Move to Jagran APP

Coronavirus Effect : ये मुस्‍कान कुछ कहती है... जिन्‍हें नहीं मिल रहा था कामकाजी मां-बाप का प्‍यार, आज उनकी गोद में बैठे हैं

coronavirus Effect. अन्‍वी इतनी समझदार कभी न थी। आज पापा के कंधे पर चढ़कर घर भर घूमने के लालच में ही सही खुद होमवर्क करने बैठ रही है तो आशु मां से गले लगकर फूले नहीं समा रहा।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 06:32 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 06:32 PM (IST)
Coronavirus Effect :  ये मुस्‍कान कुछ कहती है... जिन्‍हें नहीं मिल रहा था कामकाजी मां-बाप का प्‍यार, आज उनकी गोद में बैठे हैं
Coronavirus Effect : ये मुस्‍कान कुछ कहती है... जिन्‍हें नहीं मिल रहा था कामकाजी मां-बाप का प्‍यार, आज उनकी गोद में बैठे हैं

जमशेदपुर, जेएनएन। Coronavirus Effect माता-पिता के साथ समय ब‍िताने के आतुर बच्‍चे। बच्‍चों को कुछ पल देने को तरसते और आत्‍मग्‍लानि के बोध से भारी मन का बोझ उठाते बढ़ते  माता-पिता।  लेकिन यह कैसा अंधेरा आया कि उजाले से बाबस्‍ता हो गए।

loksabha election banner

अन्‍वी इतनी समझदार कभी न थी। आज पापा के कंधे पर चढ़कर घर भर घूमने के लालच में ही सही खुद होमवर्क करने बैठ रही है तो आशु मां से गले लगकर फूले नहीं समा रहा। अक्‍की कभी होम वर्क पूरा करता है तो कभी गिटार बजाकर खुद को बहलाता है। आज किसी को न यह कहने की जरूरत कि मुझे फुर्सत नहीं और न ही किसी को डरने-लरजने की जरूरत । जी हां,बात हो रही है कि कोरोना की वजह से लॉकडाउन में घरों में बंद जिंदगी की। आइए जानिए कैसे घरों में आम ओ खास के बीत रहे दिन।  

ऐसे बीत रहा समय

लॉकडाउन के दौरान घर-घर में समय गुजारने का अपना-अपना तरीका निकाला जा रहा है। किसी ने घर में जिम बना पसीना बहाना शुरू कर दिया है तो कोई लजीज व्यंजन बना खाने-पीने का शौक पूरा कर रहा है। वहीं बच्चे व महिलाएं लूडो, कैरम, सांप-सीढ़ी खेल कर समय गुजार रहे। देर रात तक लोग टीवी देख रहे, सुबह देर से जाग रहे।  दयानंद पब्लिक स्कूल (डीपीएस) साकची की प्रि‍सपिल  स्वर्णा मिश्र सुबह की शुरुआत लगभग किताब पढ़कर करती हैं। कहती हैं- पहले पढ़ने के लिए समय ही नहीं मिलता था। वह सुबह के दस बजे से ऑनलाइन क्लास की मॉनिटरिंग करती हैं। शिक्षक बच्चों को क्या पढ़ा रहे हैं? छात्रों को कहीं कोई दिक्कत तो नहीं हो रहे हैं? इसकी निगरानी करती हैं। समय-समय पर छात्रों एवं शिक्षकों को निर्देश भी दे रही हैं। शाम को पूरी तरह परिवार के साथ समय बिताती हैं। स्वर्णा ने बताया कि कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई को सरकार के निर्देशों का पालन कर ही जीत सकते हैं। सभी इस वायरस को लेकर सचेत रहें। कोई भी नया आदमी दिखता है तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें।

इनकी सुनें

अब अपना पूरा समय परिवार व बच्चों के साथ गुजार रही हूं। समय काटने के लिए टीवी व इंटरनेट देख लेती हूं। इससे अच्छे से समय बीत रहा है। अब फिटनेस पर भी ध्यान दे रही हूं। यही समय है जब जिंदगी में परिवार का कितनी अहमियत है, इसका पता चल रहा है।

-प्रीति सिंह, आशियाना अनंतरा

कोरोना के कारण सारा काम बंद हो गया है। समय काटने के लिए कभी दोस्तों के साथ फोन पर बात करता हूं तो ज्यादा समय टीवी देखने में गुजर रहा हूं। कभी-कभी पत्नी के साथ किचेन के काम में हाथ बंटा रहा हूं। बच्चे बाहर जाने की बात करते हैं, उन्हें समझाना पड़ रहा है। घर में रहना हम सबके लिए अच्छा है।

-श्यामू राव, सोनारी

कोरोना वायरस ने ऐसा खौफ पैदा कर दिया है। ऐसे में घर में रहने हमारे लिए बहुत अच्छा है। दिन भर घर में बच्चों व परिवार के साथ गुजारने से सुखद अनुभूति हो रही है। घर में खाना बनाने के बाद जो समय मिलता है, वह टीवी देखने में बिताती हूं। इसके अलावा अपनी सहेली व परिवार से फोन पर बात करना नहीं भूलती।

-संगीता प्रसाद, सोनारी

बच्चों को वायरस के बारे में जानकारी देती हूं, ताकि वे बाहर जाने की जिद ना करें। जब खुद बाहर नहीं जाते तब वे भी जिद नहीं करते। इसके अलावा परिवार व बच्चों के लिए मनपसंद खाना तैयार करती हूं। इसमें समय बीत जाता है। समय मिलता है तो टीवी पर समाचार देख लेती हूं।

-रीतू  राउत, सोनारी

व्यवसाय पूरी तरह बंद हो गया है। घर में ही टीवी देखकर अपना समय बीता रहा हूं। रामायण शुरू हो गया है, इससे थोड़ा समय आराम से कट जाएगा। बाकि समय में आम जनता की सेवा करनी है। मैने प्लान बनाया है कि अपनी सोसाइटी के लोगों के साथ मिलकर गरीबों को भोजन कराया जाए।

-मुन्ना अग्रवाल, काशीडीह

बेटी संग खेलने व रिसर्च कार्यो में बीत रहा समय

कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा के भौतिकी विभाग के एचओडी डॉ. आरके कर्ण सुबह समाचारपत्र में खबरें पढ़ते हैं। इसके बाद बेटी के साथ समय बिताते हैं। कुछ देर पढ़ते। फिर खेलते। बेटी की पढ़ाई पूरी होने के बाद वे अपनी पढ़ाई की ओर ध्यान देते हैं। रिसर्च कार्यो को पूरा करने में दोपहर के एक बज जाता है। दोपहर का खाना खाने के बाद वे फिर से रिसर्च के विषयों का अध्ययन विभिन्न माध्यमों से करते हैं। उन्होंने कोरोना के बारे में बताया कि कोराना से बचाव का एकमात्र उपाय सतर्कता है।

 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.