Weekly News Roundup Jamshedpur : बेचारे सरकारी स्कूल के शिक्षक,पढ़िए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur. कार्रवाई के डर से हो या और कोई मजबूरी शिक्षकों को यह कार्य करना पड़ रहा है। इससे उनके स्वजन तो चिंतित हैं ही गांव के लोगों की चिंता भी बढ़ गई है।
जमशेदपुर, वेंकटेश्वर राव। Weekly News Roundup Jamshedpur लॉकडाउन के कारण पूरा देश बंद है। सब कुछ ठहरा हुआ है। प्रशासन लोगों को घरों से नहीं निकलने की हिदायत दे रहा है। हर स्कूल के शिक्षक भी अपने घरों में बंद थे। अचानक से सरकार का आदेश निकला कि शिक्षकों को घर से निकलना ही होगा। अब शिक्षक अपने घरो से निकल कर गांवों में जा रहे हैं।
बच्चों के बीच चावल, फल व अंडा खरीदने की राशि बांट रहे हैं। घर से स्कूल तक ये शिक्षक अपने रिस्क पर पहुंच रहे हैं। इसे लेकर शिक्षक संगठनों ने विरोध दर्ज किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अंतत: चावल बांटने का कार्य प्रारंभ हो ही गया। कार्रवाई के डर से हो या और कोई मजबूरी, शिक्षकों को यह कार्य करना पड़ रहा है। इससे उनके स्वजन तो चिंतित हैं ही गांव के लोगों की चिंता भी बढ़ गई है। उधर, गांव में घुसने से ग्रामीण भी रोक रहे हैं।
अब होगी पद के लिए मारामारी
जमशेदपुर वीमेंस यूनिर्विसटी, कोल्हान विश्वविद्यालय तथा झारखंड के पांच विश्वविद्यालयों के लिए वीसी-प्रोवीसी की नियुक्ति के लिए मारामारी शुरू होने वाली है। खासकर, जमशेदपुर वीमेंस यूनिर्विसटी और कोल्हान विश्वविद्यालय में इन पदों को लेकर तीन-चार आवेदक दिखाई दे रहे। इन विश्वविद्यालयों में वीसी-प्रोवीसी पर सरकार की नजर है। कोल्हान विश्विवद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रोफेसर डॉ. शुक्ला माहांती का कार्यकाल भी आठ मई को पूरा हो रहा है। इस विश्वविद्यालय में प्रोवीसी का पद एक वर्ष से खाली पड़ा हुआ है। इन पदों को लेकर आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि, कई शिक्षक प्रमोशन नहीं मिलने के कारण इस पद के लिए आवेदन प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि झारखंड में पढ़ाने वाले शिक्षकों को इसमें शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। इस पर भी निर्णय होना बाकी है। इसबार वीसी व प्रोवीसी के पदों पर नियुक्ति पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए ही होगी।
बंदी में भी वसूलेंगे फीस
लॉकडाउन में स्कूल बंद हैं। लेकिन, प्राइवेट स्कूल संचालक और वाहन संचालक स्टूडेंटस के स्वजन से पूरी फीस वसूली पर अड़े हैं। इसको लेकर किचकिच शुरू हो गई है। इसमें शिक्षा मंत्री भी कूद पड़े हैं। बकौल शिक्षा मंत्री, इस अवधि के दौरान फीस लेने पर कार्रवाई होगी। वहीं, निजी स्कूलों का भी अपना तर्क है। उनका कहना है कि बच्चों की फीस से ही वे कर्मचारियों व शिक्षकों को वेतन देते हैं। इस समय बच्चों को घर पर ही आनलाइन शिक्षा दे रहे हैं। इसलिए फीस तो वसूलेंगे ही। उधर, स्कूली वाहन संचालकों के भाड़े पर संशय की स्थिति है। कुछ ने तो भाड़ा वसूल भी लिया है। वाहन संचालकों का कहना है कि गर्मी की छुट्टी में पहले की तरह बंद अवधि का भाड़ा लेंगे, क्योंकि इस बार गर्मी की छुट्टी नहीं के बराबर होने वाली है। कुल मिलाकर फीस वसूली पर स्कूल व वाहन संचालक अड़े हैं।
वजनदार शिक्षक के संपर्क में गुरुजी
जून माह में शिक्षकों का स्थानांतरण और पदस्थापन होने वाला है। ऐसे में स्कूलों के शिक्षक विभाग के वजनदार शिक्षकों के सामने घूमते नजर आ रहे हैं। ये शिक्षक कह रहे हैं- भाई इस बार हमारा ध्यान जरूर रखिएगा। मालूम हो कि इससे पूर्व नियमों को ताक पर रखकर शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया था। इस कारण निदेशक ने स्थानांतरण पर रोक लगा दी थी। यह मामला अब न्यायालय में चला गया है। अब स्थानांतरण की सुगबुगाहट तेज हो गई है। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले शिक्षक जहां शहर आने की सोच रहे हैं, वहीं, शहर में रहने वाले शिक्षक शहर में ही रहना चाहते हैं। वजनदार शिक्षकों की बात करें तो चार-पांच शिक्षक ही हैं, जो विभाग के काफी नजदीक रहते हैं। इसके अलावा तीन लिपिक भी इस स्थानांतरण के कार्य में निपुण हैं। लिपिकों के जरिए सूची में शामिल शिक्षकों के नाम का पता किया जा रहा है।