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Cyber Crime : बड़ा शातिर है यह गिरोह, एटीएम कार्ड का क्लोन बना कर 10 करोड़ तक उड़ाए

साइबर गिरोह अब तक लोगों के खाते से कम से कम 10 करोड़ रुपये तक उड़ा चुका है। गिरोह जमशेदपुर के अलावा पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला में भी साइबर घटनाओं को अंजाम देता है।

By Edited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 09:54 AM (IST)
Cyber Crime : बड़ा शातिर है यह गिरोह, एटीएम कार्ड का क्लोन बना कर 10 करोड़ तक उड़ाए
Cyber Crime : बड़ा शातिर है यह गिरोह, एटीएम कार्ड का क्लोन बना कर 10 करोड़ तक उड़ाए

जमशेदपुर, जासं। साइबर पुलिस ने झारखंड के जमशेदपुर शहर में साइबर क्राइम करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। ये गिरोह अपनी चार टीम बना कर सुनियोजित ढंग से शहर में अपराध को अंजाम दे रहा है। गिरोह जमशेदपुर के अलावा पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला में भी साइबर घटनाओं को अंजाम देता है। गिरोह के सदस्य 2017 से शहर के एटीएम में स्कीमिंग मशीन लगा कर ग्राहकों के एटीएम का क्लोन बना कर उनके बैंक खाते खाली कर रहे हैं।

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साइबर थाना प्रभारी का आकलन है कि गिरोह अब तक शहर के लोगों के खाते से कम से कम 10 करोड़ रुपये तक उड़ा चुके हैं। साइबर पुलिस ने मानगो के डिमना रोड स्थित शंकोसाई इलाके से छापामारी कर बिहार के नालंदा के इटौरा के रहने वाले एक शातिर साइबर अपराधी रुपेश उर्फ रीतेश को गिरफ्तार किया है। चार अपराधी भागने में कामयाब रहे। इसके पास से पुलिस ने 21 एटीएम कार्ड, 13 बैंक पासबुक, नौ चेक बुक, 12 फर्जी आधार कार्ड, आठ फर्जी वोटर कार्ड, तीन पैन कार्ड, तीन सिम कार्ड और 140 लोगों के पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ बरामद किए हैं।

खुलासे से हैरत में रह गई पुलिस

पुलिस ने घाटशिला का प्रदीप मजूमदार से पूछताछ के बाद बागुनहातु में मंतोष की तलाश में उसके घर में छापामारी की, लेकिन वो नहीं मिला। वहां रुपेश नजर आया और उसे दबोच लिया गया। वो शंकोसाई में अपनी बहन के घर रहता था। वहां पुलिस ने छापामारी कर तलाशी ली। इस अपराधी ने पूछताछ में अपने गिरोह के बारे में जो जानकारी दी उसे सुन कर सबको हैरत हुई कि साइबर अपराधी शहर में लोगों के बैंक खाते को निशाना बना रहे हैं और किसी को इसकी भनक तक नहीं लग सकी थी। लेकिन, साइबर थाना प्रभारी को इस गिरोह की गुप्त सूचना मिली तो उन्होंने अपनी टीम लेकर डिमना रोड पर उलीडीह थाने के थोड़ा आगे नए खुले होटल के पास खड़े रीतेश को धर-दबोचा। चार-पांच साइबर अपराधी भागने में कामयाब रहे।

कांता उर्फ गोपाल राणा है गिरोह का सरगना

गिरोह का सरगना गोपाल राणा उर्फ कांता उर्फ मुन्ना है। उसका दाहिना हाथ माना जाने वाला मुन्ना पटना का रहने वाला है। राहुल ग्रुप के सभी सदस्यों के बीच फोन से संपर्क रखता है। गिरोह के अन्य सदस्यों में बिहार के जहानाबाद का नीलेश उर्फ नीतीश, घाटशिला का प्रदीप मजूमदार, गया के महावीर कॉलोनी का पन्ना कुमार सोनी उर्फ गोपाल (वर्तमान पता भिलाई पहाड़ी), सिदगोड़ा के बागुनहातु का मंतोष पोद्दार, सीएच एरिया का रहने वाला कौशिक और अविनाश हैं। अविनाश का पता अभी पुलिस को नहीं मालूम चला है। प्रदीप मजूमदार और पन्ना कुमार सोनी को पुलिस तीन दिन पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पन्ना कुमार सोनू ने पुलिस को अपना नाम सोनू कुमार महतो बताया था।

स्किमिंग मशीन लगाने में है महारत

पकड़े गए साइबर अपराधी रुपेश को एटीएम में स्कीमिंग डिवाइस और कैमरा लगाने में महारत हासिल है। वो अपने तीन-चार साथियों के साथ मिलकर ये काम अंजाम देता था। शहर में एटीएम कार्ड का क्लोन बना कर जितनी भी साइबर अपराध हुए हैं सब इसी गिरोह ने अंजाम दिए हैं।

2017 से शहर में घटनाओं को अंजाम दे रहा है गिरोह

साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि कान्हू ने दिसंबर 2017 में शहर में साइबर गिरोह बनाया था। जब गिरोह बना था तो इसमें मात्र पांच सदस्य थे। अब इनके सदस्यों की संख्या 12 के आसपास पहुंच चुकी है।

ऐसे देते हैं घटनाओं को अंजाम

पकड़े गए साइबर अपराधी ने साइबर पुलिस को बताया कि शहर में उनकी चार टीमें काम करती हैं। सभी टीमों के पास बाकायदा वाहन मौजूद हैं। एक टीम शहर का जायजा लेकर सरगना को शहर के उन एटीएम की सूची देती है जहां गिरोह आराम से स्कीमिंग डिवाइस लगा सके। स्कीमिंग डिवाइस के जरिए ही एटीएम कार्ड का क्लोन बनाया जाता है। सूची मिलने के बाद सरगना इसे दूसरी टीम को देते हैं जो इसमें शामिल एटीएम मशीनों में स्कीमिंग डिवाइस लगाती है। इसके बाद तीसरी टीम इन एटीएम में पहुंच कर स्कीमिंग डिवाइस निकालती है और एटीएम का क्लोन बना कर चौथी टीम को देती है। अपराधियों की चौथी टीम एटीएम के क्लोन के जरिए लोगों के बैंक खाते से उनके पैसे उड़ाती है।

प्रदीप व पन्ना बैंकों में खुलवाते थे खाते

गिरोह में शामिल प्रदीप मजूमदार और पन्ना का काम बैंक कर्मियों से मिलीभगत कर जाली आधार कार्ड व पैन कार्ड बनवा कर खाते खुलवाना था। गिरोह ने इंडियन बैंक, साकची के आइसीआइसीआइ बैंक में खाते खुलवाए हैं। राहुल, मंतोष व कौशिक एटीएम कार्ड धारकों से जानकारी लेकर उनका बैंक खाता साफ करने का काम करते थे।


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