर्श को न्यायालय से आदेश लेकर ऐसा किया जा सकता है। बशर्ते प्रदर्श की कार्रवाई न्यायालय में पूरी हो चुकी हो। जिले के तत्कालीन एसपी डाक्टर अजय कुमार के कार्यकाल के बाद कभी नीलामी की प्रक्रिया नही की गई।


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