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Coronavirus : झारखंड में खुला भारत का पहला साउथ कोरिया के मॉडल वाला फोन बूथ कोविड-19 कलेक्शन सेंटर

Coronavirus. चाईबासा सदर अस्पताल में खुला देश का पहला फोनबूथ कोविड-19 कलेक्शन सेंटर।डॉक्टर संक्रमण से सुरक्षित रहते हुए कम समय में ज्यादा लोगों का ले सकेंगे सैंपल।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 06:42 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 10:19 AM (IST)
Coronavirus : झारखंड में खुला भारत का पहला साउथ कोरिया के मॉडल वाला फोन बूथ कोविड-19 कलेक्शन सेंटर
Coronavirus : झारखंड में खुला भारत का पहला साउथ कोरिया के मॉडल वाला फोन बूथ कोविड-19 कलेक्शन सेंटर

चाईबासा, जासं। Coronavirus पश्चिमी सिंहभूम जिले के सदर अस्पताल चाईबासा के परिसर में कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित व्यक्तियों की जांच के लिए स्थाई फोन बूथ कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर खोला गया है। इसका उद्घाटन उपायुक्त अरवा राजकमल ने शनिवार को किया।

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इस फोन बूथ कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर के मदद से एक साथ बड़ी आबादी में वायरस संक्रमण के जांच में सहायता मिलेगी। इस फोन बूथ को गाड़ी में लोड करके अलग-अलग कॉलोनी में भी आसानी से ले जाया जा सकता है और वायरस के संक्रमण से डॉक्टर एवं चिकित्सा कर्मियों के बचाव में काफी भरोसेमंद होगा एवं पीपीई किट की तुलना में इसकी लागत भी काफी कम है।

पीपीई किट की कमी को पूरा करेगा यह स्थाई कलेक्शन सेंटर : डीसी

लोकार्पण के उपरांत उपायुक्त ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में पीपीई किट की ज्यादा डिमांड होने के कारण कमी देखने को मिल रही है और वायरस से पीड़ित लोगों के नमूने संग्रह में इस किट की काफी आवश्यकता होती है। उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन द्वारा काफी प्रयास के उपरांत चिकित्सकों एवं कर्मियों के लिए 200 से ज्यादा पीपीई किट जिले में मंगाया गया है। साउथ कोरिया देश में उपलब्ध मॉडल के आधार पर काफी कम समय एवं काफी कम खर्च में इस स्थाई कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर का निर्माण किया गया है। इस कलेक्शन सेंटर से नमूना संग्रह करने में डॉक्टर्स और चिकित्सा कर्मी वायरस के संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे और पीपीई किट के कमी को दूर किया जा सकता है।

सैंपल कलेक्शन सेंटर जिला प्रशासन की पहल : उप विकास आयुक्‍त 

उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर जिला प्रशासन की एक छोटी सी पहल है। उन्होंने कहा कि पीपीई किट की कीमत लगभग 600 से 3000 रुपये तक है और प्रत्येक जिला में 1000-2000 वन टाइम किट की आवश्यकता पड़ रही है, जबकि इस कलेक्शन सेंटर के निर्माण में 15,000 से 20,000 की लागत आयेगी। अभी देश के कुछ शहरों में घटित घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा फोन बूथ कलेक्शन सेंटर बनाया गया है, इस सेंटर को गाड़ी में लोड कर अलग-अलग मोहल्लों में जाकर एक बहुत बड़ी आबादी का जांच करने और अपने कर्तव्य का निर्वहन करने वाले सभी चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों को वायरस के संक्रमण से सुरक्षित रखने में काफी मददगार साबित होगा। इस सैंपल कलेक्शन सेंटर के माध्यम से सरकारी राशि का कम व्यय होगा और इसकी मदद से काफी कम समय में ज्यादा से ज्यादा संक्रमित व्यक्तियों का नमूना संग्रह किया जा सकेगा।

कलेक्शन सेंटर के बारे में डॉक्टर की राय

इस कोविड-19 कलेक्शन सेंटर के बारे में जिले की सिविल सर्जन डॉ. मंजू दुबे ने बताया कि इसके निर्माण से जिला प्रशासन के द्वारा हम सभी चिकित्सकों के लिए बहुत बड़ा सहयोग होगा। इस कलेक्शन सेंटर के माध्यम से वायरस के संक्रमण से सुरक्षित रहते हुए पीड़ित व्यक्तियों का नमूना संग्रह आसानी से किया जा सकेगा। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. साहिर पॉल ने कहा कि वायरस के संक्रमण से पीड़ित लोगों का स्वाब लेने के समय चिकित्सकों एवं पीड़ित लोगों के बीच संपर्क होने का हमेशा भय बना रहता है लेकिन अब इस कलेक्शन सेंटर के माध्यम से डॉक्टर अपने आपको काफी सुरक्षित महसूस करेंगे और कम समय में हम चिकित्सक लोग ज्यादा से ज्यादा लोगों का उपचार कर पाएंगे।

कोरोना से लड़ाई में मील का पत्थर साबित होगा यह बूथ : बन्ना गुप्ता

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि एक ओर जहां झारखंड में कोरोना से लड़ने के लिए मेडिकल संसाधनों की कमी है, केन्द्र सरकार से बार बार मांगने पर भी पर्याप्त मात्रा में टेस्टिंग किट, पीपीई गाउन, वेंटिलेटर समेत अन्य संसाधन नहीं मिल रहा है। वहीं इस किट का बनना झारखंड में कोरोना से लड़ने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने बूथ बनाने वाली पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि उम्मीद है राज्य स्तर पर इस किट का इस्तेमाल किया जाएगा।


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