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घर वाले समझ नहीं पाए बीमारी, जॉन्डिस से हो गई मौत Jamshedpur News

सरायकेला-खरसावां जिले के सीनी स्थित पलासडीह निवासी विश्वनाथ कालिंदी (38) की तबीयत बीते दस दिनों से खराब चल रही थी।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 07:56 PM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 07:56 PM (IST)
घर वाले समझ नहीं पाए बीमारी, जॉन्डिस से हो गई मौत Jamshedpur News
घर वाले समझ नहीं पाए बीमारी, जॉन्डिस से हो गई मौत Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुक्रवार को जॉन्डिस से एक मरीज की मौत हो गई। सरायकेला-खरसावां जिले के सीनी स्थित पलासडीह निवासी विश्वनाथ कालिंदी (38) की तबीयत बीते दस दिनों से खराब चल रही थी। उसके शरीर सहित दोनों आंख पीली हो गयी थी। पेशाब भी पीला हो रहा था। परिजन उसकी बीमारी को समझ नहीं पाए।

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शुक्रवार की सुबह जब उसकी स्थिति अत्यंत गंभीर हुई तो उसे एक नजदीकी डॉक्टर के पास ले जाया गया। वहां पर डॉक्टर ने जॉन्डिस रोग बताते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया। इसके बाद मरीज को मर्सी अस्पताल लाया गया, लेकिन यहां आठ हजार रुपये पहले जमा करने को कहा गया। परिजन के पास उतने पैसा था नहीं जिसके कारण मरीज को एमजीएम अस्पताल लेकर आए। यहां पर डॉक्टरों ने मरीज को मृत घोषित कर दिया।

विश्वनाथ घर का इकलौता पुत्र था। उसकी आठ बहन है, जिसमें सात की शादी हो चुका है। विश्वनाथ ही पूरे घर की जिम्मेवारी थी। मौत होने के बाद परिजन अस्पताल में बिलख-बिलख कर रो रहे थे। उनका कहना था कि अगर मर्सी अस्पताल में मरीज को भर्ती कर लिया जाता और इलाज शुरू हो जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। इधर, शहर में जॉन्डिस बीमारी तेजी से पांव पसार रहा है। एमजीएम अस्पताल में आठ जॉन्डिस के मरीज भर्ती है, जिनका इलाज चल रहा है।

बरसात के दिनों में बढ़ जाता जॉन्डिस

बरसात के दिनों में जो रोग सबसे अधिक होते हैं, उनमें से जॉन्डिस प्रमुख है। जॉन्डिस की वजह से शरीर में खून की कमी होने लगती है और शरीर पीला पडऩे लगता है। पाचन तंत्र भी कमजोर हो जाता है। आंखों के सफेद हिस्से का पीला पडऩा, नाखून का पीला होना और पेशाब में पीलापन इसके लक्षण हैं। इन लक्षणों की अनदेखी भारी पड़ सकती है। जॉन्डिस हेपेटाइटिस 'एÓ या हेपेटाइटिस 'सीÓ वायरस के कारण फैलता है। जॉन्डिस शरीर के अनेक भागों को अपना शिकार बनाता है और शरीर को बहुत हानि पहुंचता है। इस रोग में थोड़ा सी लापरवाही मंहगा पड़ जाता है।


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