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अमित राय हत्याकांड में अखिलेश सिंह, हरीश सिंह और जसवीर सिंह बरी

अमित राय की हत्या 6 दिसंबर 2016 को सोनारी में गोली मारकर की गई थी। इस मामले में अखिलेश सिंह हरीश सिंह कन्हैया सिंह सुधीर दुबे और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज थी।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 09:38 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 09:38 PM (IST)
अमित राय हत्याकांड में अखिलेश सिंह, हरीश सिंह और जसवीर सिंह बरी
अमित राय हत्याकांड में अखिलेश सिंह, हरीश सिंह और जसवीर सिंह बरी

जमशेदपुर (जासं)। सोनारी निवासी अमित राय की हत्या में आरोपित गैंगस्टर अखिलेश सिंह, उसके सहयोगी हरीश सिंह और जसवीर सिंह को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश 13 प्रभाकर कुमार की अदालत ने बुधवार को बरी कर दिया। तीनों आरोपितों पर हत्या में साजिशकर्ता बताया गया था।

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अमित राय की हत्या 6 दिसंबर 2016 को सोनारी शिवगंगा अपार्टमेंट के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसके पिता नागेंद्र राय की शिकायत पर सोनारी थाना में अखिलेश सिंह, हरिश सिंह, कन्हैया सिंह, सुधीर दुबे और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अमित राय कभी अखिलेश सिंह का सहयोगी हुआ करता था। अखिलेश सिंह के विरोधी उपेंद्र सिंह के साथ रहने, गिरोह की जानकारी पुलिस को देने के कारण अमित राय की हत्या करवा दी गई थी।

पुलिस ने हत्या की तफ्तीश करते हुए सुधीर दुबे, कन्हैया सिंह, मोहन यादव, संजीव गोराई, अजय मंडल और संजय सोना को गिरफ्तार किया था। अखिलेश सिंह, हरिश सिंह और जसवीर सिंह फरार थे। 30 जुलाई 2018 को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश पांच सुभाष की अदालत ने सुधीर दुबे, कन्हैया सिंह, मोहन यादव और संजीव गोराई को हत्या में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई जबकि अजय मंडल और संजय सोना को बरी कर दिया था। अखिलेश सिंह, हरिश सिंह और जसवीर ंिसह की गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में सभी के खिलाफ अलग से हत्या मामले की सुनवाई चल रही थी। न्यायाालय ने सभी को बरी कर दिया। सुधीर दुबे और कन्हैया सिंह

सह अपील बेल पर जमानत पर है। हत्या के बाद पुलिस ने अखिलेश सिंह को गुरुग्राम से 11 अक्टूबर 2017, हरिश सिंह को पटना से, सुधीर दुबे को बक्सर से और कन्हैया सिंह को पलामू से गिरफ्तार किया था।

अमित राय पर 23 सितंबर 2016 को की गई थी फायरिंग 

अमित राय पर साकची सुवर्णरेखा फ्लैट के पास 23 सितंबर 2016 को फायङ्क्षरग की गई थी। साकची थाना में अखिलेश ंिसह, हरिश ंिसह, कन्हैया सिंह, सुधीर दुबे और उसके गुर्गो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी इस मामले में सभी आरोपित 4 फरवरी 2020 को साक्ष्य अभाव में बरी कर दिए गए।


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