Move to Jagran APP

जमशेदपुर पूर्वी में कास्ट कार्ड पर दिग्गजों की पैनी नजर

झारखंड की 81 में से सबसे हॉट सीट की पहचान बना चुके जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में कोई विकास की गंगा में डुबकी लगाना चाह रहा है तो कोई भय का माहौल दिखा अपना बेड़ा पार करने का जुगत भिड़ा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 05:32 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:19 AM (IST)
जमशेदपुर पूर्वी में कास्ट कार्ड पर दिग्गजों की पैनी नजर
जमशेदपुर पूर्वी में कास्ट कार्ड पर दिग्गजों की पैनी नजर

विश्वजीत भट्ट, जमशेदपुर : झारखंड की 81 में से सबसे हॉट सीट की पहचान बना चुके जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में कोई विकास की गंगा में डुबकी लगाना चाह रहा है तो कोई भय का माहौल दिखा अपना बेड़ा पार करने का जुगत भिड़ा रहा है। कोई अपनी बौद्धिकता से समावेशी संस्कृति को समेटने में जुटा है तो कोई पिछले कई वर्षो के अपने संघर्ष की दुहाई देते हुए वोट मांग रहा है। लेकिन, अंदरखाने की स्थिति इससे कुछ उलट है। हर दिग्गज का थिंक टैंक कास्ट कार्ड (जातीय कार्ड) पर ज्यादा मगजमारी कर रहा है और रणनीति यह बना रहा है कि यह कार्ड उसी के काम आ सके।

loksabha election banner

बेशक, जमशेदपुर पूर्वी की पहचान भगवा दुर्ग के रूप में है। भगवा के वाहकों को हमेशा से हर जाति-वर्ग का समर्थन मिलता भी रहा है। लेकिन, इस बार सत्ता विरोधी रुझान को जाति के कलेवर में लपेटते हुए उसे भगवा से अलग करने की कवायद भी चल रही है। पश्चिम का मैदान छोड़ पूर्वी के अखाड़े में उतरे सरयू राय के रणनीतिकारों का इस पर ज्यादा फोकस नजर आ रहा है। उनके पक्ष में माहौल बनाने वाले रणनीतिकार चुनाव के इस आरंभिक दौर में ऐसे ही तबके के प्रमुख चेहरों का आगे कर रहे हैं। नामांकन के दिन दो प्रभावशाली जातियों के दो चिर परिचित चेहरे सरयू के अगल-बगल डटे रहे। माना गया कि इनके जरिए यह संकेत दिया जा रहा है कि समाज में अपनी मुखरता से जानी जाने वाली इन दो जातियों का झुकाव निर्दलीय प्रत्याशी की ओर देखा जा सकता है। इसी तरह इलाके में व्याप्त तथाकथित भय और पुराने वादों को पूरा न होने से पनपे असंतोष को भी भुनाने में सरयू के रणनीतिकार लगे हैं।

भाजपा को भी इसका भान है। इसके नेता भले ही विकास.. विकास.. विकास की बात कह चुनावी महौल बना रहे हैं, लेकिन अंदरखाने इनकी भी रणनीति जाति समुदाय को साधने की है। अगड़ी जातियों के कई जाने-पहचाने स्थानीय नेताओं को चुनाव कार्य की महती जिम्मेदारी देकर विरोधियों की चाल को नाकाम करने की व्यूह रचना की जा रही है।

यदि जमशेदपुर पूर्वी की जातीय संरचना की बात करें तो मोटे आकलन के अनुसार अगड़े वोटरों की संख्या करीब सवा लाख है। इसमें 24 हजार भूमिहार, 24 हजार ब्राह्मण, 21 हजार राजपूत, पांच हजार कायस्थ हैं। इसके अलावा सिख मतदाताओं की संख्या भी 25 हजार के आस-पास बताई जाती है। अन्य की श्रेणी में 10 हजार वोटर गिने जा रहे हैं। इस तरह इन्हीं एक लाख 16 हजार वोटरों की आवाज को अपने पक्ष में करने पर सबका जोर है।

वैसे, चुनावी रणनीतिकार क्षेत्र में अति पिछड़ों की आबादी 65 हजार, अनुसूचित जाति 25 हजार, अनुसूचित जन जाति 30 हजार मानकर चल रहे हैं। 25 हजार मुस्लिम वोट, 15 बंगाली वोट, 15 हजार मारवाड़ी वोट और 10 हजार ईसाई वोटों को भी चुनावी शह-मात के खेल में निर्णायक माना जा रहा है। जीतोड़ मेहनत तो सब कर रहे हैं, लेकिन नतीजा ही बताएगा कि कौन किस हद तक कामयाब हो पाया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.