जिस फैक्टरी में पिता करते थे काम उसी के मालिक से मांगी 20 लाख रंगदारी Jamshedpur News
बदमाशों ने फ़ोन पर 20 लाख रुपये की मांग करते हुए बात नहीं मानने पर फैक्ट्री मालिक से उनके बेटे को जान से मार देने की धमकी दी थी।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। कदमा थाना क्षेत्र मरीन ड्राइव विजया हैरिटेज निवासी फैक्टरी मालिक राजेश कुमार से फोन पर 20 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की गई थी। नहीं देने पर उनके बेटे को जान से मार देने की धमकी भी मिली थी। इस संबंध में कदमा थाने में आठ सितंबर को अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
इनमें सरायकेला- खरसावां जिले के आरआइटी थाना क्षेत्र निवासी उत्पल मंडल, रांची जिले के रातू रोड के नीरज उपाध्याय उर्फ रुदरा उर्फ ऋषभ और रांची रातू रोड पांड्रा के अमरावती कॉलोनी के आयुष कुमार शामिल हैं। कदमा थाना प्रभारी विनय कुमार और उनकी टीम का मामले के उद्भेदन में अहम भूमिका रही। वरीय पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे ने अपने कार्यालय में शनिवार शाम पत्रकारों को यह जानकारी दी। बताया कि राजेश कुमार आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित इफको मेटल कंपनी के मालिक है। इसी फैक्टरी में मुख्य आरोपित उत्पल मंडल के पिता रवि मंडल कर्मचारी है और मालिक के कार्यालय में ही कार्यरत है। उत्पल भी पिता के साथ ही फैक्टरी परिसर के आवास में रहता है। उसे मालिक की हर गतिविधि की जानकारी थी।
फैक्ट्री में करता था काम
इसी तरह एक अन्य आरोपित आयुष कुमार भी उसी फैक्टरी में काम करता था। कुछ दिन पहले उसने काम छोड़ दिया था। आदित्यपुर स्टील सिटी में काम कर रहा था। उत्पल ने ही रंगदारी मांगने की योजना बनाई थी। आठ सितंबर को राजेश कुमार को फोन पर धमकी दी थी। इस कार्य के लिये नीरज उपाध्याय और आयुष कुमार को रांची से बुलवाया था। सात सितंबर से लगातार फोन कर रहे थे। जिसके कारण राजेश कुमार परेशान हो गए। शिकायत के बाद पुलिस तफ्तीश में लगी रही। मामले में शामिल आरोपित पकड़े गए। जिस फोन और सिम से रंगदारी मांगी गई थी। उसे और एक बाइक बरामद की गई। बाइक आयुष कुमार की है।
रंगदारी में इस्तेमाल फोन फेंक दिया
एसएसपी ने बताया कि रंगदारी के लिए जिस फोन का इस्तेमाल किया था। उसे फेंक दिया था। मोबाइल सिम को तोड़ दिया गया था।
घर बनाने को रुपये की थी जरूरत
उत्पल मंडल मूल रूप से सरायकेला का रहने वाला है। घर बनाने को उसे रुपये जरूरत थी। फैक्टरी में ही रहने के कारण उसे सबकुछ जानकारी दी थी। उसने फैक्टरी मालिक का मोबाइल का नंबर जुगाड़ किया। योजना बनाई कि अगर फोन कर धमकी देंगे। रुपये की मांगे करेंगे तो मिल जाएगा। इंकार करने पर पुत्र को उठा लेने की धमकी देंगे।
कुछ दिन पहले फैक्टरी मालिक से कहा कि दोबारा पुत्र की करानी दुर्घटना
उत्पल मंडल को जानकारी थी कि फैक्टरी मालिक का पुत्र 28 अगस्त को दुर्घटना में घायल हो गया था। स्वास्थ होने के बाद वह फैक्टरी आना शुरू किया। उत्पल मंडल ने फैक्टरी से काम छोड़ चुके आयुष कुमार से संपर्क किया। समझौता किया रंगदारी के रूप में जो रुपये मिलेंगे। उसे आधे-आधे की हिस्सेदारी होगी। आयुष कुमार इसके लिए तैयार हो गया। उसने अपने परिचित नीरज उपाध्याय को भी योजना में शामिल कर लिया। दोनों सात सितंबर को उत्पल मंडल के पास बाइक से पहुंचे। आयुष कुमार ने फेंक नाम से लिए गए मोबाइल सिम से राजेश कुमार को फोन किया। रंगदारी मांगी। फिर नीरज ने फोन किया। बारी-बारी से तीनों फोन करते रहे। डराने को कहा कि पुत्र का दोबारा दुर्घटना कराने चाहते हो तो बोलो। इसके पीछे इनका मकसद था कि जिससे रंगदारी मांगी जा रही है वह जान जाए कि दुर्घटना उन्हीं लोगों ने की थी।
कुछ इस तरह पकड़े गए रंगदारी मांगने वाले
रंगदारी मांगने और धमकी की शिकायत के बाद कदमा थाना प्रभारी विनय कुमार जांच में जुट गए। फैक्टरी मालिक से लेकर कई लोगों से पूछताछ की। पुराने वाद-विवाद को खंगाला। फैक्टरी में रहने वालों से भी पूछताछ की। इसी क्रम में उत्पल मंडल शक के दायरे में आ गया। उसे पुलिस ने उठाया। कड़ाई से पूछताछ की तो सबकुछ उसने उगल दिया।