टाटा कमिंस प्रबंधन ने कसी यूनियन नेताओं पर नकेल, प्लांट में आठ घंटे बजानी पड़ रही है ड्यूटी Jamshedpur News
टाटा कमिंस में यूनियन नेता अरुण सिंह की बर्खास्तगी के बाद कंपनी का माहौल बदला-बदला सा हो गया है। अरुण सिंह का साथ देने वाले यूनियन नेताओं पर प्रबंधन ने नकेल कसना शुरू कर दिया है।
जमशेदपुर (जासं) । टाटा कमिंस में यूनियन नेता अरुण सिंह की बर्खास्तगी के बाद कंपनी का माहौल बदला-बदला सा हो गया है। अरुण सिंह का साथ देने वाले यूनियन नेताओं पर प्रबंधन ने नकेल कसना शुरू कर दिया है। कल तक ड्यूटी से गायब रहने वाले नेताओं को अब पूरा समय अपने-अपने मशीन पर देना पड़ रहा है। प्रबंधन उनकी हरेक गतिविधि पर ध्यान रखे हुए है। यूनियन में दो गुट बन गए हैं तो कर्मचारी भी सहमे हुए हैं। मजदूर हित की बातों को उठाने वाला अब कोई नहीं रह गया है।
यूनियन के आपसी विवाद में संगठन का हो गया बंटाधार
स्व. राजेंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व यूनियन मजबूत व सुदृढ़ थी। यूनियन नेताओं की हरेक बातों का प्रबंधन ख्याल करता था। लेकिन आपसी कलह ने संगठन को कमजोर कर दिया। फिर यूनियन विवाद की वजह से स्टीयरिंग कमेटी बनानी पड़ी। कंपनी के अहम फैसले यूनियन के अध्यक्ष स्व. राजेंद्र प्रसाद सिंह करने लगे। ऐसे ही कुछ दिन यूनियन की गतिविधि चली।
फिर यूनियन के चार नेताओं के बीच मारपीट हुई तथा प्रबंधन को मौका मिल गया। हालांकि जब तक राजेंद्र सिंह रहे किसी यूनियन नेता पर बड़ी कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन उनके निधन के साथ ही अरुण सिंह को बर्खास्त व अन्य तीन नेताओं को निलंबन का सौगात मिल गया। अब स्थिति ऐसी बन गई है कि कोई मजदूर हित में उंचे आवाज में नहीं बोल सकता है। यूनियन में दो गुट बन गया है, प्रबंधन का साथ देने वाला बमबम है जबकि अरुण सिंह समर्थकों पर प्रबंधन की टेड़ी नजर है।