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सावन का महीना अबकी इसलिए है खास, बन रहे कई विशेष शुभ संयोग; जानिए

भगवान शिव के प्रिय सावन माह में इसबार कई विशेष शुभ संयोग बन रहे हैं। आइए जानते हैं दस ऐसी बातें जो सावन में होंगी खास।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 01:15 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 01:15 PM (IST)
सावन का महीना अबकी इसलिए है खास, बन रहे कई विशेष शुभ संयोग; जानिए
सावन का महीना अबकी इसलिए है खास, बन रहे कई विशेष शुभ संयोग; जानिए
जमशेदपुर, जेएनएन। इसबार भगवान शिव का प्रिय महीना सावन बुधवार 17 जुलाई से शुरू हो रहा है। इसबार इस माह में कई विशेष शुभ संयोग बन रहे हैं। आइए जानते हैं दस ऐसी बातें जो सावन में होंगी खास।
  1. इसबार सावन मास में 125 वर्षों बाद हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग है।
  2. नागपंचमी भगवान शिव के विशेष दिन सोमवार को आ रहा है। सोमवार और नागपंचमी दोनों ही दिन शिव की आराधना की जाती है, सो नागपंचमी का विशेष महत्व है।
  3. कई वर्षों बाद 15 अगस्त को चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का संयोग बन रहा है। रक्षाबंधन के दिन राष्ट्रीय पर्व होने से देश भर में विशेष उमंग और उत्साह का वातावरण होगा। राखियां भी तिरंगे की ही मिलेगी।
  4. इसबार 17 जुलाई को सूर्य प्रधान उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से सावन की शुरुआत हो रही है। इस दिन वज्र और विष कुंभ योग भी बन रहा है।
  5. इसबार 30 दिन का सावन है और इस दौरान चार सोमवार आएंगे। इसमें तीसरे सोमवार को त्रियोग का संयोग बन रहा है जो विशेष फलदायी होगा।
  6.  सावन मास के ग्रह नक्षत्र संकेत दे रहे हैं कि इसबार खंड वर्षा होगी। देश के अनेक क्षेत्रों में रुक-रुककर बारिश होगी। कहीं बहुत ज्यादा तो कहीं कम।
  7.  20 जुलाई को शुक्र ग्रह अस्त हो रहा है जो 22 सितंबर तक रहेगा। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य करना निषेध है।
  8.  एक अगस्त को हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग बन रहा है। यह संयोग लगभग 125 साल आ रहा है। इस दिन पहला सिद्धि योग, दूसरा शुभ योग, तीसरा गुरु पुष्यामृत योग, चौथा सर्वार्थ सिद्धि योग और पांचवां अमृत सिद्धि योग का संयोग है। पंच महायोग के संयोग में कुल देवी-देवता तथा मां पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
  9. स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की रात्रि नौ बजे के बाद पंचक शुरू हो रहा है इसलिए इससे पूर्व राखी बंधवाना श्रेष्ठ होगा।
  10.  नागपंचमी के दिन चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र और त्रियोग का संयोग भी बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि योग और रवि योग अर्थात त्रियोग के संयोग में काल सर्प दोष निवारण के लिए पूजा करना फलदायी होगा।

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