शिव हैं आदि, शिव ही अनंत, शिव हर समस्या का अंत
महाशिवरात्रि का महापर्व 21 फरवरी को है। शहर के शिवालयों में रंगरोगन किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता जमशेदपुर : महाशिवरात्रि का महापर्व 21 फरवरी को है। शहर के शिवालयों में इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है। पूरे शहरवासी नीलकंठ और माता पार्वती के स्वागत के लिए आतुर हैं। शिवालयों को रंग-रोगन कर आकर्षक रूप से सजाया जा रहा है। शहर के कई मंदिरों में बाबा भोलेनाथ संग माता पार्वती की शादी होती है। जिसको लेकर शहर के मंदिरों में तैयारी चल रही है। आइए कुछ मंदिरों के इतिहास और वहां की रही तैयारियों से रू ब रू होते हैं।
निकलेगी शिव बरात, शिव-पार्वती की होगी पूजा
डिमना के शिरोमण नगर स्थित श्रीश्री शिरोमाणि अमरनाथ मंदिर की स्थापना 1990 में किया गया था। अपने जेष्ठ पुत्र स्व. रणविजय सिंह की स्मृति में शिरोमण सिंह द्वारा भूमि दान कर 1996 में मंदिर निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया था। मंदिर के पूजारी हरेकृष्ण शास्त्री ने बताया की हर साल की तरह इस साल भी महाशिवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। दिन में बाबा भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद अभिषेक कर श्रृंगार किया जाएगा। यहां रात को गाजे-बाजे के साथ शिव बारात निकाली जाएगी। जो मंदिर प्रांगण से शुरू होकर डिमना चौक तक जाएगी। इसके बाद भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया जाएगा। पंडित हरेकृष्ण शास्त्री ने बताया की महाशिवरात्रि के मौके पर बाबा भोलेनाथ जलार्पण से ही खुश हो जाते हैं।
महाशिवरात्रि पर सुबह चार बजे खुलेगा मंदिर का पट
महाशिवरात्रि के मौके पर साकची स्थित शीतला माता मंदिर का पट सुबह चार बजे ही खोल दिया जाएगा। मंदिर में शाम को रुद्रभिषेक होगा। शीतला मंदिर की स्थापना 1979 में हुई थी। मंदिर के पुजारी राजू वाजपेयी ने बताया कि ऐसा माना जाता है कि माता की प्रतिमा यहां खुद उत्पन्न हुई है। महाशिवरात्रि को लेकर मंदिर में व्यापक रूप से तैयारी चल रही है। यहां सुबह से लेकर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। शाम आठ बजे से मंदिर के सारे पुजारी रुद्राभिषेक करेंगे, जो चार से पांच घंटे तक चलेगी। उसके बाद शिव और पार्वती का विवाह होगा। मंदिर के पुजारी राजू वाजपेयी ने बताया की यह शिवरात्रि बड़ा ही शुभ योग में है।
महाशिवरात्रि पर दो दिवसीय महोत्सव 21 से
इस्ट बंगाल कॉलोनी स्थित प्राचीनकालीन आदि काली मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारी पूरे शबाब पर है। महाशिवरात्रि के मौके पर 21 फरवरी को सुबह छह बजे से राधाकृष्ण के अधिवास के साथ अष्टप्रहर कीर्तन का शुरू होगा। शाम आठ बजे राधाकृष्ण पूजन व रात दस बजे से शिव-पार्वती पूजन शुरू होगा। मंदिर कमेटी के प्रवीर दास, बाबला, शंकर दास व सुजीत डे ने बताया कि 22 फरवरी की शाम 7.30 बजे अमावस्या के मौके पर आदि काली मंदिर में स्थापित मा काली की पूजा की जाएगी। इसके बाद भक्तों के बीच महाभोग, भंडारा का आयोजन किया जाएगा। दो दिवसीय महोत्सव को सफल बनाने के लिए सभी भक्त जुटे हैं।