नवरात्र पर नौ दिनों तक जलेगी अखंड ज्योति
लौहनगरी जमशेदपुर में इस वर्ष अधिकांश समितिया इको फ्रेंडली दुर्गा पूजा मना रही हैं। पूजा पंडालों के साथ प्रतिमाओं में खतरनाक केमिकल का प्रयोग न हो इसका ख्याल रखा जा रहा है।
लौहनगरी जमशेदपुर में इस वर्ष अधिकांश समितिया इको फ्रेंडली दुर्गा पूजा मना रही हैं। पूजा पंडालों के साथ प्रतिमाओं में खतरनाक केमिकल का प्रयोग न हो इसका ख्याल रखा जा रहा है। पर्यावरण के साथ नदी और जलाशयों का पानी दूषित न हो यह प्रयास सामूहिक रूप से किया जा रहा है। पूजा पंडालों के साथ आस्था के केंद्र मंदिरों में भी यही प्रयास किया जा रहा है। शहर के मंदिरों में पूजा को लेकर जोरशोर से तैयारी की जा रही है। मंदिरों में होने वाले दुर्गा पूजा में श्रद्धालुओं का हूजुम उमड़ता है। दूरदराज से माता के भक्त पूजा-अर्चना के लिए शहर के विभिन्न मंदिरों में पहुंचते हैं।
प्रस्तुति : दिलीप कुमार जमशेदपुर दुर्गाबाड़ी :
फोटो : युगल किशोर
साकची स्थित जमशेदपुर दुर्गाबाड़ी इस वर्ष दुर्गोत्सव का 101वा वर्ष मनाएगी। 1919 में स्थापित दुर्गाबाड़ी में पूजा के दौरान इस वर्ष महाषष्ठी के दिन चार अक्टूबर की शाम देवी का आमंत्रण और अधिवास किया जाएगा। इसी दिन मंदिर प्रागण में छऊ नृत्य पेश करेगा। यहा सप्तमी से नवमी तक विधिवत पूजा अर्चना की जाएगी। तीनों दिन भोग वितरण किया जाएगा। विजया दशमी के दिन सिंदूर खेला होता है। दूर दराज से महिलाएं सिंदूर खेलने आती हैं। जमशेदपुर दुर्गाबाड़ी के अध्यक्ष सुमित कुमार बसु और महासचिव देवव्रत पाल हैं।
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साकची दुर्गाबाड़ी :
फोटो : युगल किशोर
साकची चेनाब रोड़ स्थित साकची दुर्गाबाड़ी में बांग्ला रीति रिवाज से दुर्गा पूजा होगा। यहां पूजा के दौरान महाषष्ठी के दिन देवी के आमंत्रण और अधिवास के बाद बंगाल क्लब द्वारा गीत-संगीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद पूजा के दौरान किसी प्रकार का सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा। 1923 में स्थापित मंदिर में चार से आठ अक्टूबर तक दुर्गोत्सव मनाया जाएगा। यहां विजया दशमी के दिन मां के विदाई बेला में महिलाएं जमकर सिंदूर खेलती हैं। सुहागिन महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर पहनाकर दशमी की शुभकामनाएं देती हैं। दुर्गाबाउ़ी के अध्यक्ष अशोक कुमार भट्टाचार्य और महासचिव शांतनु बसु हैं।
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जुगसलाई दुर्गाबाड़ी :
फोटो : 16जेएमडी001डी
जुगसलाई दुर्गाबाड़ी की स्थापना वर्ष 1936 में हुआ था। इस वर्ष पूजा कमेटी अपना 84वां वर्ष पूरा करेगी। यहां दुर्गोत्सव का उद्घाटन चार अक्टूबर को किया जाएगा। महोत्सव के दौरान जुगसलाई दुर्गाबाड़ी में सप्तमी में बच्चों के लिए चित्राकन प्रतियोगिता, अष्टमी में महिलाओं के बीच शख बजाओ प्रतियोगिता और नवमी के दिन पुरुष व महिला श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग आरती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। पूजा में पश्चिम बंगाल के मिदनापुर से ढाक बाजा मंगाया गया है। स्वच्छता के मद्देनजर पूरे परिसर को नो प्लास्टिक जोन घोषित किया गया है। जुगसलाई दुर्गाबाड़ी के अध्यक्ष सुखेन चटर्जी और सचिव संजय दास हैं जबकि लाइसेंसी शभूनाथ बोस है।
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बेल्डीह कालीबाड़ी :
फोटो : युगल किशोर
बेल्डीह कालीबाड़ी में दुर्गोत्सव के दौरान रोज सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। दुर्गा पूजा के लिए तीन अक्टूबर को बेल वृक्ष के नीचे देवी का अकाल बोधन किया जाएगा, जबकि चार को आमंत्रण और अधिवास किया जाएगा। यहां महानवमी के दिन कुमारी पूजन किया जाता है। सात अक्टूबर को दोपहर के वक्त षोड़शोपचार द्वारा कुमारी माता की पूजा अनुष्ठान होगा। पूजनोत्सव के दौरान यहां सप्तमी के दिन कोलकाता के सुब्रत पंडित द्वारा कथक, राजीव भट्टाचार्य द्वारा ओडिसी और तनमय सेनगुप्ता द्वारा भरतनाटयम प्रस्तुत किया जाएगा। अष्टमी के मौके पर शाम को कथक और नवमी को ओडिसी नृत्य पेश किया जाएगा। विजया दशमी के दिन मंदिर में दूर-दराज से महिलाएं सिंदूर खेलने पहुंचती हैं।
