कानून के रखवालों के बच्चे अपराध को दे रहे अंजाम, आप सिहर जाएंगे इनके कारनामों से
जमशेदपुर के कानून के रखवालों के बच्चे ही अपराध को अंजाम दे रहे हैं। हत्या लूट दुष्कर्म तक के मामले पुलिसकर्मियों के बच्चे अंजाम दे रहे हैं।
जमशेदपुर, गुरदीप राज। जिनके हाथ में कानून की रक्षा करना है, उनके जिगर के टुकड़े ही कानून की धज्जियां उड़ाने में लगे हैं। पुलिसकर्मियों के बच्चों को खाकी वर्दी का खौफ नहीं रहता है। क्योंकि खाकी वर्दी के बीच ही उनका बचपन गुजरता है और बड़े होते-होते तक पिता की बोलचाल का तरीका भी इन बच्चों पर प्रभाव डालता है और एक दिन यही बच्चे हथियार उठाकर गोलियां तड़तड़ाने लगते हैं और बेगुनाह को मौत के घाट तक उतारने से परहेज नहीं करते है।
पूर्वी सिंहभूम जिला की बात करें तो पुलिस विभाग में कार्यरत चंद्रगुप्त सिंह के दो बेटे अखिलेश सिंह व अमलेश सिंह पर हत्या, फायरिंग, रंगदारी के 44 मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। जेलर उमाशंकर पांडेय हत्याकांड में अखिलेश सिंह को उम्र कैद की सजा हो चुकी है।
पुलिसकर्मी के बेटे ने दिया सीरियल क्राइम को अंजाम
वर्ष 2009 में सीरियल क्राइम के नाम से पूरा शहर दहशत में था। शाम होते ही लोग अपने घरों जाने के लिए बेचैन रहते थे क्योंकि कब किस तरह से गोली आ कर लग जाए यह कोई नहीं जानता था। सीरियल क्राइम को पंकज दुबे गिरोह के मासूक उर्फ मनीश अपने सहयोगी शेख हैसामुद्दीन उर्फ कबीर से साथ अंजाम देता था। मासूक के पिता अजय सिंह जिले में सिपाही के पद पर थे। सीरियल क्राइम की इतनी दहशत थी कि उसी समय से जिले में तीन एसपी के पद को सृजित किया गया, जिसमें सीनियर एसपी, ग्र्रामीण एसपी व सिटी एसपी के पद बनाए गए। पहले सीनियर एसपी इस जिला के नवीन कुमार सिंह बने।
पुलिस कर्मी के बेटों ने किया दुष्कर्म व हत्या
रामाधीन बगान निवासी रिंकू साहू की मां तारा साहू गिरिडीह मुख्यालय में महिला सिपाही है। जबकि काशीडीह निवासी कैलाश कुमार के पिता संताराम सीआरपीएफ का जवान है। इन पर एक तीन वर्ष की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उसका सिर काट कर हत्या कर दी। हत्या के दौरान ङ्क्षरकू व कैलाश ने पुलिसकर्मी जैसा ही दिमाग का इस्तेमाल किया और बच्ची का धड़ कहीं और व सिर कहीं और फेंक दिया ताकि उसकी पहचान न हो पाए और पुलिस के शिकंजे से वह दूर रह भाग सके, लेकिन टाटानगर स्टेशन में लगे सीसीटीवी फुटेज ने सारे राज खोल दिए। अब दोनों सलाखों के बीच कैद है।
पुलिसकर्मी भी करने लगे फायरिंग
इंसाफ दिलाने वाले पुलिस अधिकारी पर अब पत्नी को प्रताडि़त करने का आरोप लगने लगा है। इतना ही नहीं पत्नी , उनकी मां व साला पर फायङ्क्षरग भी दारोगा मनोज गुप्ता ने कर दी। जिसके लिए उन्हें निलंबित भी कर दिया गया है और अब वह सलाखों के पीछे हैं। इससे पहले कई दारोगा पर पत्नी ने प्रताडि़त करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज दर्ज कराई है। टेल्को थाना में पदस्थापित सिपाही अंजन शुक्ला टेल्को क्षेत्र में राहगीरों पर गोली चलाता था। इसपर हत्या के आरोप भी लगे हैं।