सरकारी एंबुलेंस खा रही जंग, निजी एंबुलेंस का अस्पताल बना स्टैैंड Jamshedpur News
एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर में सरकारी एंबुलेंस जंग खा रही है और निजी एंबुलेंस का अस्पताल स्टैैंड बन गया है। एक ही एंबुलेंस में मरीज व शव दोनों ढोए जा रहे। इससे संक्रमण का खतरा है।
जमशेदपुर, अमित तिवारी। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक तरफ जहां 24 घंटे निजी एंबुलेंस की लाइन लगी रहती है, वहीं सरकारी एंबुलेंस जंग खा रही है। ऐसी स्थिति में निजी एंबुलेंस चालकों की मनमानी जारी है।
वह मरीज व मृतक के स्वजन की आर्थिक स्थिति देखकर दाम वसूलते हैं। करीब आधा दर्जन से अधिक निजी एंबुलेंस चालकों ने एमजीएम अस्पताल को कमीशन का अड्डा बना रखा है। नियम को ताक पर रखकर यहां निजी एंबुलेंस संचालित की जा रही है। एक ही एंबुलेंस में मरीज व शव दोनों ढोए जा रहे हैं। जबकि, मरीजों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। इससे जानलेवा संक्रमण की आशंका बनी रहती है।
एमजीएम में आठ एंबुलेंस, चार पड़ी है खराब
- स्थान - सरकारी दर - निजी दर
- एमजीएम से रांची रिम्स - 2100 - 4000-6000
- एमजीएम से टीएमएच - 70 - 300-700
- एमजीएम से टेल्को - 140 - 500-800
- एमजीएम से बारीडीह मर्सी - 70 - 300-600
- एमजीएम से टिनप्लेट - 70 - 300-600
- एमजीएम से ईएसआइ - 154 - 500-900
- एमजीएम से मेडिका - 98 - 400-800
- एमजीएम से ब्रह्मानंद - 140 - 500-900