Coronavirus Jamshedpur Update: तीन दिन में टीएमएच में भर्ती हुए 200 कोविड मरीज, 46 की मौत
Coronavirus Jamshedpur कोरोना का सेकेंड वेब ज्यादा खतरनाक है। देश भर में यह तेजी से फैल रहा है क्योंकि इस वायरस के संक्रमण क्षमता काफी ज्यादा है। सेकेंड वेब में पिछले तीन सप्ताह में हम उस स्तर पर पहुंच चुके हैं जहां पिछली बार छह से सात सप्ताह में थे।
जमशेदपुर, जासं। लौहनगरी में कोविड 19 का संक्रमण कितनी तेजी से फैल रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तीन दिनों में टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में कुल 200 मरीज भर्ती हुए जबकि 46 मरीजों की मौत हुई।
टीएमएच के स्वास्थ्य सलाहकार डा. राजन चौधरी ने शुक्रवार शाम टेली कांफ्रेंस के माध्यम से यह जानकारी दी। बकौल डा. चौधरी, वर्तमान में अत्यंत गंभीर मरीज टीएमएच पहुंच रहे हैं। जिन मरीजों का शुगर लेवल अनियंत्रित है यानि 300 से 400 से ऊपर है या जो क्रोनिक फेफडे के कैंसर से पीड़ित हैं उनके रिकवर करने में सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। डा. चौधरी ने बताया कि 40 से 60 वर्ष वाले 21 और 60 से 80 वर्ष वाले 22 मरीजों की मौत हुई है। इनमें 60 प्रतिशत मौत कोरोना व निमोनिया के कारण हुई है। वहीं, नौ मरीज ऐसे भी हैं जिनकी उम्र 80 वर्ष से अधिक है। डा. चौधरी ने बताया कि अब तक उनके पास एक भी ऐसा मामला नहीं आया है जिसमें किसी मरीज ने वैक्सीन के दोनों डोज लिए और उनकी मौत हो गई है।
543 बेड और सभी फुल
डा. चौधरी ने बताया कि टीएमएच में वर्तमान में 543 बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित हैं। इनमें से 393 बेड ऑक्सीजन युक्त, 48 इनवेसिव वेंटीलेटर और 75 नॉन इनवेसिव बेड हैं और सभी मरीजों से फूल हैं। उन्होंने बताया कि अब तक टीएमएच में 5467 मरीजों को कोविड के लिए भर्ती किया जा चुका है।
सेकेंड वेब ज्यादा खतरनाक
डा. चौधरी ने बताया कि कोरोना का सेकेंड वेब ज्यादा खतरनाक है। देश भर में यह तेजी से फैल रहा है क्योंकि इस वायरस के संक्रमण क्षमता काफी ज्यादा है। उन्होंने बताया कि सेकेंड वेब में पिछले तीन सप्ताह में हम उस स्तर पर पहुंच चुके हैं जहां पिछली बार छह से सात सप्ताह में थे। गंभीर बीमारी और मौत के आंकड़े में भी हम अगस्त-सितंबर में जो स्थिति थी उससे कहीं आगे निकल चुके हैं।
टीएमएच में ऑक्सीजन की कमी नहीं
डा. चौधरी ने बताया कि देश के दूसरे शहरों की तुलना में टीएमएच में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। संक्रमण के बढ़े खतरे के कारण ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ गई है। वहीं, उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर घर लेकर जाने वाले मरीजों से कहा कि ऑक्सीजन मास्क प्रॉन पोजिशन में लेटे। वहीं, जिन मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है वे भी ऑक्सी मीटर अपने साथ रखे। यदि शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 94 से कम है तो किसी भी नजदीकी अस्पताल में भर्ती हो।
आरटी-पीसीआर में निगेटिव, लक्षण है तो रहे होम आइसोलेशन में
टीएमएच के स्वास्थ्य सलाहकार ने बताया कि पहले आरटी-पीसीआर का सक्सेस रेट 90 प्रतिशत था जो अब घटकर 75 प्रतिशत पर आ गया है। सेकेंड वेब में देखा गया है कि मरीज की कोविड टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव है लेकिन उसमें लक्षण है। ऐसे मरीजों को चाहिए कि वे अपने घर पर ही आइसोलेशन में रहे और पांच दिन बाद दोबारा अस्पताल आकर अपनी जांच कराएं।