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साकची, शीतला मंदिर
फोटो : युगल किशोर
साकची स्थित शीतला मंदिर की स्थापना वर्ष 1984 में हुई थी। मंदिर में दुर्गा पूजा का आयोजन धूमधाम के साथ किया जाता है। यहां नवरात्र के पहले दिन से ही कलश स्थापित कर चंडीपाठ किया जाता है। मौके पर दूर-दराज से भक्त पूजा-अर्चना के लिए प्रतिदिन मंदिर पहुंचते हैं। पंचमी के दिन मंदिर में सुंदरकांड का पाठ किया जाएगा। वहीं सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन भाग का वितरण होगा। मंदिर कमेटी के दुर्गा पूजा के लिए मंदिर प्रागंण में पंडाल का निर्माण कराया जाता है। पंडाल में प्रतिमा स्थापित करने वाले चबुतरे को इस वर्ष ढलाई कर पक्का बनाया गया है। कमेटी के अध्यक्ष सूर्यकांत झा और सचिव राजू वाजपेयी हैं। यहां पूजा अनुष्ठान की तैयारी जोरशोर से की जा रही है।
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मनोकामना नाथ शिव दुर्गा मंदिर
फोटो : युगल किशोर
साकची स्थित मनोकामना नाथ शिव दुर्गा मंदिर में शारदीय नवरात्र के दौरान अष्टमी व नवमी को जागरण का कार्यक्रम होगा। वर्ष 1981 में स्थापित मंदिर में नवरात्र के पहले दिन कलश जलयात्रा निकाली जाएगी। कलश स्थापना के बाद पूजा-अर्चना की जाएगी। नवरात्र के पहले दिन अभिजीत मुहूर्त में दुर्गा पाठ शुरू किया जाएगा। रोज चंड़ीपाठ के साथ अलग-अलग विधि से मां की पूजा की जाएगी। नवरात्र के दूसरे दिन केश संयम पट्टडोर, तीसरे दिन दर्पण व सिंदूर, चौथे दिन मधुपक व तिलक, पांचवें दिन अलंकार पूजन, छठे दिन शाम को बेल्वाभिमंत्रण पूजन, सातवें दिन नव पत्रिका प्रवेश, अर्धरात्री महानिशा पूजन, आठवें दिन महाअष्टमी व्रत पूजन व संधि पूजन, नवमी को नवमी व्रत, हवन व कन्या पूजन, दशमी को विसर्जन के साथ अपराजिता व शमी पूजन किया जाएगा।
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नामदा बस्ती दुर्गा-काली मंदिर
फोटो : 16जेएमडी002डी
गोलमुरी, नामदा बस्ती स्थित दुर्गा मंदिर में भव्य तरीके से दुर्गोत्सव मनाया जाएगा। मंदिर में माता की स्थायी प्रतिमा स्थापित है। वर्ष 1973 में स्थापित मंदिर में इस वर्ष विशाल गुंबद का निर्माण कराया गया है। दुर्गोत्सव के दौरान मंदिर और आसपास के क्षेत्र को आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा। विद्युत बल्बों से मंदिर से गोलमुरी थाना तक सजाया जाएगा। इस दौरान तीन दिन सप्तमी, अष्टमी और नवमी को भोग का वितरण किया जाएगा। पूजा-अर्चना के लिए ओडिशा के चांदीपुर से ढाकी बाजा के साथ सिंह बाजा भी मंगाया गया है। मंदिर में पूजनोत्सव की तैयारी चरम पर है। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष राजकुमार साह और महासचिव मनोज कुमार सिंह हैं। मंदिर में संधि पूजा विधि विधानपूर्वक भव्य रूप से की जाती है।
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उपकार संघ, सोनारी
फोटो : 16जेएमडी003डी
श्रीश्री सार्वजनिक शारदीय नवरात्रि (जंवारा) पूजा, उपकार संघ, कमल चौक, सोनारी में नवरात्र पर अखंड ज्योति जलेगी। यहां पहले दिन ज्योति जलाकर नवरात्र का शुभारंभ होगा। इस वर्ष यहां 21 ज्योत जलेगी। सप्तमी के दिन माता के अस्त्र-शस्त्र यानि बाना आगवानी की जाएगी जबकि अष्टमी के दिन माता का भव्य श्रृंगार के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया जाएगा। नवमी को विधान पूर्वक ज्योति कलश का विसर्जन किया जाएगा। पंडित सुरेश शर्मा द्वारा अनुष्ठान संपन्न कराया जाएगा। उपकार संघ के अध्यक्ष बसंत साहू, महासचिव खेत्रमोहन साहू और सदस्य उमाशंकर शर्मा ने बताया कि इस वर्ष अखंड ज्योति अनुष्ठान की तैयारी जोरशोर से की जा रही है।