तेज हो गई देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना की तैयारी
नवरात्र में पूजा-पाठ की तैयारी तेज हो गई है। शहर में पूजा पंडालों के अलावा मंदिरों में सप्तशती का पाठ भी किया जाएगा। इसकी तैयारी के लिए पूजा समितियां दिन-रात लगी हैं।
नवरात्र में पूजा-पाठ की तैयारी तेज हो गई है। शहर में पूजा पंडालों के अलावा मंदिरों में सप्तशती का पाठ भी किया जाएगा। इसकी तैयारी के लिए पूजा समितियां दिन-रात लगी हैं। शहर के अलावा आसपास में दुर्गा पूजा व धार्मिक अनुष्ठानों की तैयारी तेजी से चल रही है। लौहनगरी में लगभग 15 हजार से अधिक घरों में कलश स्थापित किए जाएंगे। यहां के 300 से अधिक पंडालों में भी कलश स्थापना की तैयारी चल रही है। इसके साथ ही लगभग 16 स्थानों पर प्रवचन होंगे। कई जगहों पर पूजा के साथ ही सांस्कृति कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। शारदीय नवरात्र की तैयारी लगभग हर जगहों पर देखी जा रही है। धीरे-धीरे बाजारों में रंगत आने लगी है। प्रतिमाएं तेजी से तैयार की जा रही है। कलश व पूजा के लिए दीये भी बाजार में पहुंच रहे हैं।
कदमा दुर्गाबाड़ी
लागत : 2.5 लाख
स्थापना :1973
अध्यक्ष : भोलानाथ गोस्वामी
महासचिव : तरुण बनर्जी
चेयरमैन : एस चौधरी
कदमा दुर्गाबाड़ी का मुख्य आकर्षण बंगाली रीतिरिवाज से पूजा है। वैसे पूजा समिति इस बार आयोजन में कटौती कर रही है। मंदी के कारण सास्कृतिक कार्यक्रम नहीं किए जाएंगे, जबकि भोग वितरण किया जाएगा। पूजा को लेकर उत्साहित हैं लोग।
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विवेकानंद मिलन संघ, प्रमथनगर
लागत : 8.5 लाख
स्थापना : 1956
अध्यक्ष : नारायण पाल
महासचिव : दुलाल कुमार दास
यहां पूजा का आयोजन दुर्गा व काली पूजा समिति कर रही है। इस बार षष्ठी को पंडाल उद्घाटन के बाद 40 गरीब बच्चों के बीच वस्त्र वितरण किया जाएगा। सप्तमी से नवमी तक सदस्यों द्वारा सास्कृतिक कार्यक्रम किया जाएगा, जबकि अष्टमी को श्रद्धालुओं के बीच भोग वितरण होगा।
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आदि दुर्गाबाड़ी, परसुडीह
लागत : 2.5 लाख
स्थापना : 1944
अध्यक्ष : सूर्य कुमार घोष
महासचिव : अतनु सेनगुप्ता
वरिष्ठ सदस्य : अजय किशोर चक्रवर्ती
परसुडीह की यह पूजा यूनाइटेड सेंटर के छोटे से परिसर में हो रही है। यहां सादगी के साथ पूजा होती है, लेकिन बंगाली रीतिरिवाज के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। सप्तमी से नवमी तक भोग वितरण भी किया जाता है।
उदयन बंगीय संस्कृति व शिक्षा समिति, छोटागोविंदपुर
स्थापना : 1973
सचिव : परितोष महतो
सहसचिव : संजय दास
संयुक्त कोषाध्यक्ष : चिरंजीव साहू व पीयूष मुखर्जी
इस बार संघ की पूजा में षष्ठी को बाउल संगीत का कार्यक्रम होगा, जबकि सप्तमी को स्थानीय महिलाओं के बीच म्यूजिकल चेयर व शंख बजाओ प्रतियोगिता कराई जाएगी। अष्टमी को धुनुची नाच और लड़कियों का ग्रुप डांस होगा, जबकि नवमी को स्थानीय गायक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। इससे पहले मोमबत्ती जलाओ प्रतियोगिता भी होगी।