विलय के खिलाफ शहर के 20 बैंकों में लटके रहे ताले, 120 शाखाओं में नहीं हुआ काम Jamshedpur News
हड़ताल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र के 16 बैंक तो बंद थे ही निजी क्षेत्र के कर्णाटका साउथ इंडियन लक्ष्मी विलास व फेडरल बैंक भी बंद रहे।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक सेक्टर) के छह बैंकों के विलय की घोषणा की है। इसके खिलाफ मंगलवार को शहर के 20 बैंकों में सुबह से शाम तक ताला लटका रहा। इन बैंकों के कर्मचारी अपने-अपने बैंक के सामने बैनर-पोस्टर लगाकर धरना-प्रदर्शन करते रहे।
हड़ताल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र के 16 बैंक तो बंद थे ही, निजी क्षेत्र के कर्णाटका, साउथ इंडियन, लक्ष्मी विलास व फेडरल बैंक भी बंद रहे। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ निजी क्षेत्र के आइसीआइसीआइ, आइडीबीआइ, एचडीएफसी, एक्सिस आदि बैंकों में सामान्य दिनों की तरह कामकाज हुआ। बंद का असर एटीएम सेवा पर मिला-जुला रहा। हड़ताल में शामिल बैंकों की शाखाओं में जो एटीएम थे, वे बंद रहे। बाकी एटीएम सामान्य रूप से चल रहे।
बंद कराया बैंक ऑफ बड़ौदा का क्षेत्रीय कार्यालय
बिष्टुपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा परिसर में ही इसका क्षेत्रीय कार्यालय भी है। सुबह करीब नौ बजे इसका कार्यालय जब खोला जाने लगा, तो झारखंड प्रदेश बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के जिला महासचिव सुजीत घोष, उपमहासचिव एसके अदख, प्रदेश महासचिव आरबी सहाय, अमिताभ घोष आदि ने गेट बंद करा दिया। ये बाकी साथियों के साथ हड़ताल का बैनर लगाकर मुख्यद्वार पर बैठ गए।
इसके बाद डीआरएम अपने अधिकारियों के साथ लौट गए। हड़तालियों ने बिष्टुपुर स्थित बैंक ऑफ इंडिया का क्षेत्रीय कार्यालय खुलने ही नहीं दिया। वहीं बिष्टुपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक के गेट पर आरए सिंह अपने साथियों के साथ धरना पर बैठे थे, जबकि एसोसिएशन के उपमहासचिव हीरा अरकने अपने साथियों के साथ विभिन्न शाखाओं में हड़ताली साथियों का हौसला बढ़ाते रहे।
करीब 25 हजार चेक नहीं हुए क्लीयर
हड़ताल की वजह से जमशेदपुर में लगभग 120 शाखाओं में कामकाज नहीं हुआ। एसोसिएशन के मुताबिक लगभग 100 एटीएम में दोपहर दो बजे तक करेंसी खत्म हो गए थ। अब इनमें बुधवार को दोपहर तक नोट डाले जाएंगे। बैंकों के बंद रहने से करीब 25 हजार चेक क्लीयरिंग के लिए नहीं गए। इससे शहर में लगभग 350 से 400 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है। हड़ताल को सफल बनाने में कॉमरेड पुलक सेनगुप्ता, एके भौमिक, प्रेमलाल, केके सहाय, सुमित मुखर्जी, किंजल, अधिक रजक, पंकज, सुंदर मुर्मू, प्रभु प्रसाद वर्मा, चिता सोरेन, महिमा प्रभाकर, जेमा जोंको आदि सक्रिय रहे।
सीटू व बीएसएसआर का मिला समर्थन
विलय के खिलाफ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हड़ताल को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) व बिहार स्टेट सेल्स रिपे्रंजेटेटिव्स यूनियन (बीएसएसआर) समेत अन्य यूनियनों का भी नैतिक समर्थन मिला।