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यह मंदिर का निर्माण नहीं, राष्ट्र का पुनर्निर्माण हो रहा : रघुवर Jamshedpur News

हमारे पूर्वजों ने हमारी पीढिय़ों ने अपना खून बहाया है बलिदान दिया है हिन्दू समाज के उसी बलिदान का प्रतिफल यह शुभ दिन देखने को मिल रहा है।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 02:52 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 02:52 PM (IST)
यह मंदिर का निर्माण नहीं, राष्ट्र का पुनर्निर्माण हो रहा : रघुवर  Jamshedpur News
यह मंदिर का निर्माण नहीं, राष्ट्र का पुनर्निर्माण हो रहा : रघुवर Jamshedpur News

जमशेदपुर (जासं) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अयोध्या में  भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण आरंभ करेंगे। इस ऐतिहासिक घटना की पूर्व संध्या पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने श्रीराम मंदिर आंदोलन से जुड़ी यादें साझा कीं। चार अगस्त की दोपहर को फेसबुक लाइव में रघुवर दास ने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्री राम के जन्म स्थान पर भव्य राम मंदिर के पुनर्निर्माण की आधारशिला के शिलान्यास के पावन अवसर पर झारखंड के सभी रामभक्त व रामप्रेमियों का मैं हार्दिक अभिनंदन करता हूं।

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हम सबने, पूरे देश में यह एक बहुत कठिन वर्ष देखा है, इस कठिन समय में आनंद के क्षण बहुत कम आये हैं, आज मन आनंद विभोर है, अयोध्या की पावन धरती पर प्रभु श्री राम की पुनस्र्थापना हो रही है। यह आनंद का क्षण आसानी से नहीं आया है। इनके पीछे सदियों का संघर्ष है। हमारे पूर्वजों ने, हमारी पीढिय़ों ने अपना खून बहाया है, बलिदान दिया है, हिन्दू समाज के उसी बलिदान का प्रतिफल यह शुभ दिन देखने को मिल रहा है। हमारी पीढ़ी ने, आप में से भी अनेक ने राम जन्मभूमि के इस आंदोलन में भाग लिया है। हमारे बीच जिन्होंने इस शुभ कार्य का पुण्य कमाया है, उन सभी कारसेवकों का, पुण्यात्माओं का मैं विशेष अभिनंदन करता हूं।

आपके शौर्य और साहस से यह शुभ दिन संभव हो पाया। हम सब ने मंदिर निर्माण के इस आंदोलन के अनेक उतार-चढ़ाव देखे। हमने वह दिन भी देखा जब जन-भावना ने अयोध्या में अपनी  शक्ति दिखायी थी, हमने वह दिन भी देखा जब चार-चार राज्यों की लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचन भाजपा सरकारें गिरा दी गई। हमने वह समय भी देखा जब राष्ट्रविरोधी शक्तियों ने इस मंदिर निर्माण को रोकने में अपनी सारी शक्ति लगा दी। अनेक न्यायिक और तकनीकी अड़चनें लगायी गयी, पर हिंदू समाज ने धैर्य नहीं खोया। एक समय ऐसा भी लगने लगा था कि भारत के न्यायालयों में लटके लाखों मुकदमों की तरह यह मुकदमा भी कानूनी दांवपेंच में उलझ कर रह जायेगा, पर जहां एक ओर हिंदू समाज ने अपना शौर्य - अपनी शक्ति दिखाई, वहीं हमने भी असीम धैर्य और संयम दिखाया।

हमने न्यायिक प्रक्रिया का इंतजार किया और आपने दिल्ली में भाजपा की सरकार को, नरेंद्र मोदी जी की सरकार को चुना, आप सबका एक वोट इस भव्य राम मंदिर की एक ईंट है। यह सच्चाई स्वीकार करनी ही पड़ेगी कि अगर दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं होती तो शुभ कार्य संभव नहीं होता। मैं प्रधानमंत्री जी का विशेष अभिनंदन करता हूं और धन्यवाद ज्ञापन करता हूं, जिनके मार्गदर्शन और कुशल दिशा-निर्देश में यह शुभ कार्य संभव हो रहा है। यह मंदिर निर्माण सिर्फ एक मंदिर का, एक धर्म विशेष के एक पूजा स्थल का, एक भवन का निर्माण कार्य मात्र नहीं है, यह राष्ट्र के पुनर्निर्माण का कार्य है। हिंदू सभ्यता की अंगड़ाई है।

हम सभी एक बात से हमेशा मुंह छिपाते हैं, हमारा इतिहास खून से सना है, हमारी धरती आक्रमणकारियों को, हत्यारों को आकर्षित किया है। हमारी सभ्यता ने अनेक घाव खाये हैं, हमारी माताओं ने आग में कूदकर अपने सम्मान की रक्षा की, हमारी गुुरुओं को गर्म तेल की कड़ाहों में डाल दिया गया, आरे से चीर दिया गया, जब पिता दशमेश के साहिबजादों को दीवार में चुनवा दिया गया, ऐसे वीभत्स और क्रूर समय में हमारी सभ्यता कैसे बची होगी। कितने शौर्य और दृढ़ता से हमने उसका सामना किया होगा।

मानसिकता बदलने की आवश्यकता

उस समय के घाव आज भी हमारे सीने पर देखे जा सकते हैं, भारत आज भी उस घाव से उबरा नहीं है। आज भी देश की मानसिकता एक असुरक्षित बनी हुई है। आज भी देश का युवा नौकरी से आगे सोच नहीं पा रहा, आज भी हम एक तरह की गुलाम मानसिकता में जी रहे हैं, जहां हम अनजाने ही विदेशी सभ्यताओं और सांस्कृतियों में बड़े होते हैं। झारखंड ने तो इसका बहुत ही विकृत रूप देखा है।

झारखंड की संस्कृति दुनिया की प्राचीनतम आदि संस्कृति है, यहां के आदिवासी समाज की संस्कृति में मानव सभ्यता के विकास की बहुमूल्य धरोहर छुपी है, पर दुर्भाग्यवश यह आदि संस्कृति अभी एक सांस्कृतिक आक्रमण से गुजर रही है। झारखंड ने सबसे अधिक धर्मांतरण का विष झेला है। यह भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यभूमि है। भगवान बिरसा मुंडा ने सिर्फ अंग्रेजी फौज से ही लड़ाई नहीं की थी, उन्होंने उस विदेशी संस्कृति के सांस्कृतिक आक्रमण से भी लड़…


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