दूतावास के हस्तक्षेप से मुक्त हुआ दुबई में बंधक बना जमशेदपुर का युवक, ये रही पूरी कहानी Jamshedpur News
यह युवक प्लेसमेंट एजेंसी को मोटी रकम चुका कर वेल्डर की नौकरी करने दुबई गया लेकिन वहां उसे घरेलू नौकर बना दिया गया। वापस लौटने के लिए उसे काफी मशक्कत करनी पड़ी।
By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 01:43 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 01:43 PM (IST)
नौकरी के नाम पर धोखा
- वेल्डर के रूप में गया दुबई, वहां बना दिया गया नौकर
- मानगो की एजेंसी के जरिए पैसा कमाने गया था विदेश
- दूतावास के हस्तक्षेप से मुक्त हुआ बंधक बना भुक्तभोगी युवक
- एक लाख देकर लौटा घर, शिकायत के वाबजूद नहीं हुई कार्रवाई
- आठ महीने से चक्कर लगा रहे युवक ने सिटी एसपी से की मुलाकात
जमशेदपुर, जासं। आदित्यपुर के कुलुपटांगा का रहने वाला संतोष गिरी मानगो की रिती प्लेसमेंट एजेंसी को दो लाख रुपये देकर वेल्डर की नौकरी करने दुबई गया। वहां जाने पर उसे एक घर में नौकर के रूप में काम करने को कहा गया। विरोध करने पर उसे बंधक बना लिया गया।
बाद में भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप से मुक्त होकर घर वापस लौटा। मई 2019 में उसने एजेंसी के खिलाफ आजादनगर थाने में शिकायत की। आठ महीने से चक्कर लगाने के बाद जनवरी में प्राथमिकी तो दर्ज हुई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। संतोष ने मंगलवार को सिटी एसपी से मुलाकात कर एजेंसी पर कार्रवाई की मांग की।
विरोध करने पर मारपीट
संतोष गिरी ने बताया कि रिती प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए वेल्डिंग के जॉब में दुबई गया था। वहां यूएई की कंपनी होस्टन मेरीन इंजीनियरिंग सर्विस ने घर के काम में लगा दिया। इसका विरोध करने पर उसे दुबई में एक कमरे में बंद कर मारपीट की गई। उसने भारतीय दूतावास से संपर्क किया। दूतावास ने संतोष को वहां से आजाद कराया। बाद में उसने विदेश मंत्रालय से संपर्क किया। जब संतोष दुबई से भारत लौटने लगा तो होस्टन मेरीन इंजीनियरिंग सर्विस ने एग्रीमेंट तोडऩे के एवज में एक लाख रुपये की मांग की। उसने फोन कर होस्टन मेरीन के खाते में परिजन से एक लाख रुपये जमा कराया। उसके वाद वापस लौट सका।
थाने का लगा रहा चक्कर
उसने बताया कि विदेश मंत्रालय से शिकायत की। विदेश मंत्रालय ने प्रदेश के डीजीपी से मानगो की रिती प्लेसमेंट एजेंसी और मुंबई की एजेंसी जीडी वल्र्ड वाइड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने को कहा था। मंत्रालय के पत्र के आधार पर आजादनगर थाने में आवेदन दिया। कई महीने दौडऩे के बाद जनवरी 2020 में आजादनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
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